द्वापर युग में बृज के सबसे बड़े राजा थे वृषभान उनके पास थी 11 लाख गायें
द्वापर युग में बृज के सबसे बड़े राजा थे वृषभान उनके पास थी 11 लाख गायें
द्वापर युग में बृज के सबसे बड़े राजा वृषभान थे. उस समय इनके पास 11 लाख गाय थीं. वृषभान राधा रानी के पिता थे. नंद बाबा से भी ज्यादा गाय वृषभान के पास हुआ करती थीं. वृषभान बड़े राजा होने के साथ-साथ रावल गांव के मुखिया भी थे.
निर्मल कुमार राजपूत/मथुरा: राधा रानी का जन्म मथुरा के रावल में हुआ. रावल के राजा बृषभान हुआ करते थे. क्या आप जानते हैं कि बृज के सबसे बड़े राजा बृषभान क्यों थे और क्या वजह थी. चलिए जानते हैं, राजा बृषभान कौन थे और उनके पास ऐसी कौन सी चीज थी, जो बृज के सबसे बड़े राजा के रूप में विख्यात हुए.
रावल के राजा के रूप में वृषभान को आज भी जाना जाता है
मथुरा से करीब 20 किलोमीटर दूर यमुना के किनारे बसा हुआ है रावल गांव. यह रावल वहीं गांव है जहां राधा रानी का जन्म हुआ था. कृष्ण की अलदाहिनी राधा रानी अवतरित हुई थी. रावल गांव के राजा बृषभान राधा रानी के पिता हुआ करते थे. द्वापर काल में सबसे बड़े राजा इन्हीं को माना जाता था. लाडली जूं के पिताजी के पास लाखों गायें थीं और वह एक बड़े गोपालक थे. रावल गांव स्थित राधा रानी मंदिर के सेवायत पुजारी राहुल पंडित ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि जब राधा रानी का जन्म हुआ. राधा रानी के जन्म के साथ ही राजा ने खुशियां मनाई. राधा रानी जैसे ही बड़ी हुई उनकी सखियां भी उनके साथ यमुना के किनारे खेलने जाया करती थीं. लाडली के पिताजी राजा बृषभान यहां के सबसे बड़े राजा और धनी व्यक्ति थे. क्षेत्र में उनके अनुमति के बिना कोई भी कार्य नहीं होता था. ऐसी मान्यता है कि राधा रानी जब भी अपने पिताजी के पास आती थीं, तो उन्हें एक अलग ही खुशी होती थी. राधा रानी उनके साथ रहती थीं, तो वह अपनी बेटी के साथ बेहद खुश रहते थे. बृज के सबसे बड़े राजा के रूप में विख्यात राधा रानी के पिता वृषभान हुए.
राजा वृषभान के पास थीं 11 लाख गाय
मंदिर के पुजारी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि बृषभान राधा रानी के पिता तो थे ही. बृज के सबसे बड़े राजा भी थे. उनके पास 11 लाख गाय थीं. 11 लाख गायों का पालन पोषण राजा किया करते थे, जबकि नंद बाबा के पास में 9 लाख गाय थीं. बृजभान और नंद बाबा दोनों मित्र थे. नंद बाबा गोकुल पर राज किया करते थे. राधा रानी के पिता बृषभान रावल पर राज किया करते थे.
Tags: Hindi news, Local18, Religion 18FIRST PUBLISHED : September 13, 2024, 16:08 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ेंDisclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है. Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed