खरपतवारों का काल है ये हाइड्रोलिक कृषि यंत्र1 घंटे में 1 एकड़ खेत कर देगा साफ

अवतार सिंह ने बताया कि खरपतवार किसानों के लिए बड़ी चुनौती हैं. खरपतवार फसल के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं. जिसका खत्मा करने के लिए किसान कई तरह के खरपतवार नाशक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन खरपतवार पूरी तरह से नष्ट नहीं होते.

खरपतवारों का काल है ये हाइड्रोलिक कृषि यंत्र1 घंटे में 1 एकड़ खेत कर देगा साफ
शाहजहांपुर: इन दिनों किसान धान की रोपाई कर रहे हैं. धान की फसल में खरपतवार किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है, क्योंकि खरपतवार धान के पौधों के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं. धान के पौधों को दिए जाने वाले उर्वरक और पोषक तत्वों को खरपतवार भी ग्रहण करते रहते हैं. जिसकी वजह से धान के पौधों की बढ़वार अच्छे से नहीं हो पाती, जिसका सीधा असर धान के उत्पादन पर पड़ता है. किसान धान की रोपाई से पहले इस कृषि यंत्र से खेत की जुताई कर दें तो किसानों की इस बड़ी समस्या का समाधान हो जाएगा. मनकीरत एग्रो के मालिक और कृषि यंत्र एक्सपर्ट अवतार सिंह ने बताया कि पहले किसान बैलों की जोड़ी के साथ पलटा हल के साथ खेत की जुताई किया करते थे. जिससे ऊपर की मिट्टी नीचे और नीचे की मिट्टी ऊपर आ जाया करती थी, लेकिन जब ट्रैक्टर और आधुनिक कृषि यंत्रों से खेती होना शुरू हुई तो किसानों ने पलटा हल का इस्तेमाल करना बंद कर दिया. ट्रैक्टर और कृषि यंत्रों से खेत की जुताई करने से मिट्टी की सतह लगातार कठोर होती जा रही है. जिस मिट्टी की जल धारण क्षमता में भी कमी आई है. उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ रहा है. उसके साथ-साथ खरपतवार भी किसानों के लिए एक बड़ी समस्या हो गए हैं. लेकिन अब आधुनिक यंत्रों की बात करें तो रिवर्सिबल प्लाऊ, जिससे मिट्टी की गहरी जुताई कर मिट्टी को जाता है. ऐसा करने से मिट्टी की गुणवत्ता और उर्वरा शक्ति में बढ़ोतरी होती है. इस यंत्र को चलाने के लिए हाइड्रोलिक सिस्टम दिया होता है. इस यंत्र का वजन करीब 4 क्विंटल तक होता है. मिट्टी की जल धारण क्षमता में होगा इजाफा अवतार सिंह ने बताया कि रिवर्सिबल प्लाऊ से खेत की जुताई करने से किसानों को कई फायदे होते हैं, क्योंकि किसान खेत की जुताई करने के लिए कैल्टीवेटर, डिस्क हैरो और रोटावेटर का इस्तेमाल करते हैं. जिससे 5 से 6 इंच तक की जुताई हो पाती है. नीचे एक सख्त परत जमती जाती है. जिसकी वजह से बारिश होने के बाद पानी मिट्टी में अवशोषित होने की बजाय नदियों नालों में बह जाता है लेकिन रिवर्सिबल प्लाऊ से खेत की जुताई करने से ऐसा नहीं होता. इससे गहरी जुताई होती है और मिट्टी की जल धारण और जल ग्रहण करने की क्षमता में इजाफा होता है. फसल अवशेष प्रबंधन के उपयोगी अवतार सिंह ने बताया कि किसानों के लिए फसल अवशेष भी एक बड़ी समस्या है लेकिन रिवर्सिबल प्लाऊ से फसल अवशेष प्रबंधन भी बेहतर तरीके से किया जा सकता है. रिवर्सिबल प्लाऊ खेत की गहरी जुताई कर फसल अवशेष को मिट्टी में अच्छी तरह से दबा दें जो कि बाद में खाद में तब्दील हो जाएगा. मिट्टी की उपजाऊ क्षमता में इजाफा होगा. खरपतवारों का काल है ये यंत्र अवतार सिंह ने बताया कि खरपतवार किसानों के लिए बड़ी चुनौती हैं. खरपतवार फसल के साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं. जिसका खत्मा करने के लिए किसान कई तरह के खरपतवार नाशक का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन खरपतवार पूरी तरह से नष्ट नहीं होते. रिवर्सिबल प्लाऊ से खेत की जुताई करने से मिट्टी की ऊपरी सतह पर रहने वाले खरपतवारों के बीज गहराई में चले जाते हैं. दोबारा खरपतवार खेत में नहीं उग पाते. कितनी है इसकी कीमत? अवतार सिंह ने बताया कि 2 बॉटम कर रिवर्सिबल प्लाऊ को चलाने के लिए 50 हॉर्स पावर ट्रैक्टर की आवश्यकता रहती है, जबकि 3 बॉटम के रिवर्सिबल प्लाऊ को चलाने के लिए 55 हॉर्स पावर और 3 से अधिक बॉटम वाले रिवर्सिबल प्लाऊ को चलाने के लिए 55 से 60 हॉर्स पावर ट्रैक्टर की आवश्यकता रहती है. 2 बॉटम कर रिवर्सिबल प्लाऊ की कीमत 1 लाख 50 हजार रुपए से लेकर 2 लाख 25 हजार रुपए तक रहती है. यह रेट अलग-अलग कंपनी के रिवर्सिबल प्लाऊ के आधार पर रहते हैं. एक घंटे में करेगा कितना काम? अवतार सिंह ने बताया कि 2 बॉटम रिवर्सिबल प्लाऊ से एक घंटे में 1 एकड़ खेत की जुताई और 3 बॉटम रिवर्सिबल प्लाऊ से एक घंटे में 1.5 एकड़ खेत की जुताई की जा सकती है. डीजल की भी होगी बचत आमतौर पर किसान कैल्टीवेटर, रोटावेटर और डिस्क हैरो से खेत की जुताई करते हैं. मिट्टी को भुरभुरा बनाने के लिए किसानों को कई बार जुताई करनी पड़ती है, लेकिन अगर किसान रिवर्सिबल प्लाऊ से जुताई करते हैं तो उसके बाद डिस्क हैरो से हल्का कट खोलकर एक बार जुताई करें, फिर रोटावेटर से जुताई करने के बाद खेत बुवाई के लिए तैयार हो जाता है. Tags: Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 10, 2024, 17:28 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed