पेट पालने के लिए घर से दूर रहता था शख्स सताती थी घर की याद तो खोज लिया गजब

UP Intresting Story: घर से दूर रहना आसान बात नहीं है. एक शख्स ने घर के साथ रहने के लिए बढ़िया जुगाड़ खोज निकाला.

पेट पालने के लिए घर से दूर रहता था शख्स सताती थी घर की याद तो खोज लिया गजब
बहराइच: बहराइच के रहने वाले वजीर अख्तर बहराइच शहर की गलियों में अक्सर दिखाई देते हैं. वो शटर ग्रिल व मरम्मत का काम पिछले कई सालों से करते आ रहे हैं. लेकिन खास बात यह है कि यह काम वो साइकिल से घूम-घूम कर करते हैं. जिसको करने के लिए आप इनकी साइकिल में शटर ग्रिल मरम्मत करने वाले सभी औजार देख सकते हैं. उन्होंने ऐसा फैसला अपने परिवार के लिए लिया है. 12-13 सालों से कर रहे हैं काम वजीर अख्तर ने बातचीत में बताया है, वो यह काम पिछले 12-13 सालों से करते आ रहे है. इससे पहले वो दिल्ली में मजदूरी का काम किया करते थे. जिसकी वजह से वो परिवार से दूर रहते थे. परिवार को हमेशा याद किया करते थे. तो इन्होंने सोचा क्यों ना कुछ ऐसा काम किया जाए, जिससे परिवार के पास ही रहा जाए. उनके दिमाग में साइकिल से काम करने का विचार आया और उन्होंने साइकिल उठा ली. फिर निकल पड़े बहराइच की गलियों में. रोजाना करते हैं कई किलोमीटर का सफर वैसे तो बहराइच बहुत बड़ा है. लेकिन वजीर अख्तर बहराइच की गलियों में प्रतिदिन 12 से 13 किलोमीटर साइकिल चलाकर काम की तलाश करते हैं. जिसमें इनको एक शटर ग्रिल का 50 से 100 रुपये मिल जाता है. इस काम से उनका रोज के खाने का खर्चा बड़े आराम से निकल जाता है. कंधों पर है जिम्मेदारी वजीर अख्तर के कंधों पर खुद को मिलाकर सात लोगों की जिम्मेदारी है. इस बिजनेस से न सिर्फ वह खुद कमा-खा रहे हैं, बल्कि अपने परिवार का भी पालन पोषण कर रहे हैं. वजीर अख्तर बहराइच शहर के मोहल्ला शलारगंज के रहने वाले हैं . शटर ग्रिल की मरम्मत आमतौर पर दुकानों में लगने वाले शटर, कम इस्तेमाल होने पर या अधिक इस्तेमाल होने पर जाम या फ्री हो जाते हैं. इसको सही करने के लिए आपको शटर ग्रिल कारीगर को बुलवाना पड़ता है. कारीगर इन शटरो की रिपेरिंग के लिए चिपचिपी पदार्थ नुमा ग्रीस लगाकर इसको काम करने लायक बनाते हैं. इसके बाद शटर अच्छे से काम करने लगता है. Tags: Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 17:45 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed