पेंशन फॉर्मूले के जंजाल में उलझे कर्मचारी UPS की बजाय OPS की बहाली पर जोर

Rajasthan News : केन्द्र सरकारी की नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) से राजस्थान के कर्मचारी संतुष्ट नहीं है. उनका कहना है कि हमारी मांग ओपीएस की बहाली है. उन्होंने यूपीएस और ओपीएस में कई बड़े अंतर गिनाए हैं. उनकी मांग है की यूपीएस में कई संशोधनों की दरकार है.

पेंशन फॉर्मूले के जंजाल में उलझे कर्मचारी UPS की बजाय OPS की बहाली पर जोर
जयपुर. ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे सरकारी कर्मचारियों को लुभाने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) की घोषणा की है. केन्द्र सरकार की घोषणा के अनुसार यूनिफाइड पेंशन स्कीम को केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए 1 अप्रेल 2025 से लागू किया जाना है. पहले वर्ष 2004 के बाद भर्ती होने वाले कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना को बंद कर नई पेंशन योजना में जोड़ा गया था. अब केन्द्र सरकार ने 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों को भी नई पेंशन योजना की जगह यूनिफाइड पेंशन योजना में शामिल होने का विकल्प भी रखा है. केन्द्र सरकार की ओर से केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए लागू की जा रही यूनिफाइड पेंशन स्कीम का कर्मचारियों ने स्वागत तो किया है लेकिन वे इस कई कमियां गिना रहे हैं. लंबे समय से ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे केन्द्रीय और राज्य कर्मचारी यूपीएस को राहत वाली बात तो बता रहे हैं लेकिन वे इससे संतुष्ट नहीं हैं. कर्मचारी संगठनों ने यूपीएस लागू करने से पहले इसमें व्यापक संशोधन की मांगें रखी हैं. पेंशन के नए फॉमूले UPS से कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं आयकर गजिटेड ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव जयनारायण शर्मा के मुताबिक कर्मचारी संगठनों को नई पेंशन स्कीम की जगह केन्द्र सरकार का यूनिफाइड पेंशन स्कीम का नया फॉर्मूला रास तो आ रहा है, लेकिन इससे वे पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं. कर्मचारी संगठनों ने UPS में संशोधन कर उसे OPS के समानांतर कर्मचारी हित में बनाने के लिए महत्वपूर्ण संशोधन करने की मांग की है. कर्मचारी संगठनों ने ये गिनाई खामियां (1) OPS में सेवानिवृत्ति के समय मिलने वाले मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 50% के बराबर पेंशन मिलने की गारंटी है. पुरानी पेंशन योजना में यह महंगाई भत्ता एक निश्चित अंतराल पर बढ़ता रहता है. कर्मचारियों संगठनों का कहना है कि केन्द्र सरकार ने UPS में महंगाई भत्ते पर स्थिति स्पष्ट नहीं की है. पुरानी पेंशन के फॉर्मूले में महंगाई भत्ते की जगह मुद्रा स्फीति और जीवन निर्वाह की लागत में मूल्य वृद्धि के कारण समय समय पर मूल्यांकन के आधार पर पेंशन राशि में वृद्धि का प्रावधान है. (2) OPS में GPF की सुविधा है जिसके अंतर्गत कर्मचारी अपनी आय का एक हिस्सा जमा कर सकते हैं और वो उन्हें सेवानिवृत्ति पर ब्याज समेत मिल जाता है. यही नहीं जरूरत पड़ने पर GPF का एक हिस्सा बिना किसी झंझट के निकाल सकते हैं. UPS में यह प्रावधान ही नहीं है. (3) OPS वेतन आयोग के दायरे में आती है. इस तरह उसमें पेंशन हर दस साल में वेतन की तरह पुनःर्निर्धारित होती है. अभी तक के अनुभव के आधार पर हर दस साल में पेंशन दोगुनी होती रही है. UPS में इस तरह की कोई गारंटी नहीं है. (4) OPS के लिए कर्मचारियों को अपने वेतन से प्रति माह किसी भी तरह का कोई अंशदान नहीं देना होता. यह बजट प्रावधान से मिलती है जबकि NPS और UPS फंडेड स्कीम हैं. इसके लिए कर्मचारी प्रति माह एक निश्चित राशि पेंशन के लिए देते हैं और उस फंड से पेंशन मिलती है. (5) OPS में 40 % की पेंशन की बिक्री यानि कॉम्यूटेशन भी है जो कर्मचारी सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त ले सकते हैं. उसकी अदायगी 15 साल तक 40% के बराबर कम पेंशन लेकर होती है. 15 वर्ष बाद फिर से पूरी पेंशन मिल जाती है. UPS में इसका कोई प्रावधान नहीं है. (6) OPS में उम्र के साथ पेंशन बढ़ने का प्रावधान है. OPS में 100 वर्ष की उम्र में पेंशन में 100 फीसदी बढ़ोतरी का प्रावधान है लेकिन UPS में ऐसा नहीं है. (7) OPS में CGHS के अंतर्गत मेडिकल सुविधा भी है जो कि वरिष्ठ नागरिकों की सबसे बड़ी जरूरत है. यूपीएस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है. (8) OPS में VRS लेने पर भी पूरी पेंशन मिलती है लेकिन यूपीएस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है. गहलोत सरकार ने किया था ओपीएस लागू करने का ऐलान राजस्थान में पूर्वीवर्ती गहलोत सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली का ऐलान करके किया था. इसका उसे चुनावों फायदा भी मिला था. अब कर्मचारी उसे पकड़कर बैठे हैं. इससे राजस्थान में अब बीजेपी की भजनलाल सरकार इस मसले को लेकर पशोपेश में फंस गई है कि वह क्या करे. वह इस कोशिश में तो है कि UPS को लागू किया जाए लेकिन उसे भारी विरोध का डर भी सता रहा है. UPS के ऐलान के बाद राजस्थान में कर्मचारी संगठन और कांग्रेस राज्य सरकार को चेतावनी दे चुके हैं कि वे पुरानी घोषणा से किसी भी तरह की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे. इसको लेकर राजस्थान राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह का साफ कहना है कि राजस्थान के राज्य कर्मचारी यूपीएस या इसके समकक्ष किसी दूसरी पेंशन योजना को कतई स्वीकार नहीं करेंगे. कर्मचारियों की मांग तो OPS की बहाली थी वहीं राजस्थान प्रदेश बैंक एम्प्लाइज यूनियन अध्यक्ष सूरजभान सिंह के अनुसार ओल्ड पेंशन स्कीम, फिर नई पेंशन कीम और अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम. लगातार बीस साल से आंदोलन कर रहे कर्मचारियों के मन में बड़ा सवाल तो ये है की सभी कर्मचारियों की मांग तो OPS की बहाली थी, लेकिन उसकी जगह UPS क्यों? सरकार की नई पेंशन स्कीम से कर्मचारियों में नाराजगी देखी जा रही थी. देशभर में केन्द्रीय कर्मचारियों के बढ़ते विरोध, बैंकिंग कर्मचारी संगठनों की मांग से कर्मचारियों में वृहद एकता का आंदोलन तेजी से बढ़ता जा रहा है. इसलिए अब सरकार कर्मचारियों के बीच पेंशन के विकल्प परोसकर ओल्ड पेंशन के मामले को ठंडे बस्ते में डालने की कोशिश में है. Tags: Jaipur news, Pension scheme, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : August 31, 2024, 14:09 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed