क्‍यों बढ़ रही कंपनियों में साइलेंट फायरिंग जबकि हर साल बढ़ता जा रहा मुनाफा

Job Crisis : एक तरफ तो कंपनियों का मुनाफा तेजी से बढ़ रहा है, जबकि दूसरी ओर छंटनी भी उतनी ही तेजी से बढ़ रही है. अब तो कंपनियां साइलेंट फायरिंग पर उतर आई हैं. इसका मतलब है कि वे अपने कर्मचारियों को मजबूरन नौकरी छोड़ने का दबाव डालती हैं.

क्‍यों बढ़ रही कंपनियों में साइलेंट फायरिंग जबकि हर साल बढ़ता जा रहा मुनाफा
नई दिल्‍ली. देश की कंपनियों का मुनाफा एक तरफ तो साल दर साल बढ़ता जा रहा है और दूसरी ओर इन कंपनियों में छंटनी भी तेजी से बढ़ रही है. एक सर्वे में बताया गया कि कंपनियों का मुनाफा बढ़ने के बावजूद तेजी से छंटनी होना चिंताजनक स्थिति है. ये कंपनियां साइलेंट फायरिंग कर रही हैं. इसका मतलब है कि बिना किसी को खबर हुए ही धड़ाधड़ लोगों की नौकरियां छीनती जा रही हैं. कर्मचारी समाधान और मानव संसाधन सेवा प्रदाता जीनियस कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि तेजी से प्रौद्योगिकी को अपनाने के साथ खामोश छंटनी यानी साइलेंट फायरिंग बढ़ी है. कंपनियां जब कर्मचारियों को अप्रत्यक्ष रूप से उनकी भूमिका छोड़ने के लिए मजबूर करने की रणनीति अपनाती हैं, तो इसे खामोश छंटनी कहते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 प्रतिशत नियोक्ता अनावश्यक पदों के लिए छंटनी को प्राथमिकता दे रहे हैं. ये भी पढ़ें – मीटिंग में मौजूद थीं वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण, आला-अफसरों के सामने ही उद्योग जगत ने छेड़ दी मिडिल क्‍लास की बात क्‍यों हो रही साइलेंट फायरिंग रिपोर्ट के मुताबिक, खामोश छंटनी अक्सर तकनीकी उन्नति के साथ जुड़ी होती है, जिसमें नियोक्ता बदलते कार्यस्थल के साथ तालमेल बैठाने के लिए विभिन्न रणनीतियों को अपनाते हैं. जीनियस कंसल्टेंट्स की रिपोर्ट एक सर्वेक्षण पर आधारित है, जिसमें 1,223 नियोक्ताओं और 1,069 कर्मचारियों से रायशुमारी की गई. रिपोर्ट में तकनीक को ही इस छंटनी के लिए खासतौर से जिम्‍मेदार ठहराया गया है. कौशल बढ़ाने के नाम पर बलि साक्षात्कार में शामिल 79 प्रतिशत नियोक्ताओं ने कहा कि वे तकनीकी बदलावों के अनुकूल अपने मौजूदा कर्मचारियों का कौशल बढ़ाने को प्राथमिकता देते हैं. दूसरी ओर, 10 प्रतिशत ने कहा कि वे अनावश्यक पदों के लिए छंटनी को प्राथमिकता देते हैं. 6 फीसदी नियोक्ता कम प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को अत्यधिक कार्यभार सौंपने की रणनीति अपनाते हैं, ताकि वे खुद काम छोड़ दें. कई गुना बढ़ गया मुनाफा एक तरफ तो कंपनियां छंटनी कर रही हैं और दूसरी ओर इन कंपनियों का मुनाफा लगातार बढ़ता जा रहा है. साल 2019 में सरकार ने कॉरपोरेट टैक्‍स घटाकर कंपनियों को फायदा पहुंचाया था, लेकिन कंपनियों ने रोजगार भी नहीं बढ़ाया जिसकी वजह से आम आदमी को इसका फायदा नहीं मिला. इस दौरान कॉरपोरेट प्रॉफिट में 4 गुना इजाफा हुआ है, जबकि औसत इंक्रीमेंट 1 फीसदी से भी कम रहा है. Tags: Business news, Job and career, Job insecurityFIRST PUBLISHED : December 31, 2024, 09:50 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed