पीएफआई पर बैन क्या बिहार की सियासत पर गहरा असर डालेगा भाजपा ने का बड़ा इशारा
पीएफआई पर बैन क्या बिहार की सियासत पर गहरा असर डालेगा भाजपा ने का बड़ा इशारा
Bihar News: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी पीएफआई (PFI) और इससे जुड़े 8 संगठनों पर प्रतिबंध के बाद जहां देश की राजनीति गर्म हो गई है, वहीं बिहार में भी इसको लेकर हलचल तेज है. भाजपा के नेता जहां इसका पूर्ण समर्थन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ लालू यादव समेत राजद और जदयू के नेता इस पर सवाल उठा रहे हैं. अब बिहार भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल के सोशल मीडिया में किए गए एक पोस्ट ने सियासी हलचल और बढ़ा दी है.
पटना. देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में भारत सरकार ने PFI और इससे संबंधित 8 संगठनों पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया है. इस प्रतिबंध के बाद बिहार की सियासत में भी हलचल तेज है. दरअसल, बिहार में भाजपा और जदयू के रिश्तों में दूरी बढ़ने की एक बड़ी वजह पीएफआई कनेक्शन को लेकर पटना के फुलवारी शरीफ टेरर मॉड्यूल का खुलासा होना भी बताया जा रहा है. चर्चा यह है कि अब पीएफआई पर प्रतिबंध के बाद भाजपा जोर शोर से इस मुद्दे को बिहार में उठाने की रणनीति पर काम कर रही है.
दरअसल, भाजपा-जदयू के बीच तल्खी के बाद महागठबंधन की सरकार बनने के पीछे की वजह बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल का वह बयान भी माना जा रहा है जिसमें उन्होंने प्रदेश के हर जिले में स्लीपर सेल होने और बिहार सरकार के एक अधिकारी द्वारा इस टेर मॉड्यूल को संरक्षण दिए जाने का आरोप लगाया था. कहा जा रहा है कि यहां से जदयू और भाजपा में खटास इतनी बढ़ी कि महागठबंधन की सरकार बनने के रास्ते को मंजिल तक पहुंचा दिया.
गौरतलब है कि ये मामला तब और अधिक गंभीर हो गया था जब बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने आरोप लगाया था कि बिहार के हर जिले में आतंकियों के स्लीपर सेल एक्टिव हैं और टेरर मॉड्यूल काम कर रहा है. आरोप में यह भी कहा गया था कि इसमें सरकार में बैठे कुछ अधिकारियों की भी ऐसे लोगों से मिलीभगत है. इस बयान के बाद बिहार NDA में हलचल तेज हो गई थी और JDU की तरफ से पलटवार भी किया गया था. आखिरकार आने वाले कुछ महीने में बिहार में भाजपा और JDU गठबंधन टूट गया. दूसरी ओर अब PFI पर पूरी तरह से केंद्र की सरकार ने बैन लगा दिया है. लेकिन, बिहार में यह मामला अभी शांत नहीं हुआ है.
लालू यादव से लेकर JDU के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह सहित सत्ताधारी दल के तमाम नेता PFI पर बैन लगाने पर भाजपा पर हमला बोल रहे हैं और PFI पर बैन लगाने के पीछे की वजह पूछ रहे हैं. इसपर भाजपा भी पलटवार कर रही है. लेकिन, अमित शाह के दो दिनों के सीमांचल दौरे के बाद से ही बिहार भाजपा बेहद उत्साहित है. PFI बैन के बहाने उनके पास महागठबंधन सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाकर हमला बोलने का मौका मिल गया है.
अब खबर है कि भाजपा PFI के बहाने सत्ताधारी दल की सरकार पर हमला और तेज करने वाली है और PFI के मुद्दे के बहाने राजनीति तेज करनेवाली है. बताया जा रहा है कि अपने हिंदुत्व के एजेंडे पर भी तेज चलने की कोशिश करेगी और सरकार को घेरने की कोशिश करेगी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर जो लिखा है उससे इसका बड़ा इशारा मिल रहा है. संजय जायसवाल लिखते हैं, महागठबंधन बनने के समय ही मैंने कहा था कि यह गठबंधन पीएफआई के अफसर; जो सरकार में बैठे हैं और उसके समर्थक जो राजद में हैं, उन्होंने मिलकर बनाया है. उस वक्त नीतीश जी और तेजस्वी जी यही कहते थे कि अगर पीएफआई आतंकवादी संगठन है तो उसे क्यों नहीं प्रतिबंधित करते हैं? आज उन दोनों की इच्छा की पूर्ति हुई है. मुझे पूरा विश्वास है कि बिहार में जो पीएफआई के स्लीपर सेल हैं और सरकार में जो पीएफआई समर्थक अफसर बैठे हैं, अब उन पर भी बिहार सरकार कार्रवाई अवश्य करेगी.
संजय जायसवाल का ये बयान भाजपा की आगे की रणनीति भी बताता है कि इस मुद्दे को भाजपा छोड़ने वाली नहीं है. वहीं JDU के वरिष्ठ नेता ग़ुलाम रसूल बलियावी कहते हैं कि भाजपा जान बूझकर बिहार का माहौल खराब करना चाहती है. PFI पर बैन अभी क्यों लगाया, इतने साल से बिहार में JDU के साथ सरकार में थे तब क्यों नहीं लगाया? लेकिन भाजपा कुछ भी कर ले उसका मंसूबा सफल नही हो पाएगा क्योंकि बिहार की जनता सब देख रही है.
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Tags: Bihar News, Bihar politics, BJP, CM Nitish Kumar, JDU BJP Alliance, Lalu Prasad Yadav, PFI, RJD, Terrorism In IndiaFIRST PUBLISHED : September 29, 2022, 11:06 IST