जेल के बाहर भी केजरीवाल की मुश्किलें कम नहीं!इन अहम मुद्दों पर लेना होगा फैसला
जेल के बाहर भी केजरीवाल की मुश्किलें कम नहीं!इन अहम मुद्दों पर लेना होगा फैसला
Arvind Kejriwal: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले से जमानत मिल चुकी है. अगर कोई और पेंच नहीं फंसा और वे जेल से बाहर आ जाएंगे. मगर जेल के बाहर भी वो चैन की सांस शायद ही ले पाएं क्योंकि कई समस्याएं और मुद्दे उनका इंतजार कर रहे हैं.
नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले से जमानत मिल चुकी है. अगर कोई और पेंच नहीं फंसा और वे जेल से बाहर आ जाएंगे. मगर जेल के बाहर भी वो चैन की सांस शायद ही ले पाएं क्योंकि कई समस्याएं और मुद्दे उनका इंतजार कर रहे हैं. इनमें सबसे पहले तो नगर निगम के मेयर का चुनाव है. जो उनके जेल में होने के कारण रुका हुआ है. इसके अलावा उनके कई मंत्रियों ने अपने ही विभाग के नौकरशाहों के खिलाफ आवाज उठाई है. साथ ही महिलाओं को 1000 रुपया महीना खाते में भेजने की योजना पर भी जल्द फैसला लेना होगा.
महिलाओं को 1000 रुपया महीना पर फैसला जल्द
महिलाओं को 1000 रुपया महीना मदद देने की योजना पर आम आदमी पार्टी का राजनीतिक भविष्य भी निर्भर हो सकता है. इस तरह देखा जाए तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जब तिहाड़ जेल से रिहा होते हैं, तो उनके सामने लंबित मामलों की लिस्ट बहुत लंबी होगी. इस साल बजट में AAP सरकार द्वारा किए गए सबसे बड़े वादों में से एक शहर की महिलाओं के लिए 1,000 रुपये की सहायता की घोषणा थी. यह उन लोगों पर लागू होगा जो कर दायरे में नहीं आते हैं.
मेयर चुनाव अहम
सूत्रों के अनुसार, जब 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया गया था, तब योजना के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा था. लोकसभा अभियान के दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल ने दावा किया था कि उन्हें इसलिए गिरफ्तार किया गया था क्योंकि भाजपा यह सुनिश्चित करना चाहती थी कि योजना लागू न हो. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अब जबकि उनके जल्द ही जेल से बाहर आने की उम्मीद है, हमारा मानना है कि यह पहली योजना होगी जिसे वह सुनिश्चित करेंगे कि कैबिनेट द्वारा पारित किया जाए, ताकि अक्टूबर-नवंबर तक कार्यान्वयन हो सके. नेताओं का मानना है कि उनके सामने अगला काम मेयर चुनाव होगा. अप्रैल में होने वाले चुनाव को तब टाल दिया गया जब एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि केजरीवाल भ्रष्टाचार के मामले के सिलसिले में जेल में हैं और अपने कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ हैं.
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नौकरशाहों के तबादले
सक्सेना ने संबंधित फाइल में लिखा था कि मैं सीएम से इनपुट के अभाव में पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति करने के लिए प्रशासक के रूप में अपनी शक्ति का प्रयोग करना उचित नहीं समझता. एमसीडी के 250 वार्डों में से आप ने 134 और भाजपा ने 104 वार्ड जीते. हालांकि, पार्टी और नौकरशाही के सूत्रों ने कहा कि केजरीवाल की मौजूदगी की सबसे विवादास्पद बैठक राष्ट्रीय राजधानी नागरिक सेवा प्राधिकरण (एनसीसीएसए) की बैठक है. यह संस्था दिल्ली सरकार के साथ काम करने वाले नौकरशाहों के तबादले, नियुक्ति और सतर्कता संबंधी मामलों के बारे में निर्णय लेने का काम करता है. इसके अध्यक्ष केजरीवाल हैं और प्रमुख सचिव (गृह) और मुख्य सचिव इसके सदस्य हैं. इसकी आखिरी बैठक पिछले साल सितंबर में हुई थी. तब से, दिल्ली में बड़े अधिकारियों के खिलाफ शिकायतों और मेडिकल कॉलेजों के प्रिंसिपलों के तबादलों सहित कई मामले लंबित हैं. आप के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा कि केजरीवाल की रिहाई से शहर में नौकरशाही में महत्वपूर्ण फेरबदल को बढ़ावा मिलने की संभावना है.
Tags: Arvind kejriwal, CM Arvind Kejriwal, Delhi CM Arvind KejriwalFIRST PUBLISHED : June 21, 2024, 08:26 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed