जयपुर में पकड़ा ई-सिगरेट का जखीरा राजस्थान में मिलेगा अग्निवीरों को आरक्षण

Rajasthan News LIVE Update: राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने राजस्थान की राजधानी जयपुर में बड़ा एक्शन करते हुए ई-सिगरेट का भारी भरकम जखीरा पकड़ा है. डीआरआई ने 8500 ई-सिगरेट की जब्त की है. राजस्थान की भजनलाल सरकार ने कारगिल दिवस के मौके पर अग्निवीरों को प्रदेश में पुलिस, जेल और वन विभाग की भर्तियों में आरक्षण देने का ऐलान किया है. वहीं मानसून की राजस्थान में मेहरबानी बनी हुई है. आज तीन जिलों में अति भारी और 11 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है.

जयपुर में पकड़ा ई-सिगरेट का जखीरा राजस्थान में मिलेगा अग्निवीरों को आरक्षण
नई दिल्ली. सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (CBI) और अमेरिकी जांच एंजसी एफबीआई ने एक बड़े साइबर क्राइम गैंग का भंडाफोड़ किया है. सीबीआई और एफबीआई ने मिलकर दिल्ली-एनसीपी में ऑपरेशन चक्र चलाया और 7 जगहों पर रेड मारते हुए 43 लोगों को गिरफ्तार कर लिया. ये लोग गुरुग्राम, नोएडा और दिल्ली में फर्जी कॉल सेंटर के जरिये साइबर ठगी करते थे. इस ऑपरेशन के दौरान अधिकारियों ने साइबर क्राइम से जुड़ी कई गतिविधियों को भी लाइव देखा. यह गैंग यहां से अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और कई यूरोपीय देशों में लोगों को कॉल करते और उनके बैंक खाते खाली कर देते थे. इस सिंडिकेट का नटवरलाल गुरुग्राम से बैठकर ठगी का पूरे कारनामे को अंजाम दे रहा था. एक अधिकारी बताया कि कि इस गैंग ने दुनिया भर में दो करोड़ डॉलर (करीब 168 करोड़ रुपये) से ज़्यादा की ठगी की है. फिलहाल, दस्तावेजों, मोबाइल वॉलेट और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस की जांच की जा रही है, ताकि ठगी का सही आंकड़ा पता चल सके. CBI-FBI और इंटरपोल ने चलाया ऑपरेशन चक्र-III सूत्रों ने बताया कि ‘चक्र- III’ नाम के इस ऑपरेशन में अमेरिका की फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (FBI) और इंटरपोल का भी साथ लिया गया. सूत्रों ने बताया कि यह गिरोह 2022 से ही कई देशों में लोगों को चूना लगा रहा था. सीबीआई को जांच से पता चला कि यह गैंग गुड़गांव के एक कॉल सेंटर से दुनिया भर में साइबर क्राइम को अंजाम दे रहा था, जिसके बाद यहां रेड मारी गई. CBI के प्रवक्ता ने बताया कि रेड के दौरान कई अहम सबूत मिले हैं. उन्होंने बताया, ‘हमें 5 लैपटॉप, 130 हार्ड डिस्क, 65 मोबाइल फोन, कई दस्तावेज, वित्तीय लेनदेन का ब्यौरा, कॉल रिकॉर्डिंग, पीड़ितों की जानकारी और कई स्क्रिप्ट मिले हैं. इन्हीं लिखी-लिखाई स्क्रिप्ट को पढ़कर ये साइबर ठग दूसरे देशों में बैठे लोगों को निशाना बनाते थे.’ कंप्यूटर स्क्रीन पर पॉप-अप, और फिर बैंक खाता खाली यह गिरोह खुद को बड़ी कंपनी बताकर लोगों को फर्जी पॉप-अप पर क्लिक करने के लिए कहता था. इन पॉप-अप्स में ऐसा मालवेयर होता था, जो कंप्यूटर में घुसकर उसे अपना शिकार बना लेता था. प्रवक्ता ने बताया, ‘इसके बाद पीड़ितों पर अपने डिवाइस को ठीक करवाने के लिए पैसे देने का दबाव बनाया जाता था. जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि इन पैसों को कई देशों के जरिये हांगकांग भेजा जाता था.’ कंप्यूटर स्क्रीन पर अचानक आने वाले फर्जी मैसेज दिखाकर लोगों को ठगा जा रहा था. इन मैसेज में सिक्योरिटी खतरे या वायरस का डर दिखाया जाता था. साथ ही, एक नंबर भी होता था, जिसे टेक्निकल हेल्पलाइन बताया जाता था. जैसे ही कोई उस नंबर पर कॉल करता था, उसकी बात गुड़गांव के कॉल सेंटर से हो जाती थी. वहां बैठे ठग खुद को टेक्निकल एक्सपर्ट बताकर लोगों को अपने डिवाइस का एक्सेस देने के लिए मना लेते थे. एक बार एक्सेस मिलते ही ये ठग डिवाइस में वायरस डाल देते थे और फिर उसे ठीक करने के नाम पर पैसे मांगते थे. CBI का मानना है कि इस जाल में दुनिया भर के हज़ारों लोग फंस चुके हैं और कई करोड़ रुपये की ठगी हुई है. फिलहाल CBI इस पैसे का पता लगाने और इस पूरे रैकेट के पीछे के मास्टरमाइंड तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. एजेंसी इस मामले में FBI और इंटरपोल के ज़रिए दूसरी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ भी काम कर रही है. Tags: CBI Raid, Cyber FraudFIRST PUBLISHED : July 27, 2024, 09:23 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed