हेलो CBI से हूं आपके अकाउंट में मनी लॉन्ड्रिंग से पैसा आया हैफिर जो हुआ
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Cyber Fraudsters: कुछ साइबर ठगों ने अहमदाबाद के एक सीनियर सिटीजन को सीबीआई का अधिकारी और सीजेआई बताकर फोन किया और उनसे 1.26 करोड़ रुपये की ठगी कर ली. बाद में पुलिस ने इसके संबंध में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है.
अहमदाबाद. कम्बोडिया के साइबर जालसाजों ने खुद को सीबीआई अधिकारी और भारत का चीफ जस्टिस (सीजेआई) बताकर यहां एक सीनियर सिटीजन से 1.26 करोड़ रुपये की ठगी की. जिसके बाद चार स्थानीय निवासियों को धोखाधड़ी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी. अहमदाबाद साइबर अपराध शाखा के एक अधिकारी ने बताया कि ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ (धन उगाही के लिए ऑनलाइन डराना-धमकाना) के जरिये शिकायतकर्ता को पैसे भेजने के लिए मजबूर किया. उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों ने कथित तौर पर धोखाधड़ी के लिए अपने बैंक खातों का इस्तेमाल होने दिया.
सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) हार्दिक मकाडिया ने बताया कि अहमदाबाद शहर के रहने वाले मोहम्मद हुसैन जाविद, तरुणसिंह वाघेला, बृजेश पारेख और शुभम ठाकर को गिरफ्तार किया गया है. एसीपी ने बताया कि इस महीने की शुरुआत में एक अज्ञात शख्स ने खुद को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में कार्यरत आईपीएस अधिकारी बताते हुए शहर के एक वरिष्ठ नागरिक को वीडियो कॉल किया और उन्हें बताया कि उनके बैंक खाते का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग की गतिविधि के लिए किया गया है और खाते में बड़ी रकम जमा की गई है.
पांच साल के लिए जेल जाना पड़ सकता है
पीड़ित को यह भी बताया गया कि उन्हें पांच साल के लिए जेल जाना पड़ सकता है. लेकिन उनकी उम्र को देखते हुए उन्हें गिरफ्तारी से बचाया जा सकता है, अगर वह वीडियो कॉल के जरिए जांच में सहयोग करें. मकाडिया ने कहा कि ‘इसके बाद तथाकथित पुलिस अधिकारी ने पीड़ित को बताया कि वीडियो कॉल के जरिए जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक अनुरोध दायर किया गया है. फिर, गिरोह के एक अन्य सदस्य ने अपने को चीफ जस्टिस बता कर पीड़ित को फोन किया. कॉल करने वाले ने मौजूदा सीजेआई की तस्वीर को अपनी ‘डीपी’ (डिस्प्ले पिक्चर) के रूप में इस्तेमाल किया.’
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खुद को सीजेआई बताया
खुद को सीजेआई बताने वाले शख्स ने पीड़ित से कहा कि उनके मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हो रही है और उनसे ऑनलाइन पूछताछ की जाएगी. अधिकारी ने कहा कि ‘जालसाजों ने यह दावा करते हुए पीड़ित को अपने बैंक खातों में 1.26 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने के लिए मजबूर किया, कि वे यह जांचना चाहते थे कि यह पैसा अपराध की आय का हिस्सा तो नहीं है. उन्होंने वीडियो कॉल के जरिए पीड़ित पर लगातार नजर रखी और पैसे हस्तांतरित करने के लिए उन्हें अपनी सावधि जमा तोड़ने के लिए भी मजबूर किया.’ अधिकारी ने बताया कि आखिरकार पीड़ित को एहसास हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी की गई है और उन्होंने साइबर अपराध शाखा से संपर्क किया, जिसने सात अक्टूबर को एफआईआर दर्ज की. उन्होंने बताया कि जांच में पता चला कि जालसाजों ने पीड़ित को कम्बोडिया से फोन किया था.
Tags: Cyber Crime, Cyber Crime News, Cyber Fraud, Cyber thugsFIRST PUBLISHED : October 23, 2024, 20:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed