क्या आंध्र प्रदेश में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला आ गया बच्ची की रिपोर्ट आई
क्या आंध्र प्रदेश में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला आ गया बच्ची की रिपोर्ट आई
Second suspect monkeypox case in Andhra Pradesh negative: केरल में 14 जुलाई को मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था. इसके बाद आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक बच्ची में दूसरा मामला संदिग्ध था. अब इसकी रिपोर्ट आ चुकी है. अच्छी बात यह है कि बच्ची की रिपोर्ट निगेटिव आई है.
हाइलाइट्सआंध्र प्रदेश के अमरावती में एक बच्ची मंकीपॉक्स की संदिग्ध की सूची में शामिल थीं14 जुलाई केरल में देश में मंकीपॉक्स का पहला मामला सामने आया था
अमरावती. आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में दो साल की बच्ची के मंकीपॉक्स से संक्रमित होने का संदेह था, लेकिन पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान में उसके रक्त के नमूने की जांच में पुष्टि हुई है कि उसे संक्रमण नहीं है. राज्य के स्वास्थ्य निदेशक जे. निवास ने कहा कि दुबई से विजयवाड़ा आई दो साल की बच्ची के हाथों पर छाले मिले थे. उसे रविवार को अपने परिवार के सदस्यों के साथ सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया और एहतियात के तौर पर अलग थलग रखा गया. निवास ने एक विज्ञप्ति में कहा, हमने बच्ची के रक्त के नमूनों को जांच के लिए एनआईवी-पुणे भेजा और उनमें मंकीपॉक्स संक्रमण नहीं मिला. बच्चे का परिवार किसी और के संपर्क में नहीं आया.
केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला
निवास ने कहा, ”आंध्र प्रदेश में मंकीपॉक्स का कोई मामला नहीं है. चिंता की कोई बात नहीं है. देश में 14 जुलाई को केरल में मंकीपॉक्स का पहला मामला दर्ज किया था. वह व्यक्ति यूएई से लौटा था और वायरस से संक्रमित पाया गया था. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, मंकीपॉक्स एक जूनोसिस वायरल (पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाला वायरस) है, जिसमें चेचक की तरह लक्षण दिखाई देते हैं.विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक दुनिया भर में अब तक 63 देशों में मंकीपॉक्स वायरस की पुष्टि हो चुकी है. 12 जुलाई तक इन 63 देशों में मंकीपॉक्स के 9,200 मामले सामने आए हैं. तेजी से बढ़ रहे मामले के कारण दुनिया परेशान है.
मंकीपॉक्स के क्या हैं लक्षण
मंकीपॉक्स के लक्षण 6 से 13 दिनों में दिखने लगते हैं. इसमें रोगी को बुखार, तेज सिरदर्द, पीठ और मांसपेशियों में दर्द के साथ गंभीर कमजोरी महसूस हो सकती है. सबसे पहले जो नजर आती है वह है हाथ और पैर में बड़े-बड़े दाने निकलना. गंभीर संक्रमण होने पर ये दाने आंखों के कॉर्निया को भी प्रभावित कर सकते हैं.
मंकीपॉक्स कैसे फैलता है
आमतौर पर मंकीपॉक्स वायरस के एक इंसान से दूसरे इंसान में संक्रमण की आशंका कम है लेकिन कभी-कभी पीड़ित व्यक्ति के खांसने पर अगर उसके मुंह से निकले ड्रॉपलेट में वायरस की मौजूदगी रहती है तो इससे दूसरा व्यक्ति संक्रमित हो सकता है. उस स्थिति में कोविड की तरह ही यह दूसरे को संक्रमित कर सकता है. इसके साथ ही संक्रमित जानवरों के खून, शारीरिक तरल पदार्थ या स्किन के संपर्क में आने के कारण मंकीपॉक्स का वायरस इंसानों में फैलता है.
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FIRST PUBLISHED : July 18, 2022, 00:10 IST