फार्मासिस्ट भर्ती 2023: फर्जीवाड़े की हदें पार जांच करने वाले भी चकरा गए

Jaipur News: राजस्थान में फार्मासिस्ट भर्ती 2023 के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों में से 112 के दस्तावेज संदिग्ध पाए गए हैं. इन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों को जब चैक कर उनका सत्यापन कराया गया तो कई चौंकाने वाले खुलासे हुए.

फार्मासिस्ट भर्ती 2023: फर्जीवाड़े की हदें पार जांच करने वाले भी चकरा गए
जयपुर. राजस्थान में फार्मासिस्ट भर्ती 2023 के लिए अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच की अंतरिम रिपोर्ट आ चुकी है. ड्रग कंट्रोलर ने 20 से अधिक टीमें बनाकर प्रदेश के निजी विश्वविद्यालयों और बाहर के सरकारी व निजी विश्वविद्यालयों से उत्तीर्ण कर आए अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच की तो चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं. जांच में एक हजार 115 अभ्यर्थियों के दस्तावेज सही पाए गए हैं. लेकिन 112 फार्मासिस्ट अभ्यर्थियों के दस्तावेज संदेहास्पद पाए गए हैं. 301 अभ्यर्थियों की जांच प्रक्रियाधीन है. अंतरिम रिपोर्ट के अनुसार एक अभ्यर्थी ने नंबर बढ़ाकर दस्तावेज पेश कर दिए. वहीं एक अन्य का हिमाचल की एक यूनिवर्सिटी में नाम सही नहीं पाया गया है. इसी तरह भोपाल की एक यूनिवर्सिटी ने बताया कि 3 अभ्यर्थियों की मार्कशीट उसने दी ही नहीं है. मध्य प्रदेश के एक अभ्यर्थी ने सागर की एक यूनिवर्सिटी फेक मार्कशीट पेश कर दी. उड़ीसा की एक अभ्यर्थी की मार्कशीट को भी सही नहीं माना गया. यूपी के मुरादाबाद की यूनिवर्सिटी में एक अभ्यर्थी का रिकॉर्ड ही नहीं मिला. 25 अभ्यर्थियों की मार्कशीट सत्यापित नहीं पाई गई इसी तरह यूपी की वीर बहादुर पूर्वांचल यूनिवर्सिटी, हिमाचल प्रदेश की आईईसी यूनिवर्सिटी और रांची की वाईबीएन यूनिवर्सिटी में अभ्यर्थियों के रिकॉर्ड नहीं पाए गए. जबकि चित्तौड़ की मेवाड़ यूनिवर्सिटी की एक मार्कशीट को भी संदेहास्पद माना है. चूरू की ओपीजेएस यूनिवर्सिटी ने 27 अभ्यर्थियों के दस्तावेज अग्नि हादसे में नष्ट होने की बात कही है. इसके अलावा झुंझुनूं के सिघांनिया यूनिवर्सिटी ने 9 अभ्यर्थियों के रिकॉर्ड नहीं दिए. वहीं मेघालय की विलियम कैरी यूनिवर्सिटी से पास हुए 25 अभ्यर्थियों की मार्कशीट सत्यापित नहीं पाई गई. 10 यूनिवर्सिटी ने सर्टीफिकेट जारी नहीं करने की बात कही है ड्रग कंट्रोलर अजय फाटक ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान ने भर्ती के अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की जांच का काम सौंपा था. इसकी रिपोर्ट सौंप दी गई हैं. 10 यूनिवर्सिटी ने सर्टीफिकेट जारी नहीं करने की बात कही है. पांच यूनिवर्सिटी ने मार्कशीट को संदेहास्पद माना है. जांच में एक तथ्य ये भी सामने आया कि राजस्थान फार्मेसी काउंसिल और मेघालय की सीएमजे यूनिवर्सिटी ने 3 फार्मासिस्टों के फर्जी रजिस्ट्रेशन किए. इसका खुलासा होने पर राजस्थान फार्मेसी काउंसिल ने इनके रजिस्ट्रेशन निरस्त भी कर दिए. मार्कशीट का सत्यापन कराने का सुझाव दिया गया है इसके अलावा जांच में यह भी सामने आया है कि राजस्थान फार्मेसी काउंसिल ने मेघालय की विलियम कैरी यूनिवर्सिटी के अभ्यर्थियों के आवेदन करते ही एक ही दिन में सभी के रजिस्ट्रेशन कर दिए. औषधि नियंत्रक ने शिफू को जांच रिपोर्ट भेजने के साथ ही अभ्यर्थियों के चयन से पहले उनकी 10वीं और 12वीं की मार्कशीट का सत्यापन कराने का सुझाव दिया है. ड्रग कंट्रोलर अजय फाटक ने बताया कि अभ्यर्थियों से शपथ पत्र लेने का भी सुझाव दिया गया है. आयुक्तालय ने पहले एक एफआईआर पूर्व में दर्ज करा दी है. Tags: Big news, Jaipur news, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : June 11, 2024, 17:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed