युद्ध में पाक को चटाई धूल अब इस कॉलेज की शोभा बढ़ाएगा ये भीम टैंक

T55 भीम टैंक को भारत सरकार और सैन्य मुख्यालय के द्वारा अयोध्या के साकेत डिग्री कॉलेज में स्थापित करने के लिए लगभग तीन माह पहले स्वीकृति प्रदान की गई. एसपीएम लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सेना से हटाए गए इस टैंक को लगभग डेढ़ लाख रुपए में खरीदने के बाद चार लाख से अधिक धनराशि इसे अयोध्या लाने में खर्च की गई.

युद्ध में पाक को चटाई धूल अब इस कॉलेज की शोभा बढ़ाएगा ये भीम टैंक
अयोध्या: अयोध्या के साकेत डिग्री कॉलेज में उस टैंक को स्थापित किया गया है, जिसने 1965 और 1971 के युद्ध में भारत को बड़ी बढ़त दिलाई थी. रूस में बने इस टैंक को T55 भीम टैंक के नाम से जाना जाता है. मकसद है विद्यार्थियों के अंदर देशभक्ति की भावना को बढ़ाना और युद्ध में जीत दिलाने वाले भारतीय सेना के टैंक से परिचित कराना. कॉलेज के सैन्य विज्ञान के छात्र न सिर्फ इसके जरिए टैंक की ऑपरेटिंग क्षमता को समझेंगे, बल्कि आंशिक प्रशिक्षण भी ले सकेंगे. इसके ठीक सामने तमाम गणमान्य व्यक्तियों की मौजूदगी में 108 फीट के ऊंचाई वाले पोल पर 24 फीट चौड़ा और 36 फीट ऊंचा तिरंगा फहराया गया. T55 भीम टैंक को भारत सरकार और सैन्य मुख्यालय के द्वारा अयोध्या के साकेत डिग्री कॉलेज में स्थापित करने के लिए लगभग तीन माह पहले स्वीकृति प्रदान की गई. एसपीएम लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा सेना से हटाए गए इस टैंक को लगभग डेढ़ लाख रुपए में खरीदने के बाद चार लाख से अधिक धनराशि इसे अयोध्या लाने में खर्च की गई. यह टैंक 9 मीटर लंबा, 4 मीटर चौड़ा है, तो इसका वजन 40 टन है. साकेत डिग्री कॉलेज के मुख्य गेट के सामने इसे स्थापित किया गया है. यह कामयाबी पिछले दो वर्ष से साकेत महाविद्यालय के सैन्य विभाग और भारत सरकार के साथ सेना मुख्यालय से लगातार पत्राचार के बाद मिली है. कॉलेज में क्यों रखा गया टैंक? युद्ध में पाकिस्तान की कमर तोड़ने वाले इस टैंक के स्थापित होने से युवाओं को न सिर्फ प्रेरणा मिलेगी. बल्कि उनके अंदर राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान देने की प्रेरणा भी उफान मारेगी. एनसीसी के कर्नल एमके सिंह ने बताया कि इस टैंक की खासियत है दुश्मन के टैंकों को नष्ट करना, दुश्मन को चने चबाना, दुश्मन के इलाके में घुसकर वार करना. इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है इसी टैंक के माध्यम से 1965 और 1971 की लड़ाई. साकेत महाविद्यालय में इस टैंक को रखने का उद्देश्य यह है कि बच्चे इसे देखेंगे और प्रेरणा लेंगे. जो आज के दिन में बच्चे पबजी जैसे गेम खेलते हैं. इससे उनको प्रेरणा मिलेगी कि कल को हम भी इस टैंक को चला सके और देश की सेवा कर सके. Tags: Ayodhya News, Local18FIRST PUBLISHED : July 25, 2024, 15:25 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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