बिक गई पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की बागपत वाली जमीन

Baghpat News: उत्तर प्रदेश के बागपत के अभिलेखों में शत्रु संपत्ति के तौर पर दर्ज पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के परिजनों की संपत्ति को नीलाम कर दिया गया. बागपत के ही तीन किसानों ने 1.38 करोड़ में खरीदा है.

बिक गई पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की बागपत वाली जमीन
हाइलाइट्स पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के परिजनों के नाम दर्ज शत्रु संपत्ति को नीलाम कर दिया गया बागपत के ही तीन किसानों ने ई-नीलामी के तहत परवेज मुशर्रफ की पुश्तैनी हवेली और जमीन खरीदी बागपत. उत्तर प्रदेश के बागपत में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ के परिजनों के नाम दर्ज शत्रु संपत्ति को नीलाम कर दिया गया हैं. भारत सरकार ने इस जमीन को ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से 1 करोड़ 38 लाख रुपए में नीलाम कर दिया. बागपत के ही तीन किसानों ने इस संपत्ति को खरीदा है. अब जरनल परवेज मुशर्रफ के परिजनों के नामों को हटाकर से इन किसानों के नाम ट्रांसफर की जायेगी. एडीएम बागपत पंकज वर्मा ने विस्तृत जानकारी देते हुए नीलामी प्रक्रिया की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि 13 बीघा शत्रु संपत्ति को नीलाम किया गया जो पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति के परिजनों के नाम दर्ज थी. पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के परिजन नुरू की 13 बीघा भूमि यानी शत्रु संपत्ति को नीलाम कर दिया गया. तीन लोगों ने इस संपत्ति की कीमत 1.38 करोड़ रुपये लगाई। आठ खसरा नंबर वाली भूमि की ई-नीलामी प्रक्रिया सुबह 11 बजे से रात नौ बजे तक चली. यानी 10 घंटे में इस संपत्ति को खरीद लिया गया. शत्रु संपत्ति बिकने के साथ ही परवेज मुशर्रफ और उसके परिजन नुरू का नाम बागपत में हमेशा के लिए खत्म हो गया. लखनऊ से ई-नीलामी की प्रक्रिया की जानकारी बागपत के प्रशासन को दे दी गई है.  लगभग पौने पांच बीघा भूमि को बागपत के पंकज कुमार ने खरीदा है. नुरू मियां की थी प्रॉपर्टी बागपत के बड़ौत तहसील के कोताना गांव के रहने वाले नुरू वर्ष 1965 में पाकिस्तान चले गए थे. नुरू को परवेज मुशर्रफ के कुटुंब का सदस्य बताया जाता है. नुरू के नाम से कोताना गांव में लगभग 13 बीघा भूमि है, जिसे सरकार ने वर्ष 2010 में शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था. इस संपत्ति के आठ प्लाट यानी आठ खसरा नंबर है. जिनकी ई-नीलामी प्रक्रिया गुरुवार सुबह 11 बजे शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय से शुरू हुई और रात नौ बजे समाप्त हुई। यह भूमि गांव में बांगर की है. हमेशा के लिए खत्म हो गया परवेज मुशर्रफ का नाम पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ की माता का नाम बेगम जरीन और पिता का नाम मुशर्रफुद्दीन था. शादी के बाद दोनों परिवार वर्ष 1943 में गांव से दिल्ली चले गए थे. परवेज मुशर्रफ का जन्म दिल्ली में हुआ था. 1947 में परवेज मुशर्रफ का परिवार पाकिस्तान चला गया था. Tags: Baghpat news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : September 6, 2024, 15:05 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed