उर्स-ऐ-रजवी में पाकिस्तान और बांग्लादेश के जायरीन नहीं हो पाएंगे शामिल
उर्स-ऐ-रजवी में पाकिस्तान और बांग्लादेश के जायरीन नहीं हो पाएंगे शामिल
urs-e-rizvi: उर्स-ए-रजवी की तैयारियां दरगाह की गलियों पूरी तरह सज चुकी है और काफी रौनक भी नजर आ रही है. इस अवसर पर देश-विदेश से आए जायरीन के लिए शहर के होटलों में कमरे बुक हो चुके हैं. कुछ जायरीन आने में असमर्थ हैं क्योंकि उनकी टिकट बुक नहीं हो पा रही हैं..............
रिपोर्ट- विकल्प कुदेशिया
बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली शरीफ के मथुरापुर मे 29 अगस्त से लेकर 31 अगस्त तक उर्स-ऐ-रजवी को इस्लामिया मैदान में मनाया जाएगा. इसके लिए देश और विदेश से कॉफी जायरीन आने वाले हैं और कुछ का तो आगमन शुरू हो गया है. इस बार पाकिस्तान और बांग्लादेश के जायरीन उर्स-ए-रजवी शिरकत करने मथुरापुर नहीं आ पाएंगे क्योंकि उनके टिकट बुक नहीं हो पा रहे हैं और वीजा मिलने में भी दिक्कत आ रही है. इसलिए वहां के जायरीन अपनी ही जगह से उर्स-ऐ-रजवी मानने के लिए दुआ करेंगें.
दरगाह आला हजरत
उर्स-ए-रजवी की तैयारियों में दरगाह की गलियां पूरी तरह सज चुकी हैं और काफी रौनक भी नजर आ रही है. इस अवसर पर देश विदेश से आए जायरीन के लिए शहर के होटलों में कमरे बुक हो चुके हैं. कुछ जायरीन आने में असमर्थ हैं क्योंकि उनकी टिकट बुक नहीं हो पा रही हैं जिनमें पाकिस्तान से आने वाले लोग भी हैं. यमन और बांग्लादेश के जायरीन उर्स में शामिल नहीं हो सकेंगे.
7,500 फतवे आला हजरत ने किए थे जारी
रजा-ए-मुस्तफा के बारे में बताते हुए दरगाह आला हजरत के संगठन जमात रजा-ए-मुस्तफा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उर्स प्रभारी सलमान हसन खान ने कहा कि आला हजरत ने इसकी स्थापना 1920 में की थी. उस समय देश पर अंग्रेजों का शासन हुआ करता था. उस वक्त आला हजरत ने 7,500 से ज्यादा फतवे देकर 1,100 से अधिक किताबें लिखी थीं. आला हजरत ने जो किताबें लिखीं वह आज भी देश और दुनिया में उनके मुरीद व दूसरे मजहब के लोगों के द्वारा पढ़ी जा रही हैं. राष्ट्रीय महासचिव फरमान हसन खान (फरमान मियां) ने बताया कि आला हजरत के उर्स को दुनियाभर में उर्स- ए- रजवी के नाम से भी जाना जाता है.
बाहर के कुछ जायरीन उर्स-ए-रजवी मनाने नहीं आ पाएंगे
दरगाह आला हजरत को लेकर उर्स-ए-रजवी की तैयारियां दरगाह की गलियां पूरी तरह सज चुकी हैं और काफी रौनक भी नजर आ रही है. उर्स-ए-रजवी के अवसर पर देश-विदेश से आए जायरीन के लिए शहर के होटलों में कमरे बुक हो चुके हैं. कुछ जायरीन आने में असमर्थ है क्योंकि उनके टिकट बुक नहीं हो पा रहे हैं. जिनमें पाकिस्तान अंतिम चरण में चल रही है. उर्स की तैयारियां यमन और बांग्लादेश के जायरीन उर्स में शामिल नहीं हो सकेंगे.
Tags: Local18FIRST PUBLISHED : August 27, 2024, 21:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed