राजनीति की अजब गजब कहानी किस्मत जब जोर खाती है तो पलट देती है पूरी बाजी

Rajasthan Politics : देशभर में इस समय मोदी सरकार 3.0 की चर्चा है. इन सबके बीच राजस्थान के बीजेपी के दो नेताओं भागीरथ चौधरी और कैलाश चौधरी की खासा चर्चा है. इन दोनों की राजनीति की कहानी बड़ी अजब गजब है. जानें क्या समानता है दोनों की कहानी में.

राजनीति की अजब गजब कहानी किस्मत जब जोर खाती है तो पलट देती है पूरी बाजी
जयपुर. राजनीति में भी कई बार अजब-गजब संयोग सामने आते हैं. राजस्थान में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है और वह चर्चा का विषय बना हुआ है. लोकसभा चुनाव 2019 और 2024 में सांसद बनकर मोदी कैबिनेट का हिस्सा बनने वाले बीजेपी के दो नेताओं से यह रोचक संयोग जुड़ा हुआ है. ये दो नेता हैं इस बार मोदी कैबिनेट के हिस्सा बने अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी और गत बार पीएम मोदी की टीम के सदस्य रहे पूर्व मंत्री कैलाश चौधरी. ये दोनों नेता ऐसे हैं जो विधानसभा चुनाव बुरी तरह से हारकर लोकसभा का चुनाव धाकड़ तरीके से जीते और फिर केन्द्र में मंत्री बने. कहते हैं कि हार से निराश नहीं होना चाहिए. यह बात राजस्थान के दो नेताओं पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री कैलाश चौधरी और वर्तमान केन्द्रीय राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी पर एकदम सटीक बैठती है. ये दोनों नेता सांसद से बनने से पहले विधायकी का चुनाव हार गए थे. लेकिन बाद में इनकी किस्तम पलटी और वे सांसद बने. मामला यहीं तक नहीं थमा बल्कि किस्मत ने इतना जोर खाया कि दोनों को मंत्री पद भी मिला. किशनगढ़ से चुनाव हारे, अजमेर लोकसभा का चुनाव जीता अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी इस बार लगातार दूसरी बार सांसद चुने गए हैं. बीजेपी ने उनको विधानसभा चुनाव 2023 में अजमेर की किशनगढ़ सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. लेकिन बीजेपी की टिकट के दावेदार विकास चौधरी ने वहां बगावत कर दी. बाद में विकास पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस ने उनको टिकट दिया और वो जीत गए. इसका परिणाम यह हुआ कि चौधरी वहां बुरी तरह से चुनाव हारे. उन्हें महज करीब 37 हजार वोट मिले. वे दूसरे ही नहीं बल्कि तीसरे नंबर पर रहे. इससे उनके लोकसभा के टिकट पर संकट मंडराने लगा. लेकिन उनको टिकट भी मिल गया. चौधरी सवा तीन लाख से ज्यादा वोटों से जीते. अब उनको मोदी कैबिनेट में राज्यमंत्री बनाया गया है. बायतु से विधानसभा सीट का चुनाव हारे बाड़मेर सांसद का जीता ठीक ऐसा ही मामला लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी नेता कैलाश चौधरी के साथ हुआ था. कैलाश चौधरी 2018 के विधानसभा चुनावों में बाड़मेर की बायतु सीट से कांग्रेस के हरीश चौधरी के सामने बुरी तरह से चुनाव हार गए थे. उन्हें केवल करीब 38 हजार वोट मिले थे. कैलाश चौधरी भी वहां दूसरे नहीं बल्कि तीसरे नंबर पर रहे थे. बाद में उनकी किस्मत ने जोर खाया और बीजेपी ने उनको बाड़मेर-जैसलमेर सीट से चुनाव मैदान में उतार दिया. उस समय उनके सामने बीजेपी के दिग्गज नेता रहे पूर्व विदेश मंत्री जसवंत सिंह के बेटे मानवेन्द्र कांग्रेस से चुनाव मैदान में थे. इस बार जमानत भी बड़ी मुश्किल से बची है चौधरी ने सभी समीकरणों को पछाड़ते हुए इस सीट पर जोरदार जीत दर्ज कराई. कैलाश ने भी करीब सवा तीन लाख वोटों से यह चुनाव जीता था. उसके बाद उनकी किस्मत ने और जोर खाया. उनको मोदी कैबिनेट में कृषि राज्य मंत्री बनाया गया. यह दीगर बात है कि इस बार वे बाड़मेर से लोकसभा का चुनाव हार गए. इस बार उनके पिछली बार की जीत के अंतर जितने भी वोट नहीं आए. कैलाश चौधरी को केवल 286733 वोट मिले. उनकी जमानत भी बमुश्किल बच पाई है. Tags: Jaipur news, Rajasthan news, Rajasthan PoliticsFIRST PUBLISHED : June 10, 2024, 14:37 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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