नागरिकों के मौजूदा अधिकारों को नहीं छीनता CAA SC में केंद्र सरकार का हलफनामा

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर केंद्र सरकार ने कोर्ट से CAA के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज करने की मांग की है. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने हलफनामे में कोर्ट को बताया कि साल 2019 में पेश किया गया नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) किसी भी भारतीय नागरिक के कानूनी, लोकतांत्रिक या धर्मनिरपेक्ष अधिकारों को प्रभावित नहीं करता है.

नागरिकों के मौजूदा अधिकारों को नहीं छीनता CAA SC में केंद्र सरकार का हलफनामा
हाइलाइट्सCAA के मुद्दे पर 31 अक्टूबर को 232 याचिकाएं सुनवाई के लिए सूचीबद्धकेंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामाकेंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा- CAA नागरिकों के मौजूदा अधिकारों को नहीं छीनता नई दिल्ली. दीवाली एवं अन्य त्योहारों के अवसर पर नौ दिन की छुट्टी के बाद सुप्रीम कोर्ट सोमवार को खुलेगा. वहीं नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर केंद्र सरकार ने कोर्ट से CAA के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज करने की मांग की. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने हलफनामे में कोर्ट को बताया कि साल 2019 में पेश किया गया नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) किसी भी भारतीय नागरिक के कानूनी, लोकतांत्रिक या धर्मनिरपेक्ष अधिकारों को प्रभावित नहीं करता है. केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत से कहा है कि किसी भी देश के नागरिकों द्वारा भारत की नागरिकता प्राप्त करने की मौजूदा व्यवस्था सीएए से अछूती बनी हुई है और वैध दस्तावेजों और वीजा के आधार पर कानूनी प्रवासन सहित दुनिया के सभी देशों से इजाजत है. सरकार ने याचिकाकर्ताओं पर भी सवाल उठाया है. केंद्र ने याचिकाकर्ताओं पर सवाल उठाते हुए हलफनामे में कहा कि इमिग्रेशन पॉलिसी, नागरिकता और अप्रवासियों को देश से बाहर करने से संबंधित मामले संसद के अधिकार क्षेत्र में आते हैं और जनहित याचिकाओं के माध्यम से इस पर सवाल नहीं उठाया जा सकता है. सरकार ने हलफनामे में कहा है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम की धारा 2 (1) (बी) में एक नया प्रावधान जोड़ा गया है. उसी के अनुसार, अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी या ईसाई समुदायों से संबंधित व्यक्ति, और जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 के तहत छूट दी गई है. इनको विदेशी अधिनियम, 1946, के तहत ‘अवैध प्रवासी’ नहीं माना जाएगा और, ऐसे व्यक्ति 1955 के अधिनियम के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे. यह भी पढ़ें: CAA के मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में 232 याचिकाओं पर होगी सुनवाई गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट सीएए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं सहित करीब 240 जनहित याचिकाओं की सुनवाई करेगा. प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ के समक्ष केवल सीएए के मुद्दे पर 31 अक्टूबर को 232 याचिकाएं सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, जिनमें ज्यादातर जनहित याचिकाएं हैं. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: CAA, Central government, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : October 31, 2022, 07:13 IST