Kuwait Fire: बिना रुके लौट आएगा भारतआखिर Super Hercules चुनने की जानें वजह
Kuwait Fire: बिना रुके लौट आएगा भारतआखिर Super Hercules चुनने की जानें वजह
कुवैत अग्निकांड में हताहत भारतीयों के शव लाने के लिए भारतीय वायुसेना का सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान भेजा जा सकता है. इस विमान को हिंंडन एयरबेस पर स्टैंड-बाय पर रखा गया है. आइए जानते हैं इस विमान की खासियत...
नई दिल्ली, कुवैत अग्निकांड (Kuwait Fire) में मारे गए 49 लोगों में से 42 भारतीय हैं. कई घायल भी हैं, जिनका अस्पतालों में इलाज चल रहा है. विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह कुवैत में हैं, और घायलों से मुलाकात कर रहे हैं. सरकार हताहतों के शव लाने की तैयारी में जुटी है, ताकि जल्द से जल्द उनके परिजनों को सौंपा जा सके. हिंंडन एयरबेस पर भारतीय वायुसेना का सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान स्टैंड-बाय पर रखा गया है. यह बिना रुके कुवैत से भारत आ सकता है. इसकी स्पीड भी हैरान करने वाली है.
कुवैत पहुंचे विदेश राज्य मंत्री ने वहां के विदेश मंत्री अब्दुल्ला अली अल-याह्या से मुलाकात की है. उन्होंने अग्निकांड में मारे गए भारतीय नागरिकों के पार्थिव शरीर को जल्द वापस भेजने का आश्वासन दिया. भारतीय दूतावास ने कहा, विदेश मंत्री ने घायलों के सही इलाज और शवों को भेजने की प्रक्रिया जल्द पूरी करने का भरोसा दिया है. मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने जाबेर और मुबारक अल कबीर अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की है और उनका हालचाल जाना है. सभी घायल सुरक्षित हैं. हालांकि, इनके शव कैसे आएंगे, इसके बारे में अभी जानकारी नहीं दी गई. लेकिन दिल्ली में रक्षा अधिकारियों ने बताया कि वायुसेना का सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान स्टैंड-बाय पर रखा गया है. जरूरत पड़ने पर तुरंत इसे भेज दिया जाएगा. आइए जानते हैं इस विमान की खासियत.
सी-130जे सुपर हरक्यूलिस क्यों खास? सुपर हरक्यूलिस विमान की ऊंचाई 15 मीटर जबकि लंबाई 30 मीटर है और ये एक बार में 19 टन वजन उठा सकता है. यह चार इंजन वाला टर्बोप्रॉप सैन्य परिवहन विमान है. अमेरिकी वायुसेना इसे सैनिकों को ले जाने के लिए इस्तेमाल करती है. यह बिना तैयार रनवे से छोटी उड़ान भरने और लैंडिंग करने में सक्षम है. ये बहुत छोटे रनवे पर उतर सकता है. ऊबड़-खाबड़ ज़मीन पर भी लैंड करने में यह सक्षम है. खराब मौसम का भी इस पर कोई बहुत असर नहीं होता. यह विमान 643 किलोमीटर की रफ्तार से उड़ान भर सकता है और एक बार में 6,852 किमी तक जा सकता है. कुवैत से भारत की दूरी 5,100 किलोमीटर है. इस हिसाब से देखें तो ये विमान एक बार में ही कुवैत से भारत आ सकता है. इस विमान को अमेरिकी सुरक्षा और एयरोस्पेस कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है. 1996 में इसने पहली बार उड़ान भरी थी अमेरिकी वायु सेना, यूएस मरीन कॉर्प्स, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, भारत, इटली और ब्रिटेन की सेना इसका इस्तेमाल करती है. इस विमान को चलाने के लिए न्यूनतम तीन लोगों की जरूरत होती है. इनमें दो पायल और एक लोडमास्टर होते हैं. ये दुनिया का सबसे आधुनिक ट्रांसपोर्ट विमान है. ये स्पेशल ऑपरेशन में भी काम आता है. सर्च और रेस्क्यू के काम में भी इसकी मदद ली जाती है. पैरा ड्रॉप से लेकर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी तक इससे होती है. इस विमान से बड़ी संख्या में सैनिकों को तेजी से कहीं पहुंचाया जा सकता है. उन्हें रसद और अन्य सामान भेजा जा सकता है. उत्तरकाशी में फंसे मजदूरों को निकालने के वक़्त भी ये काम आया. तब इसी विमान से ड्रिल मशीन वहां गई थी. ये विमान 90 लोगों को लेकर उड़ान भर सकता है. 64 सैनिकों को हथियार सहित ले जा सकता है.
FIRST PUBLISHED : June 13, 2024, 19:17 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed