2004 के वो 4 दिन जब अंधेरे में थे नीतीश कुमार फिर लिखी गई कमबैक की कहानी!
2004 के वो 4 दिन जब अंधेरे में थे नीतीश कुमार फिर लिखी गई कमबैक की कहानी!
Nitish Kumar Political Tales : नेता वह नहीं जो कभी गिरे ही नहीं, बल्कि नेता वह है जो गिरकर और मजबूत होकर खड़ा हो जाए- नीतीश कुमार की कहानी राजनीति में एक दुर्लभ उदाहरण है- जहां हार ने नेता को तोड़ा नहीं, बल्कि दिशा दी. एक दौर आया जब अंधेरा ही अंधेरा नजर आने लगा था, लेकिन बाद में वह सुबह भी आई जब एक नया अध्याय शुरू हुआ जिसने पिछले दो दशकों में बिहार की राजनीति का नेतृत्व, गठबंधन समीकरण और प्रशासनिक प्राथमिकताएं- सब बदलकर रख दीं.