बागपत का ऐसा गांव जहां गंदा-सड़ा पानी पी रहे हैं लोग हाथ धोने पर आती है बदबू
बागपत का ऐसा गांव जहां गंदा-सड़ा पानी पी रहे हैं लोग हाथ धोने पर आती है बदबू
Baghpat: गंदा पानी कौन पीना चाहता है? लेकिन जब मजबूरी हो तो ऐसा भी करना पड़ता है. बागपत जिले के कई गांव के पास साफ पानी का विकल्प ही नहीं है. न चाहते हुए भी गांव वासी हिंडन नदी का गंदा पानी पी रहे हैं.
आशिष त्यागी/बागपत: कोई गंदा और बदबूदार पानी क्यों पीना चाहेगा? आप कहेंगे सही बात है, गिलास में छोटा सा तिनका भी दिख जाए तो उसे हम फेंक देते हैं. पर जिन लोगों के पास विकल्प न हो, वो गंदा पानी भी पी लेते हैं. मन तो नहीं करता होगा, पर जीना है तो पानी भी पीना होगा. बागपत (Baghpat) के सर्फाबाद (Sarfabad) के लोग भी यही कर रहे हैं. उनके पास सालों से साफ पानी नहीं है. ऐसा इसलिए है क्योंकि हिंडन नदी नाला बन गई है. सर्फाबाद समेत कई गांव को जो पानी मिल रहा है, वो बिल्कुल काला है. लोगों का कहना है कि पानी पहले अमृत हुआ करता था और अब जहर बन गया है.
गंदा पानी, बदबू और लोग
शहरों की तरह गांव में पानी नहीं आता. ग्रामीण इलाकों से पानी की मुख्य स्रोत नदियां होती हैं. पर अगर नदी ही प्रदूषित हो जाए, तो लोगों के पास साफ पानी कहां से आएगा? बागपत के लगभग 150 गांव में पानी पहुंचाने वाली हिंडन नदी (Hindon River) ही प्रदूषित हो गई है. गंदा पानी लोगों की सेहत खराब कर रहा है. लोगों को पेट, लीवर, किडनी, हड्डियों, कैंसर, लकवा और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियां हो रही हैं. एक्शन के नाम पर इन गांव में टंकी बनी है, लेकिन सर्फाबाद जैसे गांव में अभी तक चालू नहीं हुई है.
मच्छर भी बने आफत
लोकल18 से बात करते हुए गांव के बुजुर्ग कहते हैं, ‘पहले चीजें ऐसी नहीं थीं. नदी में पशुओं को भी लोग ले जाते थे. पर अब ऐसा नहीं किया जा सकता. नदी का पानी गंदा और बदबूदार है. इससे मच्छर लोगों के घरों तक पहुंच रहे हैं. तरह-तरह की बीमारियां हो रही हैं.’ तो दूसरे गांव वासी ने कहा, ‘लोग इस गंदे पानी को पीकर बहुत परेशान हो रहे हैं. उन्हें बुखार हो रहे हैं. सरकार को इस बारे में कुछ करना चाहिए. हम लोग कुछ नहीं कर सकते.’
डॉक्टर ने बताया कैसे है खतरनाक
क्रिब्स हॉस्पिटल के डॉक्टर प्रभात झा (एमडी मेडिसिन) से इस बारे में बात की गई. उन्होंने बताया कि गंदा पानी क्यों नहीं पीना चाहिए. डॉक्टर कहते हैं खराब पानी बहुत बीमारियों का कारण बन सकता है. लोगों को इंफेक्शन के अलावा डेंगू, टाइफाइड, हेपेटाइटिस, कैंसर, किडनी डैमेज, बच्चे पैदा करने की शक्ति, लंग्स और हार्ट से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं. पानी अगर गंदा हो तो डॉक्टर ने उसे उबालकर पीने की सलाह दी.
क्या कहते हैं आंकड़े?
लैंसेट (Lancet) स्टडी के अनुसार, 2019 में भारत में प्रदूषण के कारण 2.3 मिलियन से अधिक लोगों की असामयिक मृत्यु हुई है. 5 लाख से अधिक मौतें प्रदूषित जल पीने की वजह से हुई है. केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के 2018 के डेटा के मुताबिक प्रदूषित जल हर दिन 7 लोगों की जान ले रहा है. 2023 में आई संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया का हर चौथा शख्स गंदा पानी पीने के लिए मजबूर है. लोग नहीं जानते कि हिंडन नदी का गंदा पानी पीने से उन्हें कैसे और कब छुटकारा मिलेगा.
Tags: Baghpat news, UP newsFIRST PUBLISHED : May 21, 2024, 16:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed