केस स्टडी: वक्फ बोर्ड कैसे करता है आम लोगों की जमीनों पर अवैध कब्जा

Waqf Board: अगर आपकी पुश्तैनी जमीन पर अचानक नोटिस आ जाए कि यह जमीन आपका नहीं है और आपने कब्जा कर रखा है और इसे 30 दिन में खाली कर दें तो जरा सोचिए आपकी स्थिति कैसी हो जाएगी ।यही हाल पटना के फतुहा थाना के गोविंदपुर गांव के लोगों का हुआ है

केस स्टडी: वक्फ बोर्ड कैसे करता है आम लोगों की जमीनों पर अवैध कब्जा
हाइलाइट्स वक्फ बोर्ड ने फतुहा के गोविंदपुर गांव के लोगों को गांव की जमीन खाली करने का दिया था फरमान. सुन्नी वक्फ बोर्ड के अवैध फरमान को पटना हाईकोर्ट ने खारिज किया, अब जेपीसी के लिए केस स्टडी. पटना. बिहार की राजधानी पटना से सटे फतुहा के गोविंदपुर गांव के लोगों की पुश्तैनी बाप दादा की जमीन पर अचानक सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा नोटिस दिया जाता है कि गांव की जमीन वक्फ बोर्ड की है और इस पर अवैध कब्जा किया गया है. इसे 30 दिन के भीतर खाली कर दें. लोग अभी समझ पाते उससे पहले पटना डीएम का भी आदेश जारी होता है कि यह जमीन वक्फ बोर्ड की है और इसे जबरन कब्जा किया गया है, उसे खाली कर दें. पटना जिलाधिकारी के आदेश के बाद तो लोगों के होश उड़ गए. लोग अपनी जमीन के कागजात लेकर डीएम कार्यालय से लेकर वक्फ बर्ड तक दौड़ते रहे पर कोई सुनने वाला नहीं. जब डीएम कार्यालय में लोगों ने आवेदन दिया तो डीएम कार्यालय से मामले को वक्फ के ट्रिब्यूनल में जाकर सुलझाने की बात कही गई. बताया गया की वक्फ की जमीन मामले में चूंकि कोई सुनवाई नहीं कर सकता इसलिए इस मामले को वक्फ में ही जाकर सुलझाएं. वक्फ के पास जमीन के कोई सबूत नहीं-वक्फ बोर्ड ने गांव वालों की जमीन पर दावा किया कि खाता संख्या 217 जिसपर कई लोगों के पुश्तैनी घर बने हुए हैं वह 1959 में वक्फ के द्वारा रजिस्ट्री की गई थी. गांव वालों की जमीन वक्फ बोर्ड को कौन दान दिया, किसने अपनी जमीन को वक्फ के नाम रजिस्ट्री की…इस बात की जानकारी के लिए वक्फ से पूछा गया तो वक्फ ने कोई जवाब नहीं दिया गया. वक्फ की जमीन के सबूत के लिए जब गांववालों ने कागजात जानने के लिए सूचने के अधिकार यानी आरटीआई के तहत पूछताछ की तो कई बार आरटीआई का जवाब भी नहीं दिया गया. कई बार कोशिशों के बाद जब आरटीआई से जवाब आया वो होश उड़ाने वाला था. दरअसल, जमीन के कागजात के नाम पर सुन्नी वक्फ बोर्ड ने एक फॉर्मेट दिया जिसमें सभी जानकारियों के शामिल होने की बात कही गई. चौंकाने वाला तथ्य यह है कि उस फॉर्मेट में वह कॉलम खाली छोड़ दिया गया जिसमें जमीन दान करने वाले का नाम देना था. जमीन को किसने दान दिया यह जानकारी सुन्नी वक्फ बोर्ड ने नहीं दिया. फतुहा के गोविंदपुर गांव पहुंची वक्फ बोर्ड जेपीसी टीम के सदस्य सांसद संजय कुमार जायसवाल और अन्य. जेपीसी ने संज्ञान लेते हुए टीम पहुंची फतुहा फतवा के हिंदुओं की जमीन वक्फ द्वारा हड़पने की खबर वायरल होने के बाद नए वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक को लेकर बनाए जाने वाले कानून के लिए बनी जेपीसी की टीम ने गुरुवार को फतुहा पहुंचकर मामले का जायजा लिया और पूरा केस समझा. बिहार के सांसद और जेपीसी के सदस्य संजय जायसवाल की गवाही में टीम फतुहा पहुंची और गांववालों से मिलकर तमाम कागजात को देखते हुए पड़ताल की. जेपीसी के सामने पेश किये जाएंगे गांवावाले जेपीसी के सदस्य संजय जायसवाल ने बताया कि हिंदुओं की यह जमीन सुन्नी वक्फ द्वारा पूरी तरह से अवैध और नियम कानून को ताक पर रखकर हड़पने की कोशिश की गई है. किसी कीमत पर यह जमीन वक्फ बोर्ड को नहीं जाने दी जाएगी. संजय जायसवाल ने यह भी बताया फतुहा के इस मामले को केस स्टडी के रूप में जेपीसी में पेश किया जाएगा और गांव वालों को गवाह के तौर पर दिल्ली जेपीसी के सामने बुलाया जाएगा. Tags: Bihar News, Patna News Today, Waqf BoardFIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 12:56 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed