बीजेपी ने विनोद तावड़े को सौंपी नीतीश कुमार और महागठबंधन के चक्रव्यूह को भेदने की जिम्मेदारी
बीजेपी ने विनोद तावड़े को सौंपी नीतीश कुमार और महागठबंधन के चक्रव्यूह को भेदने की जिम्मेदारी
बिहार को मथने का और अमृत महोत्सव वर्ष के बाद लोकसभा चुनाव में वहां से अमृत निकालने का जिम्मा बीजेपी आलाकमान ने संगठन कौशल के धनी माने जाने वाले बड़े ओबेसी चेहरे राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े को दिया है. प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का बिहार से काफी अच्छा नाता रहा है. ऐसे में जब प्रभारियों की लिस्ट जारी की गई तो बिहार प्रदेश के प्रभारी के तौर पर उन्होंने मुंबई के गिरगांव के विनोद तावड़े पर भरोसा जताया.
पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 में प्रधानमंत्री मोदी के सामने ताल ठोकने के लिए विपक्ष को लामबंद करने की कोशिशें एक बार फिर से शुरू हो गई हैं. विपक्ष की तरफ से एक नहीं कई चेहरे सामने आ रहे हैं, जो प्रधानमंत्री बनने की तमन्ना रखते हैं. इनमें एक प्रमुख नाम है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का. नीतिश कुमार ने जिस तरह से एक बार फिर बीजेपी को गच्चा दिया है, उससे बिहार में लोकसभा चुनाव भगवा पार्टी के लिए नाक का सवाल भी बन गया है.
ऐसे में बिहार को मथने का और अमृत महोत्सव वर्ष के बाद लोकसभा चुनाव में वहां से अमृत निकालने का जिम्मा बीजेपी आलाकमान ने संगठन कौशल के धनी माने जाने वाले बड़े ओबेसी चेहरे राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े को दिया है. प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का बिहार से काफी अच्छा नाता रहा है. ऐसे में जब प्रभारियों की लिस्ट जारी की गई तो बिहार प्रदेश के प्रभारी के तौर पर उन्होंने मुंबई के गिरगांव के विनोद तावड़े पर भरोसा जताया.
वर्तमान में नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र के खिलाफ विपक्ष को लामबंद करने में जुटे हुए हैं. नीतीश को उनके गढ़ में घेरने के लिए बीजेपी ने अपने भरोसमंद चेहरे को मैदान में उतार दिया है. विनोद तावड़े संघ के बैक ग्राउंड से आते हैं. वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महासचिव रहे हैं और वर्तमान में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव हैं. इसके साथ ही करीब दो दशकों से विधायक भी हैं और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं.
माना जा रहा है कि विनोद तावड़े के संगठन और प्रशासनिक कौशल के बलबूते बीजेपी ने नीतीश कुमार से निपटने की ठानी है. विनोद तावड़े की काबिलियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सबसे कम उम्र में उनके नाम मुंबई का महानगर अध्यक्ष बनने का रिकॉर्ड है. भूपेंद्र यादव के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद से ही बीजेपी एक ऐसे ओबीसी नेता की तलाश कर रही थी, जो सांगठनिक कुशलता का महारथी हो. पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा का बिहार से नाता सबको पता है, ऐसे में उनके मूल संगठन विद्यार्थी परिषद से नाम सामने आया विनोद तावड़े का, तो यह एक बड़ी खबर बन गई.
प्रभारी के रूप में विनोद तावड़े का ओबीसी युवा चेहरा बीजेपी का बिहार में मास्टर स्ट्रोक माना जा सकता है. वह भी तब, जब यह चेहरा उस महाराष्ट्र से आए, जहां बिहारी हमेशा से एक मुद्दा रहे हों. विनोद तावड़े को उत्तर भारतीयों के हमदर्द के तौर पर हमेशा से जाना जाता है, क्योंकि विद्यार्थी परिषद में रहते हुए उन्होंने पटना हो या गुवाहाटी, ‘अपना देश अपनी माटी’ जैसे नारे को प्रमुखता से आगे करके एक भारत का संदेश दिया था. तावड़े के साथ हरीश द्विवेदी को सह प्रभारी बनाया गया है. बस्ती के सांसद हरीश भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से रहे हैं. इससे पहले विनोद तावड़े हरियाणा के प्रभारी बनाए गए थे. अब देखना दिलचस्प होगा कि राजनीतिक चालों के महारथी नीतीश कुमार के खिलाफ वह बिहार बीजेपी को क्या दिशा दिखाते हैं.
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Tags: BJP, CM Nitish Kumar, MahagathbandhanFIRST PUBLISHED : September 10, 2022, 16:12 IST