आजमगढ़ में यहां है वीर कुंवार सिंह उद्यान 1857 की क्रांति से जुड़ा है इतिहास

देश की आजादी के संघर्ष में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले वीर कुंवर सिंह के नाम पर बना हुआ यह उद्यान अंग्रेजों के समय में कंपनी बाग के नाम से जाना जाता था. यह वही स्थान है, जहां पर अंग्रेजी हुकूमत में अंग्रेजी सेना रहने के साथ गोला-बारूद को भी इसी जगह पर संग्रहित कर रखते थे. बाद में वीर कुंवर सिंह अंग्रेजों को हराकर जीत लिया था.

आजमगढ़ में यहां है वीर कुंवार सिंह उद्यान 1857 की क्रांति से जुड़ा है इतिहास
आजमगढ़. यूपी के आजमगढ़ जिला स्थित वीर कुंवर सिंह उद्यान देश के ऐतिहासिक स्थलों में से एक है. 1857 की लड़ाई से इस जगह का विशेष ताल्लुक है. आजादी की पहली लड़ाई में जब पूरे देश में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह फैला हुआ था, उस वक्त आजमगढ़ जिले में भी लोग अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ मोर्चा खोल चुके थे. आजमगढ़ के तत्कालीन राजा ने भी उस वक्त अंग्रेजी हुकूमत का विरोध करते हुए विद्रोह का बिगुल बजाया था. 1857 की क्रांति का गवाह रहा है यह पार्क  देश की आजादी के संघर्ष में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले वीर कुंवर सिंह के नाम पर बना हुआ यह उद्यान अंग्रेजों के समय में कंपनी बाग के नाम से जाना जाता था. यह वही स्थान है, जहां पर अंग्रेजी हुकूमत में अंग्रेजी सेना रहा करती थी एवं अपने गोला-बारूद को भी इसी जगह पर संग्रहित किया करती थी. 20 सितंबर 1857 में तत्कालीन राजा बेनी माधव सिंह ने अंग्रेजों से लोहा लिया था. लेकिन, दुर्भाग्य से वह जंग हार गए थे. बाद में तत्कालीन राजा परगण सिंह ने आजमगढ़ के क्रांतिकारियों को एकत्रित कर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह किया. उन्होंने बिहार के आरा जिले के जगदीशपुर रियासत के राजा वीर कुंवर सिंह को मदद के लिए न्योता भेजा. वीर कुंवर सिंह से जुड़ा है इस पार्क का इतिहास आजमगढ़ के राजाा का न्योता पाकर वीर कुंवर सिंह अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए आजमगढ़ जनपद में पधारे और यहां के क्रांतिकारीयों के साथ मिलकर तत्कालीन अंग्रेजों के कंपनी बाग पर हमला कर दिया. भयंकर संघर्ष के बाद वीर कुंवर सिंह ने अंग्रेजी सेना को धूल चाटते हुए कंपनी बाग पर कब्जा कर लिया. इसके बाद धीरे-धीरे आजमगढ़ जिले को अंग्रेजों से आजादी मिल गई. अंग्रेजों को पहली बार पराजित करने एवं उनके सैन्य स्थल एवं गोला-बारूद संग्रहालय की जगह को कब्जा करते हुए कुंवर सिंह ने अपना स्थापत्य प्रदर्शित किया. 1947 में आजादी के बाद से तत्कालीन कंपनी बाग अब वीर कुंवर सिंह उद्यान के नाम से जाना जाता है. यह आजमगढ़ का इकलौता पार्क है, जहां लोग सुबह-शाम टहलने एवं योगाभ्यास करने के लिए एकत्रित होते हैं. Tags: 1857 Kranti, Azamgarh news, Local18, UP newsFIRST PUBLISHED : September 12, 2024, 17:29 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed