छोटे कपड़े पहने हैं तो राजस्थान के इस मदिर में नो एंट्री जानें कहां हुआ ऐसा
छोटे कपड़े पहने हैं तो राजस्थान के इस मदिर में नो एंट्री जानें कहां हुआ ऐसा
Udaipur News : राजस्थान के प्रसिद्ध मेवाड़ स्थित प्रभु एकलिंग नाथजी के मंदिर में प्रवेश को लेकर नए नियम लागू हो गए हैं. अब श्रद्धालु मंदिर में छोटे कपड़े यथा स्कर्ट और बरमूड़ा पहनकर अंदर नहीं जा सकेंगे. इसके साथ मंदिर परिसर में मोबाइल भी नहीं ले जा सकेंगे.
उदयपुर. मेवाड़ के राजा के रूप में विख्यात प्रभु एकलिंग नाथजी के मंदिर में नए नियम जारी किये गए हैं. इसके तहत अब भक्त मंदिर में मोबाइल फोन भी नहीं ले जा सकेंगे. इसके साथ ही प्रबंधन ने मंदिर की पवित्रता को बनाए रखने के लिये छोटे कपड़े पहनकर मंदिर में प्रवेश करने पर भी पाबंदी लगा दी है. एकलिंग जी मंदिर प्रबंधन ने मंदिर में बाहर लगाये गये बोर्ड के माध्यम से श्रद्धालुओं को नए नियमों की जानकारी दे दी है. इसके साथ ही नियमों का पालन करने का अनुरोध भी किया है.
एकलिंग जी मंदिर प्रबंधन की ओर से नियमों की जो सूची लगाई गई हैं उसके अनुसार अब मंदिर में शालीन कपड़े पहनने का अनुरोध किया गया है. नए नियमों के तहत अब मिनी स्कर्ट और बरमूड़ा पहनकर मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जायेगा. मंदिर प्रबंधन के अनुसार श्रद्धालुओं की शिकायत और सुझावों पर अमल करते हुए ही इन नियमों को लागू किया जा रहा है. मंदिर में अब मोबाइल फोन ले जाना भी प्रतिबंधित रहेगा.
फोटोग्राफी पर भी पाबंदी लगाई है
पहले मंदिर में मोबाइल फोन उपयोग करना वर्जित था. लेकिन अब मोबाइल मंदिर के बाहर रखकर ही जाना होगा. यहीं नहीं मंदिर में पालतू जानवर और हथियार ले जाने के साथ साथ फोटोग्राफी पर भी पाबंदी लगाई है. कैलाशपुरी के निवासियों ने इस निर्णय का स्वागत किया है. इसके साथ ही मोबाइल फोन सुरक्षित रखने के लिये एक लॉकर की मांग की है.
उदयपुर से 22 किलोमीटर दूर कैलाशपुरी में स्थित है यह मंदिर
उल्लेखनीय है कि एकलिंग नाथजी का मंदिर उदयपुर से 22 किलोमीटर दूर कैलाशपुरी में स्थित है. भगवान एकलिंग नाथ का मंदिर बप्पा रावल की ओर से स्थापित किया गया एक प्राचीन मंदिर है. यह मंदिर संगमरमर से बना हुआ है. मंदिर के गर्भगृह में चार मुख वाली भगवान शिव की मूर्ति है. एकलिंग जी को मेवाड़ का नाथ माना जाता है. मेवाड़ की गद्दी पर बैठने वाले राजा भी खुद को एकलिंग नाथजी का दीवान मानते आए हैं.
Tags: Big news, Dharma Aastha, Religious PlacesFIRST PUBLISHED : December 6, 2024, 15:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed