उद्धव सरकार में पटरी से उतरी बुलेट ट्रेन परियोजना को शिंदे-फडणवीस ने 5 माह के भीतर दी रफ्तार
उद्धव सरकार में पटरी से उतरी बुलेट ट्रेन परियोजना को शिंदे-फडणवीस ने 5 माह के भीतर दी रफ्तार
Bullet Train Project: पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे सरकार में इस परियोजना को लेकर उदासीनता बरती जा रही थी. इस कारण परियोजना को अब समय पर पूरा करना मुश्किल लग रहा है. पहले इसे 2023 तक पूरा करना था.
लगता है एकनाथ शिंदे-देवेन्द्र फडणवीस सरकार महाराष्ट्र में विकास कार्यों को गति देने के मामले में कोई सवाल नहीं छोड़ना चाहती है, यही वजह है कि सत्ता में आने के पांच महीने के भीतर ही महाराष्ट्र वाले हिस्से में मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना (बुलेट ट्रेन परियोजना) के लिए बोली आमंत्रण का कार्य पूरा कर लिया गया है. यही नहीं परियोजना को लेकर भूमि अधिग्रहण का कार्य भी लगभग समाप्ति पर है.
न्यूज 18 ने परियोजना से जुड़े एक दस्तावेज की समीक्षा की जिससे पता चला कि राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन (एनएचआरसीएल) ने 15 नवंबर को महाराष्ट्र में शिलफाटा से गुजरात सीमा तक के 135 किमी लंबी रेल लाइन के निर्माण और महाराष्ट्र के ठाणें, विरार, और बोईसर में तीन एलिवेटेड स्टेशन निर्माण के लिए निविदाएं आमंत्रित की थी. गौरतलब है कि इससे पहले महाराष्ट्र में महा अघाड़ी सरकार के शासन में यह परियोजना आगे बढ़ने में विफल रही थी.
इससे पहले 23 सिंतबर को एनएचआरसीएल से महाराष्ट्र में मुंबई से शिलफाटा तक के 20 किमी लंबे ट्रेक के लिए लाइन निर्माण कार्य के लिए निविदाएं आमंत्रित की थी. 22 सितंबर को मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्पलेक्स में भूमिगत स्टेशन निर्माण के लिए निविदाएं मांगी गई थी. इन तीनों निविदाओं के साथ, जिसमें टनल निर्माण का कार्य भी शामिल है, इस बड़ी परियोजना के लिए महाराष्ट्र में निविदा का कार्य पूरा हो जाएगा.
दिलचस्प बात यह है कि ये सभी निविदाएं शिंदे-फडणवीस सरकार के जुलाई में सत्ता संभालने के बाद मांगी गई थी. एक शीर्ष केंद्रीय अधिकारी ने न्यूज 18 को बताया कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में भूमि अधिग्रहण का कार्य अटका हुआ था इसलिए निविदाओं का काम भी नहीं हो पा रहा था. महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण से जुड़ा करीब करीब सारा काम संपन्न हो चुका है. खास बात यह है कि नई महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार इस फास्ट ट्रैक परियोजना की गति को लेकर एकमत हैं.
न्यूज 18 ने 2 जुलाई को सबसे पहले इस बात का खुलासा कर दिया था कि नई बनी शिंदे-फडणवीस सरकार ने परियोजना को फास्ट ट्रैक करने का फैसला लिया है. इस परियोजना के लिए महाराष्ट्र में 298 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की ज़रूरत थी और जून तक करीब 150 हेक्टेयर ज़मीन का अधिग्रहण नहीं हुआ था. लेकिन नई बनी सरकार ने महज चार महीनों के भीतर बाकी बची हुई ज़मीन के अधिग्रहण का कार्य लगभग संपन्न करके इसे एनएचएसआरसीएल को सौंप दिया है.
गुजरात वाले हिस्से में परियोजना पर कार्य शुरू भी हो चुका है लेकिन उद्धव ठाकरे सरकार के 2019 से परियोजना को लेकर उदासीन रवैया दिखाने की वजह से परियोजना की तिथि तीन साल आगे बढ़ गई है. पहले योजना को 2023 तक पूरा हो जाना था जो अब बढ़कर 2026 पर पहुंच गई है. उद्धव के रवैये की वजह से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2021 में आदेश दिया था कि हाई-स्पीड कॉरीडोर का संचालन महाराष्ट्र का इंतजार किए बगैर 2023 तक गुजरात में शुरू कर दिया जाए.
हालांकि भाजपा के जुलाई में महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के साथ मिलकर सरकार बनाते ही परियोजना का पूरा रुख ही बदल गया. इसके पहले ठाकरे सरकार ने इस योजना को एक घमंड करार देते हुए कहा था कि यह उनकी प्राथमिकताओं में शामिल नहीं है. अगस्त 2021 में केंद्र से संसद में कहा था कि उनके पास परियोजना को पूरा करने के लिए कोई संशोधित समय सीमा नहीं है, इसके साथ ही महाराष्ट्र सरकार पर परियोजना में अत्य़धिक देरी लगाने का आरोप लगाया था. शिंदे और फडणवीस ने जुलाई में सत्ता संभालते हुए यह साफ कर दिया था कि महाराष्ट्र में रेल परियोजना का कार्य द्रुत गति से संपन्न किया जाएगा. इसके परिणाण अब नज़र आन भी लगे हैं.
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Tags: Bullet train, Maharashtra NewsFIRST PUBLISHED : November 17, 2022, 14:45 IST