बड़े शातिर निकले मगध यूनिवर्सिटी के 2 प्रोफेसर विदेशी धरती पर भी फर्जी डिग्री

Gaya News: बिहार का मगध विश्वविद्यालय अपनी कार्यशैली को लेकर दशकों से सवालों में रहा है, लेकिन अब इसके दो प्रोफेसरों पर फर्जी डिग्री बांटने का आरोप लगा है, वह भी विदेशी धरती पर. म्यामार में विदेशी छात्रों को फर्जी डिग्री बांटने का मामला सोशल मीडिया के माध्यम से उजागर होने के बाद मगध विश्वविद्यालय प्रशासन दो प्रोफेसर पर एफआईआर दर्ज कराई है.

बड़े शातिर निकले मगध यूनिवर्सिटी के 2 प्रोफेसर विदेशी धरती पर भी फर्जी डिग्री
हाइलाइट्स म्यांमार में विदेशी छात्र-छात्राओं को फर्जी डिग्री बांटने का आरोप. बौद्ध अध्ययन की मानद डिग्री बांटने का आरोप 2 प्रोफेसर पर लगा. दोनों आरोपी प्रोफेसरों पर मगध विश्वविद्यालय थाना में मामला दर्ज. गया. मगध विश्वविद्यालय की पीएचडी की फर्जी डिग्री म्यांमार में बांटने का मामला सामने आया है. इसी साल 29 सितंबर को छात्र-छात्राओं को डिग्री दी गई है, वहीं इसका आरोप मगध विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसर पर लगा है. इनके खिलाफ मगध विश्वविद्यालय प्रशासन ने मगध यूनिवर्सिटी थाना में मामला दर्ज कराया है. इस मामले में अब आगे की कार्रवाई की जा रही है. बता दें कि म्यांमार में बांटे गए मानद डिग्री में कुलपति के फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं. कुलपति के निर्देश पर प्रॉक्टर प्रोफेसर डॉ उपेंद्र कुमार की ओर से 11 दिसंबर को मगध यूनिवर्सिटी थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. इसमें मगध विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन विभाग के प्रोफेसर विष्णु शंकर और कैलाश प्रसाद को आरोपी बनाया गया है. फिलहाल दोनों फरार बताए जा रहे हैं. दोनों पर आरोप है कि उन्होंने मगध विश्वविद्यालय के नाम पर अवैध तरीके से मानद डिग्री बांटे हैं जो अपराध है और यह पूरी तरह फर्जीवाड़ा है. बता दें कि आरोपी विष्णु शंकर बोधगया के रहने वाले हैं और वह पार्ट टाइम लेक्चरर हैं. दरअसल, इस बात का खुलासा तब हुआ जब फेसबुक पर एक फोटो पोस्ट की गई जो म्यांमार की बताई जा रही है. फोटो में 11 स्टूडेंट और दो प्रोफेसर दिख रहे हैं, दोनों प्रोफेसर की पहचान बौद्ध अध्ययन विभाग के प्रोफेसर विष्णु शंकर और कैलाश प्रसाद के रूप में हुई है. ये दोनों 11 विदेशी नागरिकों के साथ खड़े हैं जिन्हें बौद्ध अध्ययन विभाग की डिग्री दी गई है. बताया जाता है कि दोनों आरोपियों के द्वारा पैसे लेकर फर्जी तरीके से मानद उपाधि से सम्मानित किया गया है. मगध विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर उपेंद्र कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया के कारण इस बात का खुलासा हुआ है. दोनों आरोपी पर मगध विश्वविद्यालय थाना में मामला दर्ज कराया गया है और फिलहाल दोनों फरार बताया जा रहे हैं. आगे की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि जो भी डिग्री दी जाती है उस छात्रों को मगध विश्वविद्यालय आना पड़ता है ना कि मगध विश्वविद्यालय छात्रों के पास जाता है. डिग्री में कई तरह की गलती पाई गई है जो मगध विश्वविद्यालय के नहीं है. वहीं, कुलपति का फर्जी हस्ताक्षर भी हैं. FIRST PUBLISHED : December 17, 2024, 10:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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