खेत के किनारे लगाएं ऑस्ट्रेलिया वाला ये पेड़6 साल में हो जाएंगे मालामाल

कृषि एक्सपर्ट डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि यूकेलिप्टस ऑस्ट्रेलिया मूल का पेड़ है, जो कम समय में तेजी से बढ़वार करने के साथ साथ सीधा फैलता है. इसे गम, सफेदा और नीलगिरि के नाम से भी जाना जाता है. इसके पेड़ो की लकड़ी का इस्तेमाल पेटियां, ईंधन, फर्नीचर, और इसकी लकड़ी का इस्तेमाल इमारती लकड़ी के तौर पर भी किया जाता है.

खेत के किनारे लगाएं ऑस्ट्रेलिया वाला ये पेड़6 साल में हो जाएंगे मालामाल
शाहजहांपुर : किसान खेती के साथ-साथ अगर खेत किनारे पौधे लगा दें तो उनको अतिरिक्त आमदनी मिल सकती है. बहुत ही कम समय में तैयार होने वाला यूकेलिप्टस यानी सफेदा का पौधा लगाया जा सकता है. फसल के साथ-साथ किसानों को यह अतिरिक्त आमदनी दे सकता है. यूकेलिप्टस से इमारती लकड़ी ली जा सकती है. औद्योगिक इकाइयों के द्वारा भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. यह 5 से 6 वर्षों में हार्वेस्टिंग के लिए तैयार हो जाता है. कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के कृषि एक्सपर्ट डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि यूकेलिप्टस ऑस्ट्रेलिया मूल का पेड़ है, जो कम समय में तेजी से बढ़वार करने के साथ साथ सीधा फैलता है. इसे गम, सफेदा और नीलगिरि के नाम से भी जाना जाता है. इसके पेड़ो से प्राप्त होने वाली लकड़ी का इस्तेमाल पेटियां, ईंधन, हार्ड बोर्ड, लुगदी, फर्नीचर, पार्टिकल बोर्ड के साथ ही इमारती लकड़ी के तौर पर भी किया जाता है. यूकेलिप्टस के पौधे 5 से 6 वर्ष में तैयार हो जाते हैं, अगर ज्यादा लाभ लेना चाहते हैं तो 15 से 20 साल तक रुकने के बाद इसकी कटाई करें तो अच्छा उत्पादन मिलेगा. कैसे तैयार करें गड्ढे? डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि यूकेलिप्टस के पौधे लगाने के लिए पहले से ही तैयारी करनी होती है. यूकेलिप्टस का पौधा खेत में लगाने के लिए एक 1 मीटर चौड़ा, 1 मीटर लंबा और 1 मीटर गहरा गड्ढा खोदकर उसकी मिट्टी बाहर निकालने के बाद एक तिहाई मिट्टी, एक तिहाई गोबर की सड़ी हुई गोबर की खाद और इतनी ही मात्रा में बालू मिलाकर, उसमें फंगीसाइड मिलाते हुए गड्ढे को भर दें. गड्ढे में मिट्टी भरते समय 1 किलोग्राम एनपीके खाद का इस्तेमाल भी करें. गड्ढे से गड्ढे की दूरी 2 मीटर रखें. नहीं पड़ेगा पौधों पर असर डॉ. एनपी गुप्ता ने बताया कि किसान खेत के किनारे भी यूकेलिप्टस के पौधे लगा सकते हैं. जिससे किसान खेत में दूसरी फसलें ले सकते हैं और मेड पर लगे हुए यूकेलिप्टस के पौधे किसानों को अतिरिक्त लाभ देंगे. मेड पर पौधे लगाने के लिए पौधे से पौधे की दूरी करीब 1.5 मीटर रखनी चाहिए. यूकेलिप्टस के पौधे खेत में दूसरी फसलों को मिलने वाले उर्वरक से ही पोषण ले लेंगे. इसके लिए अतिरिक्त से कोई खर्च करने की जरूरत नहीं होगी. Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : July 4, 2024, 14:30 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed