उदयपुर गोल्ड लूट केस: महाकाल की भक्त है वारदात को अंजाम देने वाली बिहार की गैंग 2 लुटेरे पकड़े
उदयपुर गोल्ड लूट केस: महाकाल की भक्त है वारदात को अंजाम देने वाली बिहार की गैंग 2 लुटेरे पकड़े
Udaipur gold robbery case exposed: उदयपुर पुलिस ने करीब 3 महीने पहले लेकसिटी में मणप्पुरम गोल्ड लोन ऑफिस में हुई 24 किलो सोने और 11 लाख रुपए की नकदी लूट की वारदात के मामले में बिहार की लुटेरी गैंग के दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है. इस वारदात के तीन आरोपी अभी फरार हैं.
हाइलाइट्सउदयपुर में करीब तीन महीने पहले हुई थी लूट की वारदातलुटेरे मणप्पुरम गोल्ड लोन ऑफिस से लूट ले गए थे 24 किलो साेनावारदात को अंजाम देने वाले लुटेरों ने वारदात से पहले महाकाल के किए थे दर्शन
उदयपुर. लेकसिटी उदयपुर के प्रताप नगर थाना इलाके में स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन ऑफिस में हुई 24 किलो सोने और 11 लाख रुपए की नकदी लूट (Udaipur gold robbery case) के मामले में पुलिस ने बिहार की गैंग के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में कुल 5 आरोपियों में से मुख्य सरगना सहित तीन आरोपी अभी भी फरार हैं. उदयपुर पुलिस के तकरीबन सवा सौ जवानों ने 85 दिन तक कड़ी मेहनत करते हुए इन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान के लिए उदयपुर पुलिस ने कई दिनों तक बिहार (Bihar) में डेरा डाले रखा. बाद में कड़ी से कड़ी जोड़ते हुए सबसे पहले आरोपियों के नाम और पहचान का पता लगाया. उसके बाद पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर प्रिंस उर्फ सूरज और फंटूश उर्फ मनोज को चित्तौड़गढ़ जिले के निम्बाहेड़ा से गिरफ्तार किया है.
उदयपुर रेंज आई प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों से प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि ये सभी आरोपी उज्जैन के भगवान महाकाल के परम भक्त हैं. लूट से पहले भी वहां दर्शन करने गए थे. लूट के बाद नीमच और उज्जैन होते हुए दिल्ली गए. वहां से पटना पहुंच गए. इस बीच नीमच के बाद पांचों पांचों आरोपी अलग अलग हो गए थे. पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि यदि सोने का या फिर उसे बेचने के बाद राशि का बंटवारा होता तो एक एक व्यक्ति को 50 लाख से एक करोड़ रुपए तक की राशि मिलने की संभावना थी.
आरोपी एक दूसरे को अपने असली नाम से भी नहीं पहचानते
एसपी विकास शर्मा ने बताया कि यह गैंग बेहद शातिर है. इसके आरोपी एक दूसरे को अपने असली नाम से भी नहीं पहचानते. वे सभी एक दूसरे को सिर्फ कोड वर्ड में मिले नाम से ही पहचानते हैं. यही नहीं सब के दस्तावेज भी फर्जी पाए गए हैं. फर्जी आधार कार्ड के आधार पर उदयपुर आकर डबोक इलाके में इन लोगों ने कमरा लिया. वहीं पर रहकर 15 दिन तक रेकी कर इस घटना को अंजाम दिया.
फर्जी आधार कार्ड के आधार पर ही कोटा से बाइक खरीदी थी
आरोपियों ने फर्जी आधार कार्ड के आधार पर ही कोटा से बाइक खरीदी थी और उसी पर लूट की घटना को अंजाम दिया था.भले ही उदयपुर पुलिस ने गोल्ड लूट की वारदात में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया हो लेकिन अभी भी चुनौतियां बरकरार है. क्योंकि मुख्य सरगना जिसका कोड नेम गुड्डू है उसे अभी तक असली नाम से कोई नहीं पहचानता है. ऐसे में मुख्य सरगना तक पहुंचना और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी तथा लूटे गए सोने की रिकवरी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है. क्योंकि लूटा गया सोना और नगदी सरगना के पास बताई जा रही है.
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Tags: Crime News, Gold loan Company loot, Rajasthan news, Udaipur newsFIRST PUBLISHED : October 22, 2022, 15:56 IST