आखिर क्यों इस सती को नई नवेली दुल्हन देती हैं अकवार क्या है मान्यता

Hulaso Sato Story: जहां तक हुलासो सती की बात है तो कांकर राजपूत आशा कुंवर की पत्नी हुलासो कुंवर 1781 ईस्वी में अपने पति की मृत्यु के बाद परंपरा के अनुसार सती हो गई. यह जिले के बादिलपुर गांव की ही गहलोत राजपूत परिवार की बेटी थी. कायस्थ परिवार शकुंतला सती का भी स्थान यहीं पर है.

आखिर क्यों इस सती को नई नवेली दुल्हन देती हैं अकवार क्या है मान्यता
सनन्दन उपाध्याय/बलिया: एक ऐसा धार्मिक स्थान जो पूरे जनपद के लिए न केवल बड़ा आस्था का केंद्र है. बल्कि इतिहास के पन्नों में भी इसका रिकॉर्ड दर्ज है. जी हां हम बात कर रहे हैं हुलासो सती की. ऐसी मान्यता है कि जो नई नवेली दुल्हन इनको अकवार देती है, उसका सुहाग बना रहता है और जीवन में खुशियां बरकरार रहती हैं. यह वहीं सती थी, जो परंपरा के अनुसार अपने पति के मरणोपरांत ही अपने जीवन को भी समाप्त कर लिया था. प्रख्यात इतिहासकार डॉ. शिवकुमार सिंह कौशिकेय बताते हैं कि यह बलिया का एक ऐतिहासिक स्थान है, जिसका उल्लेख बलिया गजेटियर में मिलता है. यह वही स्थान है जहां कौवा गंगाजल पी करके हंस बन गया था. इसके कारण इस क्षेत्र का नाम हासनगर पड़ा. इसकी पूरी कहानी बलिया गजेटियर में वर्णित है. ऐसे शुरू हुई हुलासो सती की कहानी जहां तक हुलासो सती की बात है तो कांकर राजपूत आशा कुंवर की पत्नी हुलासो कुंवर 1781 ईस्वी में अपने पति की मृत्यु के बाद परंपरा के अनुसार सती हो गई. यह जिले के बादिलपुर गांव की ही गहलोत राजपूत परिवार की बेटी थी. कायस्थ परिवार शकुंतला सती का भी स्थान यहीं पर है. हुलासो सती को अकवार देती हैं नई नवेली दुल्हन परंपरा के मुताबिक हल्दी गांव के कांकर वंश राजपूत परिवार की लड़की विवाह के 1 दिन पहले माता हुलासो सती से मिलकर अकवार (गले लगा कर रोना) देने जाती थी. इस वंश के बूढ़े बुजुर्ग लोगों के अनुसार माता सती अपने वंश की लड़कियों के साथ मिलकर रोती थी. वर्तमान में यह परंपरा केवल नमस्कार तक कायम है. इन्हें बहुत ज्यादा कुछ नहीं, केवल सिंदूर और बताशा चढ़ाया जाता है. यह आस्था का बड़ा केंद्र है, जहां कार्तिक पूर्णिमा को ददरी का चटनियां मेला लगता है. Tags: Ballia news, Dharma Culture, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : July 30, 2024, 16:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.
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