अरविंद केजरीवाल को राहतपर SC ने केस 3 जजों के पास क्यों भेजा यह है असल वजह

Arvind kejriwal Bail News: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शुक्रवार को अंतरिम जमानत दे दी. हालांकि, अदालत ने मामले को बड़ी बेंच के पास भेज दिया. इसके पीछे की वजह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मामले में जमानत मिलने के बाद भी मुख्यमंत्री केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे, क्योंकि केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था।

अरविंद केजरीवाल को राहतपर SC ने केस 3 जजों के पास क्यों भेजा यह है असल वजह
नई दिल्ली: दिल्ली शराब घोटाला केस में अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिल गई. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी. अरविंद केजरीवाल को यह राहत ईडी के मामले में मिली है. सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी अरविंद केजरीवाल अभी जेल में ही रहेंगे, क्योंकि सीबीआई ने आबकारी नीति घोटाले से संबंधित भ्रष्टाचार के एक मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था. इस मामले में अभी वह न्यायिक हिरासत में हैं. अब सवाल उठता है कि अरविंद केजरीवाल को राहत तो दी, मगर सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 3 जजों की बेंच के पास क्यों भेज दिया? अरविंद केजरीवाल को राहत देने वाली बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता शामिल थे. जस्टिस संवीज खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने ईडी मामले में अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की वैधता से संबंधित सवालों को लार्जर बेंच यानी 3 जजों की बेंच के पास भेज दिया. जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दिपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि गिरफ्तारी को चैलेंज करने वाली याचिका में अरविंद केजरीवाल ने कुछ कानूनी सवाल उठाए हैं, जिन पर सुप्रीम कोर्ट की बड़ी बेंच को विचार करना चाहिए. इसलिए मामले को बड़ी बेंच को रेफर करते हुए कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा करना उचित समझा. कोर्ट ने क्या आदेश दिया कोर्ट ने आदेश दिया, ‘चूंकि मामला जीवन के अधिकार से जुड़ा है और इसे बड़ी बेंच को रेफर किया जा रहा है, इसलिए हम अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का निर्देश देते हैं.’ कोर्ट ने कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) की धारा 19 के तहत ‘गिरफ्तारी की आवश्यकता’ से जुड़े कानूनी सवाल पर सुप्रीम कोर्ट की एक बड़ी बेंच को विचार करना होगा. क्या कहता है सेक्शन 19 अब सवाल है कि आखिर सेक्शन 19 में है क्या. दरअसल, सेक्शन 19 में प्रावधान है कि अगर जांच एजेंसी ईडी को अपने पास मौजूद सामग्री के आधार पर यह मानने का कारण है (और इस विश्वास का कारण लिखित में दर्ज किया जाना चाहिए) कि कोई भी व्यक्ति PMLA के तहत दंडनीय अपराध का दोषी है, तो वह उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है. किस आधार पर रिहा किए जाएंगे केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट ने ने ईडी की गिरफ्तारी की शक्ति और नीति से संबंधित तीन प्रश्न तय किए और कहा कि केजरीवाल को 10 मई के आदेश की शर्तों के अनुसार अंतरिम जमानत पर रिहा किया जाएगा. ईडी ने धनशोधन मामले में केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. अरविंद केजरीवाल को 26 जून को सीबीआई ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था. ये मामले दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 से जुड़े हैं जो बाद में रद्द कर दी गई थी. Tags: Arvind kejriwal, Delhi liquor scam, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 13:32 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed