BJP Politics: हाशिये पर चल रहे सुमो और वन मैन आर्मी के नाम से मशहूर सुशील कुमार मोदी का क्या बीजेपी में एक बार फिर से ओहदा बढ़ेगा

Bihar politics: एक दौर था जब बिहार बीजेपी (Bihar BJP) के कद्दावर नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) के इशारे पर ही केंद्रीय नेतृत्व सारे फैसले लिया करती थी. लेकिन, राज्यसभा सांसद (MP) बनने के कुछ दिन के बाद से ही सुशील कुमार मोदी अपनी ही पार्टी में हाशिये पर आ गए. 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद सुशील मोदी को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने किनारा लगा दिया. हालांकि, बाद में उन्हें राज्यसभा भेजा तो गया लेकिन मोदी मंत्रिमंडल में उनको जगह नहीं मिली.

BJP Politics: हाशिये पर चल रहे सुमो और वन मैन आर्मी के नाम से मशहूर सुशील कुमार मोदी का क्या बीजेपी में एक बार फिर से ओहदा बढ़ेगा
पटना. एनडीए से नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के जाने के बाद से ही बिहार बीजेपी (BJP) में मंथन का दौर शुरू हो गया है. पार्टी थींक टेंक के बीच लगातार बैठकों का दौर चल रहा है कि बिहार की मौजूदा राजनीतिक हालात से कैसे निपटा जाए? वह कौन नेता होगा, जो आने वाले दिनों में बिहार में पार्टी के लिए असरदार साबित होगा? वह कौन नेता होगा, जो नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को घेर सके? राजनीतिक जानकारों की मानें तो यह मंथन साल 2024 और 2025 को ध्यान में रख कर किया जा रहा है. ऐसे में सवाल उठता है कि बिहार बीजेपी में वे कौन-कौन से चेहरे हैं, जिसे पार्टी नीतीश कुमार के सामने उतार सके. आपको बता दें कि आर के सिंह, तारकिशोर प्रसाद, मंगल पांडेय, रविशंकर प्रसाद, नित्यानंद राय जैसे कई चेहरे बीजेपी के पास हैं. लेकिन, सबकी निगाहें हाशिये पर चल रहे सुशील कुमार मोदी पर आकर क्यों टिक गई है? क्या बीजीपी एक बार फिर से सुशील मोदी को बड़ी जिम्मेदारी देने जा रही है? बता दें कि एक दौर था जब बिहार बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी के इशारे पर ही केंद्रीय नेतृत्व सारे फैसले लिया करती थी. लेकिन, राज्यसभा सांसद बनने के कुछ दिन के बाद से ही सुशील कुमार मोदी अपनी ही पार्टी में हाशिये पर आ गए. 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद सुशील मोदी को पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने किनारा लगा दिया. हालांकि, बाद में उन्हें राज्यसभा भेजा तो गया लेकिन मोदी मंत्रिमंडल में उनको जगह नहीं मिली. इसके बावजूद सुशील मोदी राज्यसभा में लगातार सवालों के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज कर रहे थे. मोदी उन सवालों के जवाब को अपने फेसबुक और अन्य सोशल साइट्स के जरिए मोदी सरकार के नीतियों को आम लोगों तक पहुंचा रहे थे. नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के मुकाबले के लिए बीजेपी बिहार में किस शख्स को चेहरा बनाएगी?  (फोटो: ANI) सुमो की वापसी नीतीश के लिए कितना मुश्किल होगा हालांकि, पिछले दिनों ही जब पार्टी की तरफ से संयुक्त मोर्चों की बैठक पटना में आयोजित की गई थी तो इस दौरान भी सुशील कुमार मोदी बीजेपी के पोस्टर से गायब नजर आए थे. बीजेपी कार्यकर्ता और समर्थक राकेश कुमार चौधरी न्यूज-18 हिंदी से बात करते हुए कहते हैं, ‘सुशील मोदी को पार्टी से साइड नहीं किया गया है. केंद्रीय नेतृत्व को सुशील मोदी की जरूरत केंद्र में ज्यादा नजर आई, इसलिए उनको राज्यसभा लाया गया. राज्यसभा में अरुण जेटली के बाद जो खाली जगह हो गया था, उसे सुशील मोदी अपने तर्क और सवालों के जरिए भर रहे थे. लेकिन, एक पार्टी कार्यकर्ता के नाते मैं कह सकता हूं कि यह फैसला सही नहीं था. क्योंकि, बीते दो-तीन सालों में बिहार बीजेपी में एक भी ऐसा नेता विकसित नहीं हुआ, जो सुशील मोदी की जगह ले सके.’ क्या कहते हैं जानकार बिहार की राजनीति को करीब से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुनीलल पांडेय कहते हैं, ‘देखिए बिहार में सुशील कुमार मोदी की पहचान आंकड़ों की बाजीगर के तौर पर होती है. वह आंकड़ों के बाजरीगरी में माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं. शायद यही कारण है कि वह अलग पार्टी में रहने के बावजूद भी नीतीश कुमार के काफी करीबी रहे हैं. लालू राज को उखाड़ फेंकने में उनका सबसे बड़ा योगदान था. लेकिन, बीजेपी नेताओं ने ही उन पर आरोप लगाना शुरू कर दिया कि वह एक विचारधारा से ग्रस्त व्यक्ति हैं. जब तक बिहार में वह रहेंगे बीजेपी अपने दम पर सरकार नहीं बना सकती. हालांकि, ये वे नेता हैं जिनका जुड़ाव धरती से कम है और वे चापलूसबाज ज्यादा हैं. इन्हीं नेताओं ने पार्टी आलाकमान के सामने सुशील मोदी की शिकायत कर कर के दिल्ली का रास्ता दिखा दिया. लिहाजा, बीजेपी आलाकमान ने उनको नीतीश की नजदीकी के कारण राज्य की राजनीति से दूर केंद्र की राजनीति में ले कर आ गई. लेकिन, मेरा अभी भी मानना है कि बिहार की राजनीति में बीजेपी के लिए जो परिस्थिति इस समय पैदा हुई है, सुशील कुमार मोदी अगर सक्रिय रहते तो यह स्थिति शायद उत्पन्न नहीं हो पाती.’ क्या बीजेपी एक बार फिर से सुशील कुमार मोदी को नीतीश कुमार के मुकाबले मैदान में उतारेगी? (@BJP4India) ये भी पढ़ें: Driving Licence: ड्राइविंग टेस्ट के दौरान आप दिल्ली में नहीं होंगे फेल! नियमों में हुए ये बड़े बदलाव कई और विश्लेषकों का मानना है कि सुशील कुमार मोदी अभी भी नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को बहुत ही बेहतर तरीके से जवाब दे सकते हैं. क्योंकि, पिछली बार जब एनडीए छोड़ कर नीतीश कुमार ने आरजेडी और कांग्रेस के साथ महागठबंधन की सरकार बनाई थी तो फिर से वापस बीजेपी को सत्ता में लाने की धुरी सुशील मोदी ही थे. तब, उन्होंने लगातार एक के बाद एक 48 प्रेस कांफ्रेंस की थी और लालू यादव के परिवार को पूरी तरह एक्सपोज कर दिया था. इसके बाद ही सीबीआई की रेड तेजस्वी यादव के ठिकाने पर हुई थी और फिर पूछताछ. लेकिन, 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद से सुशील कुमार मोदी राज्य बीजेपी की राजनीति से हाशिये पर चले गए. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या बीजेपी एक बार फिर से सुशील कुमार मोदी को नीतीश कुमार के मुकाबले मैदान में उतारेगी? ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी | Tags: Bihar politics, BJP, CM Nitish Kumar, NDA, Sushil kumar modi, Sushil ModiFIRST PUBLISHED : August 09, 2022, 20:55 IST