मानसून के मौसम में करें नींबू की इन 5 किस्मों की रोपाईरखें इन बातों का ध्यान
मानसून के मौसम में करें नींबू की इन 5 किस्मों की रोपाईरखें इन बातों का ध्यान
गार्डनिंग एक्सपर्ट मोहम्मद आलम ने बताया कि किस नींबू की खेती करके कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. नींबू के पौधे खेत के किनारे भी लगाए जा सकते हैं. जिससे किसानों की फसल को आवारा जानवर नष्ट नहीं करेंगे. किसानों को अतिरिक्त आमदनी भी मिलेगी.
सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर : औषधीय गुणों से भरपूर नींबू जो कैंसर, किडनी की पथरी और दिल की बीमारियों के खतरे को कम करता है और यहां तक कि यह वजन कम करने में भी कारगर है. नींबू में विटामिन सी और फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. लेकिन किसान अगर इसकी व्यावसायिक खेती करें तो नींबू की फसल से किसानों को अच्छा उत्पादन मिल सकता है.
कृषि एक्सपर्ट मोहम्मद आलम ने बताया कि नींबू की खेती करके किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं. नींबू की खेती भारत के कई हिस्सों में की जाती है. जून से अगस्त तक का समय नींबू की रोपाई के लिए बेहद ही मुफीद है. बारिश और मानसून के मौसम में नींबू के पौधों का विकास बहुत अच्छी तरह से होता है. अगर अच्छी किस्म के नींबू के पौधे लगाए जाएं तो यह बहुत जल्द किसानों को उत्पादन देने लगते हैं. नींबू का इस्तेमाल सबसे अधिक खाने में किया जाता है. खाने के अलावा नींबू का इस्तेमाल अचार बनाने के लिए भी किया जाता है. नींबू का इस्तेमाल कई कॉस्मेटिक और फार्मास्युटिकल कंपनियों द्वारा भी किया रहा है.
बेहतर किस्मों का करें चयन
मोहम्मद आलम ने बताया कि किसी भी तरह की बागवानी में अच्छे किस्म और गुणवत्ता का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. अगर आप नींबू की खेती करना चाहते हैं तो आप कागजी नींबू, विक्रम या फिर पंजाबी बारहमासी, साईं सरबती पीके एम 1, चक्रधर और प्रामलिनी जैसी उन्नत किस्म के पौधे लगा सकते हैं. जो कि बहुत कम समय में अच्छा उत्पादन देने लगते हैं. नींबू को लगभग सभी तरह की मिट्टियों में आसानी से उगाया जा सकता है. वहीं नींबू की खेती के लिए हल्की मिट्टी जिसमें अच्छी जल निकास वाली हो तो ज्यादा अनुकूल मानी जाती है.
कैसे करें पौधारोपण?
मोहम्मद आलम ने बताया कि जुलाई और अगस्त का महीना नींबू के पौधे लगाने का सर्वोत्तम समय माना जाता है. इसको लगाने के लिए गड्ढे की खुदाई एक घन मीटर की करनी चाहिए. इसके बाद गड्ढे में 10-15 दिनों तक धूप लगने के बाद अच्छी तरह सड़ी हुई गोबर की खाद मिलाकर गड्ढे में डालकर भर देना चाहिए. जैसे ही जुलाई की पहली बरसात होती है. तत्काल नींबू के पौधे लगा दें. पौधे से पौधे की दूरी लगभग 4 से 4.5 मीटर रखनी चाहिए.
Tags: Agriculture, Local18, Shahjahanpur News, Uttar Pradesh News HindiFIRST PUBLISHED : June 3, 2024, 13:38 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed