पवन कल्याण ले रहे वाराही दीक्षा 11 दिनों तक नहीं खाएंगे अन्न जमीन पर सोएंगे

Pawan Kalyan 11 Day Varahi Deeksha : आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण 26 जून से वाराही दीक्षा ले रहे हैं, जो 11 दिनों तक चलेगी. इसमें देवी वाराही अम्मावरी की पूजा करते हैं. आइए जानते हैं कि वाराही अम्मावरी दीक्षा क्या है? देवी वाराही कौन हैं? वाराही अम्मावरी दीक्षा लेने से क्या फायदे होते हैं?

पवन कल्याण ले रहे वाराही दीक्षा 11 दिनों तक नहीं खाएंगे अन्न जमीन पर सोएंगे
तेलुगु फिल्मों के ​सुपर स्टार पवन कल्याण की आंध्र प्रदेश की राजनीति में एंट्री शानदार रही है. उनकी जनसेना पार्टी ने आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया, जिसके फलस्वरूप पवन कल्याण उपमुख्यमंत्री बने हैं. अपने राज्य की जनता के सुख-समृद्धि और कल्याण के लिए वह 26 जून बुधवार से वाराही दीक्षा ले रहे हैं, जो 11 दिनों तक चलेगी. इसमें देवी वाराही अम्मावरी की पूजा करते हैं. इस वाराही दीक्षा के नियम कठिन हैं. इसमें उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण को 11 दिनों तक अन्न का सेवन नहीं करना है. इससे पहले भी उन्होंने जून 2023 में देवी वाराही की पूजा की थी और उसके साथ ही वाराही विजया यात्रा का शुभारंभ किया था और दीक्षा ली थी. आइए जानते हैं कि वाराही अम्मावरी दीक्षा क्या है? देवी वाराही कौन हैं? वाराही अम्मावरी दीक्षा लेने से क्या फायदे होते हैं? कौन हैं देवी वाराही? धार्मिक मान्यताओं के अनुसार देवी वाराही को 10 महाविद्याओं में से एक माना जाता है. वह शक्ति का भी एक रूप हैं. वाराही का अर्थ देवी पृथ्वी से भी है. मार्कंडेय पुराण में देवी वाराही का उल्लेख मिलता है, जिसमें बताया गया है कि भगवान विष्णु के वराह अवतार से ही देवी वाराही की उत्पत्ति हुई है. ललिता सहस्रनाम में भी इस देवी का वर्णन है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी वाराही ने कई राक्षसों का अंत कर धर्म की स्थापना की थी. उन्होंने अंधकासुर, शुम्भ-निशुम्भ, रक्तबिज आदि का वध किया. ये भी पढ़ें: क्या आपके पितर हैं नाराज? लाइफ में होने वाली ये 7 घटनाएं देती हैं संकेत, आषाढ़ अमावस्या पर उन्हें करें प्रसन्न कैसा है देवी वाराही का स्वरूप? देवी वाराही का स्वरूप अत्यंत ही भयंकर माना जाता है, लेकिन वह भक्तों पर दया करने वाली और उनको वरदान देने वाली देवी हैं. उनका मुख वराह के समान है. अष्टभुजाओं वाली देवी वाराही अपने हाथों में चक्र, गदा, हल, पाश, अंकुश, शंख आदि धारण करती हैं. कमल आसन पर बैठने वाली देवी वाराही के वाहनों में सिंह, घोड़ा, सांप आदि शामिल हैं. वाराही अम्मावरी दीक्षा के नियम 1. वाराही अम्मावरी दीक्षा ज्येष्ठ माह के अंत या फिर आषाढ़ माह में लेते हैं. 2. इस दीक्षा को 9 दिन या 11 दिन तक लिया जाता है. 3. वाराही दीक्षा लेने वाले व्यक्ति को अन्न का सेवन नहीं करना होता है. सात्विक भोजन करना है, वो भी सीमित मात्रा में. 4. दीक्षा के दौरान जमीन पर सोते हैं और नंगे पैर रहा जाता है. 5. इन 11 या 9 दिनों में देवी वाराही की सुबह और शाम में प्रत्येक दिन पूजा करते हैं. 6. दीक्षा के समय ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं. मांस, शराब या अन्य तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करते हैं. ये भी पढ़ें: जुलाई में करना है विवाह या गृह प्रवेश, खरीदनी है कोई प्रॉपर्टी या नई गाड़ी? पंडित जी से जानें इस महीने के शुभ मुहूर्त वाराही दीक्षा के फायदे 1. जो व्यक्ति देवी वाराही की दीक्षा लेता है, वह अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त करता है. उसके कार्य सफल सिद्ध होते हैं. 2. वाराही देवी की कृपा से जीवन में आने वाले संकट दूर होते हैं. कार्यों में आने वाली बाधाएं भी दूर हो जाती है. यह देवी अपने भक्तों का अनिष्ट नहीं होने देती हैं. 3. यश और कीर्ति की प्राप्ति के लिए भी वाराही दीक्षा ली जाती है. समाज में उस व्यक्ति का प्रभाव और मान-सम्मान बढ़ता है. 4. देवी वाराही की पूजा करने से व्यक्ति निरोगी रहता है. उसके रोग और दोष दूर होते हैं. 5. हल और मूसल धारण करने वाली देवी वाराही की पूजा करने से किसानों को अच्छी फसल मिलती है. उनका घर धन-धान्य से भर जाता है. 6. वाराही दीक्षा लेने से प्रॉपर्टी से जुड़े विवाद, कोर्ट केस आदि में सफलता प्राप्त होती है. Tags: Dharma Aastha, Pawan Kalyan, ReligionFIRST PUBLISHED : June 27, 2024, 07:47 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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