कारगिल विजय दिवस: राजस्थान के 60 रणबांकुरों ने कर दिया था सर्वस्व न्योछावर

Jhunjhunu News: कारगिल विजय दिवस के 25 साल पूरे होने पर आज देशभर में विजय दिवस मनाया जा रहा है. हजारों फीट ऊंचे पहाड़ों पर लड़ी गई इस लड़ाई में राजस्थान के 60 सपूतों ने देश के लिए प्राण न्योछावर कर दिए थे. इनमें से 19 अकेले झुंझुनूं जिले के थे.

कारगिल विजय दिवस: राजस्थान के 60 रणबांकुरों ने कर दिया था सर्वस्व न्योछावर
झुंझुनूं. कारगिल विजय को आज 25 साल पूरे हो गए हैं. आज देशभर में कारगिल विजय दिवस मनाया जा रहा है. करीब दो महीने तक चलने वाले इस युद्ध में देश के 527 वीर सपूतों ने अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया था. शहीदों की इस फेहरिस्त में राजस्थान के 60 बहादुर बेटों ने इतिहास में नाम दर्ज करवाया था. इन बेटों ने अपनी देश की सीमाओं की रक्षा के लिए ‘राष्ट्र प्रथम’ को ध्यान में रखते हुए अपनी जान न्योछावर कर दी थी. राजस्थान के इस 60 सपूतों में करीब आधे से ज्यादा वीरों की धरा शेखावाटी के झुंझूनूं, सीकर और चूरू जिले थे. इनमें भी 19 जवान अकेले झुंझुनूं जिले थे. यूं तो पूरा राजस्थान ही वीरों की धरती है. लेकिन शेखावाटी इसमें खास है. शेखावाटी के तीनों जिलों झुंझुनूं, सीकर और चूरू के युवाओं के लिए बतौर करियर सेना पहली पसंद होती है. झुंझुनूं जिला तो देशभर में सर्वाधिक सैनिक और शहीद देने वाले जिले की पहचान रखता है. यहां का धनूरी गांव तो फौजियों का ही गांव है. शेखावाटी में सेना में एक दो नहीं बल्कि कई परिवारों की पांच से छह पीढ़ियां देश की सेवा करती रही है. परमवीर चक्र विजेता पीरू सिंह की जन्मस्थली झुंझुनूं शौर्य और साहस की मिसाल है. गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में लगी है शहीदों की मूर्तियां शेखावाटी में देश की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर करने वाले बेटों की संख्या सैंकड़ों में है. प्रथम विश्व युद्ध से लेकर कारगिल तक और उसके बाद हुए सैन्य ऑपरेशन में शेखावाटी के बेटे कभी पीछे नहीं हटे. बहादुरी दिखाने में सैदव अग्रिम पंक्ति में रहने वाले शेखावाटी बहादुर बेटों की शहादत की कहानियां गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में आपको देखने और सुनने को मिल जाएगी. यहां गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में वीर शहीदों की मूर्तियां लगी है. यहां शहीदों को देव तुल्य सम्मान दिया जाता है शहादत की इन मूर्तियों को हर बार रक्षा बंधन पर बहनें राखी बांधने जाती है. ब्याह शादी के मौकों पर नवविवाहित जोड़े वहां धोक लगाने जाते हैं. यहां के शहीदों को देव तुल्य सम्मान दिया जाता है. सीमा पर युद्ध ही नहीं बल्कि शांतिकाल में चलने वाले सैन्य ऑपरेशनों में भी यहां के बेटे देश सेवा में हमेशा आगे रहते हैं. यही कारण है कि आए दिन सूबे के इस शेखावाटी इलाके के किसी न किसी लाल की शहादत की खबरें आती रहती हैं. बावजूद इसके यहां युवा सालभर सेना में जाने की तैयारियों में जुटे रहते हैं. अब यहां की बेटियां भी  सेना में अपना पराक्रम दिखा रही हैं यहां के कण-कण में देश सेवा जज्बा इस कदर है कि वीर बेटों के सीमा पर शहादत होने के बाद भी उनके माता-पिता यही कहते हैं कि वे अपनी अगली पीढ़ी को सेना में भेजना पंसद करेंगे. अब तो शेखावाटी की बेटियां भी सेना में अपना परचम लहरा रही हैं. वे सेना और नौ सेना समेत वायु सेना में शेखावाटी के बेटों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश सेवा में जुटी हैं. Tags: Jhunjhunu news, Kargil war, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : July 26, 2024, 15:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed