यूपी के वैज्ञानिक ने रचा इतिहास रोशनी की रफ्तार से तेज कैमरे का किया आविष्कार

Fastest Camera: यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले एक वैज्ञानिक नासा में कार्यरत हैं. उन्होंने एक ऐसे कैमरे का आविष्कार किया है, जो मोबाइल फोन या डीएसएलआर कैमरों से 20,000 गुना अधिक फ्रेम को एक सेकंड में कैप्चर कर सकता है.

यूपी के वैज्ञानिक ने रचा इतिहास रोशनी की रफ्तार से तेज कैमरे का किया आविष्कार
आजमगढ़: यूपी में आजमगढ़ जिले के पकली गांव के रहने वाले वैज्ञानिक योगेंद्र नाथ मिश्रा ने एक ऐसा कारनामा कर दिया है, जिसका देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी उसकी चर्चा हो रही है. उन्होंने एक ऐसा आविष्कार किया है, जिससे सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि देश और दुनिया के विभिन्न देशों को भी फायदा होगा. जानें वैज्ञानिक कहां है कार्यरत वर्तमान में नासा में कार्यरत वैज्ञानिक डॉक्टर योगेंद्र नाथ मिश्रा ने एक कमरे का आविष्कार किया है. यह कैमरा कोई मामूली कैमरा नहीं है, बल्कि दुनिया का सबसे तेज गति से काम करने वाला कैमरा है. यह कैमरा रोशनी की रफ्तार से भी तेज वस्तुओं को अपनी नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से कैद कर सकता है. 250 अरब फ्रेम पर सेकंड करता है कैप्चर वैज्ञानिक योगेंद्र द्वारा बनाया गया यह कैमरा 250 अरब फ्रेम पर सेकंड की स्पीड से काम करने की क्षमता रखता है. आमतौर पर मोबाइल फोन या फिर डीएसएलआर में जिन कैमरों का इस्तेमाल किया जाता है. उसमें 40 से 60 फ्रेम पर सेकंड कैप्चर करने की क्षमता होती है, लेकिन यह कैमरा इन कैमरों से लगभग 20,000 गुना अधिक फ्रेम को एक सेकंड में कैप्चर कर सकता है. यह नवीनतम कैमरा फेमटोसेकंड लेजर और स्ट्रीक कैमरा का इस्तेमाल करके विकसित किया गया है. इसे fsLS-CUP नामक नई 2D इमेजिंग विधि के रूप में पेश किया गया है. डॉ. योगेश्वर नाथ मिश्रा ने बताया कि हमने fsLS-CUP तकनीक का इस्तेमाल करके प्रकृति की कुछ अत्यंत तेज घटनाओं को कैप्चर करने में कामयाबी हासिल की है. हमारा कैमरा ब्रह्मांड की सबसे तेज घटनाओं या प्रकाश को वास्तविक समय में रिकॉर्ड कर सकता है. ब्रह्मांडीय विकास के मिशन से खाता है मेल यह न सिर्फ हाइड्रोकार्बन और नैनोपार्टिकल के निर्माण और विकास की हमारी समझ को बेहतर बनाता है, बल्कि भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, चिकित्सा, ऊर्जा और पर्यावरण विज्ञान जैसे विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण संभावनाओं के रास्ते भी खोलता है. हमारे शोध में हाइड्रोकार्बन का सबसे तेज अवलोकन शामिल है. नासा के जीवन की उत्पत्ति और ब्रह्मांडीय विकास के मिशन के साथ भी मेल खाता है. डॉ. मिश्रा ने बताया कि उनका काम अल्ट्राफास्ट इमेजिंग और विज्ञान में एक महत्वपूर्ण प्रगति को रेखांकित करता है, जो प्राकृतिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए महत्वपूर्ण तेज घटनाओं को उजागर करने की क्षमता रखता है. उनकी टीम इमेजिंग प्रदर्शन में गति, स्थानिक रिजॉल्यूशन और छवि पुनर्निर्माण की विश्वसनीयता में लगातार सुधार कर रही है. जानें वैज्ञानिक ने क्या कहा डॉ. योगेश्वर नाथ मिश्रा ने बताया कि मोमबत्ती की लौ और हवाई जहाज के इंजन पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (PAHs) छोटे कार्बन कण पैदा करते हैं, जो मानव और पर्यावरण दोनों के लिए हानिकारक होते हैं. ये कार्बन आधारित कण अंतरिक्ष में भी सामान्य रूप से पाए जाते हैं. वे इंटरस्टेलर मैटर का 10-12% हिस्सा बनाते हैं. जानें कैमरा की खासियत ये कण इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों और स्थायी ऊर्जा के उपयोग के लिए भी मूल्यवान होते जा रहे हैं. हालांकि कार्बन और PAHs के फिंगरप्रिंट संकेतों की लौ में आयु बहुत छोटी होती है, सिर्फ कुछ अरबवें से मिलियनवें सेकंड तक यह संक्षिप्त अस्तित्व इनके व्यवहार को अंतरिक्ष और समय में कैप्चर करने के लिए बहुत तेज कैमरों की मांग करता है. वर्तमान में मौजूद इमेजिंग सिस्टम सिर्फ कुछ मिलियन फ्रेम्स प्रति सेकंड कैप्चर कर सकते हैं. इसमें अक्सर लेजर पल्स की जरूरत होती है, जिससे अवांछित हीटिंग समस्याएं पैदा होती हैं. अब नई अल्ट्राफास्ट फोटोग्राफी तकनीक fsLS-CUP से प्रति सेकंड अरबों फ्रेम तक की अभूतपूर्व 2D इमेजिंग गति पर ऑप्टिकल घटनाओं को कैप्चर करना संभव हो गया है. जानें वैज्ञानिक के पिता क्या बोल योगेश्वर नाथ मिश्रा के पिता राजेंद्र नाथ मिश्रा ने लोकल18 से बात करते हुए कहा कि वह बचपन से ही बहुत मेधावी थे. अपनी मेहनत और लगन के कारण वह वहां तक पहुंचे और उन्होंने जो आविष्कार किया है. उसे हमें भी आंतरिक प्रसन्नता हो रही है. Tags: Azamgarh news, CCTV camera footage, Drone camera, Hidden camera, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 10, 2024, 13:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed