शेख हसीना ने ढाका में मंदिर को दी 100 Cr की जमीन फिर किसके सीने पर लोटा सांप

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की पहचान एक धर्मनिरपेक्ष नेता के तौर पर रही है. इस कारण बांग्लादेश का हिंदू समाज उनको अपना नेता मानता है. लेकिन, उनके इसी हिंदू प्रेम की वजह से कट्टरपंथियों के सीने पर सांप लोटने लगता है.

शेख हसीना ने ढाका में मंदिर को दी 100 Cr की जमीन फिर किसके सीने पर लोटा सांप
बांग्लादेश के हालात बेकाबू हो गए हैं. सेना की कोशिश के बावजूद अभी तक स्थिति नहीं संभाली है. अभी भी अल्पसंख्यक और आवामी लीग के सदस्यों पर हमले किए जा रहे हैं. इसमें दसियों लोगों की मौत हुई है. हर व्यवस्था चरमार गई है. एटीएम में पैसे नहीं हैं. बैंकों ने भी पैसों की निकासी की सीमा तय कर दी है. इस बीच सवाल उठा रहा है कि आखिर वो कौन की स्थिति थी जिसकी वजह से शेख हसीना के खिलाफ इनता व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुआ. दरअसल, शेख हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग एक लोकतंत्र पसंद दल है. वह स्थापना के वक्त से ही लोकतंत्र को मजबूत करने की कोशिश करती रही है. 1971 में आवामी लीग के नेतृत्व में शेख मुजीबुर रहमान की जब पहली सरकार बनी थी तब बांग्लादेश एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र हुआ करता था. लेकिन, 15 अगस्तर 1975 में उनकी हत्या और फिर देश में कट्टरपंथ के उभार ने इस देश को पूरी तरह तबाह कर दिया. कट्टरपंथियों और सैन्य शासन में बांग्लादेश का संविधान बदल दिया गया और फिर उसे एक इस्लामिक राष्ट्र बना दिया गया. हिंदू समुदाय का उत्पीड़न इस कारण यहां रहने वाले हिंदू समुदाय पर हमले और उनका उत्पीड़न आम बात हो गई. बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय को लोग बांग्लादेश छोड़ भारत में बस गए. हालांकि इस देश में जब-जब आवामी लीग की सरकार रही तब-तब हिंदू समुदाय खुद को ज्यादा सुरक्षित महसूस करता रहा. शेख हसीना बीते 2009 से लगातार बांग्लादेश की पीएम थीं. उससे पहले भी वह एक और बार पीएम रह चुकी हैं. इन बीते 15 सालों में हिंदू समुदाय काफी सुरक्षित महसूस करता था. हिंदू समुदाय एक तरह से शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग का कोर वोटर भी है. लेकिन कट्टरपंथियों को शेख हसीना का ये हिंदू प्रेम बिल्कुल पसंद नहीं आता है. शेख हसीना ने बीते 2018 में ढाका के बीचोंबीच एक हिंदू मंदिर के लिए 1.5 बीघा जमीन दी. यह एक प्राचीन मंदिर है. इसका नाम ढाकेश्वरी मंदिर. इसका इतिहास 12वीं सदी के आसपास का बताया जाता है. यह ओल्ड ढाका के सोना मस्जिद स्ट्रीट पर बना है. ढाकेश्वरी मां दुर्गा का रूप होती हैं. इस मंदिर के नाम पर भी ढाका शहर का नाम पड़ा है. बीते करीब 800 सालों के इतिहास में इस मंदिर पर कई हमले हुए हैं और कई बार इसका पुनर्निमार्ण हुआ है. करीब 100 करोड़ की जमीन अक्टूबर 2018 में शेख हसीना ने इस मंदिर का दौरा किया और फिर उसे परिसर के विस्तार के लिए 1.5 बीघा जमीन दान में दी. उस वक्त इस जमीन की कीमत भारतीय रुपये में करीब 43 करोड़ रुपये आंकी गई थी. आज की तारीख में यह जमीन 100 करोड़ भारतीय रुपये के आसपास है. मंदिर प्रबंधन बीते करीब 60 सालों से इस जमीन के लिए गुहार लगा रहा था. बांग्लादेश के एक मुस्लिम राष्ट्र बनने के बाद से मंदिर की जमीन पर अवैध कब्जे होने लगे थे. इस कारण उसका परिसर काफी सिमट गया था. हसीना की कोशिश की वजह से ही यह जमीन मात्र 10 करोड़ टका में मंदिर प्रबंधन को उपलब्ध करवाई गई थी. इसके साथ ही हिंदू कालियान ट्रस्ट को 21 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ टका भी किया गया. शेख हसीना का ऐसा करना कट्टरपंथियों को पसंद नहीं आया. ऐसे में उन्होंने शेख हसीना के कार्यकाल में बांग्लादेश के आर्थिक रूप से शानदार प्रगति करने के बावजूद धार्मिक नफरत को हवा देने का काम किया. शेख हसीना के शासन में हिंदू समुदाय के उत्सवों में भी तेजी आई. दुर्गा पूजा का पर्व खूब धूमधाम से मनाया जाता है. यहां करीब 35 हजार दूर्गा पूजा उत्सव मनाए जाते हैं. Tags: Bangladesh news, Dhaka news, Sheikh hasinaFIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 12:41 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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