इस भारी संकट में फंस गए मूंगफली वाले किसान किसी को नहीं सूझ रहा कोई उपाय

Peanut farmers in kannauj: बीते साल मूंगफली में फायदा देखकर इस बार किसानों ने मक्का की फसल कम और मूंगफली की खेती ज्यादा की. खेतों में फसल अच्छी तैयार भी हुई थी लेकिन....

इस भारी संकट में फंस गए मूंगफली वाले किसान किसी को नहीं सूझ रहा कोई उपाय
अंजली शर्मा/कन्नौज: मूंगफली की फसल करने वाले किसानों के लिए मुश्किल समय चल रहा है. वर्षा होने पर खेतों में पानी भर जाने से मूंगफली दोबारा जमने लगी है और दूसरी तरफ भीगने से यह काली भी पड़ रही है. ऐसे में मूंगफली के भाव एकदम से गिर गए हैं. इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है. उत्तर प्रदेश के कन्नौज क्षेत्र में किसान बड़े पैमाने पर मूंगफली की खेती करते हैं और मौसम के इस तरह के उतार-चढ़ाव से किसान लगातार परेशान हैं. पिछले साल क्या थी कीमत बीते साल मूंगफली की कीमत बाजार में अच्छी थी और लगभग ₹7000 प्रति कुंटल से शुरुआत हुई थी. अंत में ₹6000 प्रति कुंटल तक बिकी थी. मूंगफली में फायदा देखकर इस बार किसानों ने मक्का की फसल कम और मूंगफली खेती ज्यादा की. खेतों में फसल अच्छी तैयार भी हुई थी लेकिन, प्रकृति की मार ने किसानों की हालत खराब कर दी. बारिश होने से खेतों में पानी भर गया और इससे मूंगफली खराब होने लगी. किसानों ने इसे खेतों से बाहर निकाला तो उसका रंग काला पड़ गया. क्या है अब कीमत इस साल शुरुआत से ही मूंगफली की कीमत गिरी रही. मूंगफली की शुरुआती कीमत 5,500 से 5,600 प्रति कुंटल के बीच रही. कुछ समय के लिए तो मूंगफली ₹6,000 प्रति कुंटल तक बिकी लेकिन, वर्तमान में काली पड़ी मूंगफली 3,000 से लेकर ₹3,800 प्रति कुंटल तक बिक रही है. सबसे अच्छी क्वालिटी की चमकदार मूंगफली 4,700 से 4,800 प्रति कुंटल के हिसाब से बिक रही है. यह पिछले साल के भाव से बहुत कम है. क्या बोले किसान छिबरामऊ के संबलपुर किसान सर्वेश यादव बताते हैं कि इस साल फायदे की उम्मीद से मूंगफली की फसल की थी. पिछले साल की अपेक्षा इस बार मूंगफली में नुकसान हो रहा है. खेतों में पानी भरने से मूंगफली निकल नहीं पा रही. बरसात की वजह से धूप न निकलने से यह काली भी पड़ रही है. क्या बोले एडीओ कृषि एडीओ कृषि रक्षा अधिकारी रत्नेश कुमार दुबे बताते हैं कि किसानों को 20 फरवरी तक मूंगफली की बुवाई कर देनी चाहिए. इससे जून के अंत तक फसल खेतों से निकलकर बिक्री के लिए मंडी पहुंच जाएगी. इसके बाद मानसून आने पर फसल प्रभावित होती है. चार माह से अधिक का समय होने पर मूंगफली खेत के अंदर ही दोबारा से अंकुरित होना शुरू हो जाती है. भीगने की वजह से इसकी चमक खत्म होती है और काली पड़ने लगती है. इसकी वजह से बाजार में इसकी कीमत अच्छी नहीं मिल पाती. Tags: Local18FIRST PUBLISHED : July 21, 2024, 21:43 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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