मोकामा-गोपालगंज उपचुनाव में जीत-हार का बिहार की राजनीति पर क्या असर होगा
मोकामा-गोपालगंज उपचुनाव में जीत-हार का बिहार की राजनीति पर क्या असर होगा
Bihar Politics: बिहार के मोकामा और गोपालगंज में उपचुनाव संपन्न हो गए. इसके परिणाम आने वाले समय की राजनीति को प्रभावित कर सकते हैं. तमाम राजनीतिक दल इस बात को मान भी रहे हैं. राजनीतिक जानकार भी बताते हैं कि सामाजिक समीकरण की टेस्टिंग होनी है तो तेजस्वी के ए टू जेड (सर्वसमाज) की राजनीति की परख भी होनी है. नीतीश कुमार की साख कितनी है, इस बात की भी परीक्षा होनी है. इसी के साथ ही बिना नीतीश भाजपा का जनाधार कितना पुख्ता है, यह बात भी सामने आएगी.
पटना. बिहार की दो सीटों पर उपचुनाव खत्म होने के साथ ही महागठबंधन और बीजेपी की ओर से अपनी-अपनी जीत के दावे शुरू हो गए हैं. मोकामा और गोपालगंज में किसकी जीत होगी और किसकी हार इसका पता तो 6 नवंबर को EVM खुलने के बाद ही चलेगा. लेकिन, इस चुनाव परिणाम को आने वाले सियासत के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. महागठबंधन में नीतीश कुमार के शामिल होने के बाद ये पहला चुनाव है. ऐसे में जनता ने जदयू और राजद के मिलन को कितना स्वीकार किया है, यह उपचुनाव इस बात का लिटमस टेस्ट भी माना जा रहा है. यही कारण रहा कि उपचुनाव में जीत के लिए दोनों तरफ से पूरी ताकत झोंकी गई और चुनाव खत्म होने के बाद दोनों ही ओर से जीत के दावे भी किए जा रहे हैं.
बीजेपी प्रवक्ता राम सागर सिंह कहते हैं कि बीजेपी के सबका साथ-सबका विकास के नारे को जनता ने पसंद किया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को मोकामा और गोपालगंज की जनता ने रिटर्न गिफ्ट देकर महागठबंधन की उल्टी गिनती शुरू कर दी है. जाहिर है बीजेपी के लिए ये चुनाव परिणाम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दरअसल, भाजपा के लिए ये चुनाव इस मायने में महत्वपूर्ण है क्योंकि बार-बार बीजेपी के नेता नीतीश कुमार पर आरोप लगा हमला बोल रहे हैं कि नीतीश कुमार ने पाला बदलकर गलत किया है और जनता इस फैसले से नाराज है. साफ है कि इस वजह से भी भाजपा के लिए परिणाम खास महत्व रखता है.
वहीं कुछ ऐसे ही हालात राजद और जदयू के लिए भी हैं. इन दोनों दलों को भी ये मैसेज देना है कि न केवल दोनों पार्टी का गठबंधन हुआ है बल्कि जमीनी स्तर पर भी दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता एक साथ हैं. यही नहीं राजद के उम्मीदवार बनने से जदयू पर जिम्मेदारी भी बढ़ गई है. यही कारण है कि उसके तमाम बड़े नेताओं ने चुनाव में कैंप कर प्रचार किया और अब जीत के दावे भी कर रहे हैं.
JDU की अंजुम आरा कहती हैं कि बीजेपी ने मोकामा और गोपालगंज की जनता को बरगलाने की पूरी कोशिश की, लेकिन इसका फायदा उन्हें नहीं मिला. दोनों जगहों पर महागठबंधन के उम्मीदवारों की जीत होगी और 2024 के लोकसभा चुनाव में भी इसका असर साफ-साफ दिखेगा.
राजद प्रवक्ता एजाज अहमद कहते हैं कि नीतीश जी और तेजस्वी जी के एक साथ आने के बाद से ही बीजेपी की सारी रणनीति गड़बबड़ा गई है. दोनों सीटों पर राजद उम्मीदवार की जीत ये तय कर देगी कि 2024 और 2025 में तस्वीर क्या होने वाली है; और इसी बात से बीजेपी बेचैन है.
बहरहाल, दावे दोनों तरफ से किए जा रहे हैं. मगर इसका परिणाम राजद और जदयू दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. दरअसल, अगर जीत मिली तो गठबंधन और मजबूत होगा, लेकिन अगर हार मिली तो राजद और जदयू के संबंधों पर असर पड़ सकता है. भले ही इसकी तस्वीर अभी नहीं दिखे क्योंकि अपनी सेहत का हवाला देकर नीतीश कुमार दोनों जगहों पर चुनाव प्रचार के लिए नहीं गए थे. लेकिन, इतना तय है कि महागठबंधन में सबकुछ कूल-कूल नहीं रहेगा.
दूसरी ओर नीतीश कुमार के चुनाव प्रचार नहीं किए जाने को लेकर बीजेपी लगातार इस मुद्दे को उठाकर राजद और जदयू पर हमला बोल रही है. वहीं बीजेपी अगर हारती है तो उसे नए सिरे से तैयारी करनी होगी और साथ ही नई रणनीति भी बनानी होगी. जाहिर है यह उसके लिए आसान नहीं होगा क्योंकि 2015 के विधानसभा की तस्वीर बीजेपी ने देखी है जब महागठबंधन की हवा में बीजेपी उड़ गई थी.
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Tags: Assembly by election, Bihar News, Bihar News in hindi, Bihar politics, CM Nitish Kumar, Gopalganj newsFIRST PUBLISHED : November 04, 2022, 10:22 IST