एकल पट्टा प्रकरण: UDH मंत्री शांति धारीवाल को कोर्ट से मिली क्लीन चिट पढ़ें क्या है पूरा मामला

Jaipur News: आखिरकार आठ साल की लंबी अवधि के बाद यूडीएच मिनिस्टर शांति धारीवाल को एकल पट्टा प्रकरण में राहत मिल गई है. कोर्ट के आदेश के बाद धारीवाल ने कहा कि एफआईआर में उनका नाम तक नहीं था. उनको झूठा ही फंसाया गया था. न्यायालय से उन्हें इंसाफ मिल गया है. इस मामले में एसीबी की जांच में सहकारिता विभाग और तहसीलदार सहित दस अफसर-कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध मिली थी.

एकल पट्टा प्रकरण: UDH मंत्री शांति धारीवाल को कोर्ट से मिली क्लीन चिट पढ़ें क्या है पूरा मामला
हाइलाइट्सक्लीन चिट मिलने के बाद मंत्री धारीवाल ने प्रेस नोट जारी कर कहा कोर्ट से न्याय मिलारोक की जांच के बगैर जीएस संधू ने ग्रुप हाउसिंग योजना के तहत पट्टा जारी करने की स्वीकृति दी रोशन शर्मा. जयपुर. एकल पट्टा प्रकरण में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल (UDH Minister Shanti Dhariwal) को क्लीन चिट मिल गई है. हाई कोर्ट (High court) ने मामले की सुनवाई करते हुए पूरे प्रकरण में मंत्री शांति धारीवाल को दोषी नहीं पाया. जिसके बाद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को एकल पट्टा प्रकरण (Single lease case) में राहत मिली है. एकल पट्टा प्रकरण में जस्टिस नरेन्द्र सिंह की एकलपीठ ने यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की भूमिका सामने नहीं आने के बाद ये निर्णय दिया है. कोर्ट में केस आठ साल चला. इस मामले की सुनवाई करते हुए प्रोसेडिंग को भी खारिज कर दिया है. फैसले में कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया हैं कि शांति धारीवाल के विरुद्ध दर्ज एफआईआर में आपराधिक कार्रवाई को भी रद्द किया है. आपको बता दें कि कोर्ट ने एकल पट्टे केस में मंत्री शांति धारीवाल की भूमिका सामने नहीं आने के बाद ये आदेश जारी किए हैं. वहीं पूरे प्रकरण को लेकर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि एफआईआर में मेरा नाम नहीं है, लेकिन इसमें मुझे फंसाया गया था. आज कोर्ट से न्याय मिला है. आपके शहर से (जयपुर) राजस्थान उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब जयपुर जयपुर अजमेर उदयपुर कोटा अलवर चित्तौड़गढ़ चूरू जैसलमेर जोधपुर झालावाड़ झुंझुनूं टोंक डूंगरपुर दौसा धौलपुर नागौर पाली पुष्कर प्रतापगढ़ बांसवाड़ा बाड़मेर बारां बीकानेर भरतपुर भीलवाड़ा राजसमन्द‍ सवाई माधोपुर सीकर हनुमानगढ़ सिरोही बूंदी करौली जालोर श्रीगंगानगर Free auto service: काम की खबर...इस शहर में छात्रों को मिलती है फ्री ऑटो सर्विस, कहीं आप तो नहीं जा रहे? Best Desi Ghee: इस देसी घी की शुद्धता ऐसी कि हर दिन 200 टन भी पड़ जाता है कम Sardarshahar By-election2022: BJP प्रत्याशी Ashok Pincha किया अपना नामांकन | Latest Hindi News Bhilwara News | जिला अस्पताल के कर्मचारियों पर बच्चों की अदला-बदली का आरोप, परिजनों ने किया हंगामा CM Gehlot ने Rajasthan University में क्या किया बड़ा ऐलान | Hindi News | Rajasthan News Rajasthan Congress Crisis: Ajay Maken ने Rajasthan के प्रभारी पद से दिया इस्तीफा |Latest Hindi News राजस्थान: डूंगरपुर में मिला विस्फोटक RECLफैक्ट्री से अजमेर भेजा गया था, जांच में हुआ बड़ा खुलासा चार दोस्तों की अनूठी मुहिम: इंडियन सारस को बचाने के लिए किसानों को चावल-गेहूं के बदले देते हैं रुपए Barmer: जब कंटीली झाड़ियों वाले श्मशान में उतर आई 200 महिलाओं की फौज और फिर... राजस्थान में फिर मिला विस्फोटक सामग्री का जखीरा, झाड़ियों में मिली जिलेटिन की 500 छड़ें Jaipur News | जोबनेर गांव में फ्रांस कलाकार ने की लाइव वाॅल आर्ट पेटिंग | Wall Art Painting राजस्थान उत्तर प्रदेश बिहार मध्य प्रदेश उत्तराखंड हरियाणा झारखंड छत्तीसगढ़ हिमाचल प्रदेश महाराष्ट्र पंजाब जयपुर जयपुर अजमेर उदयपुर कोटा अलवर चित्तौड़गढ़ चूरू जैसलमेर जोधपुर झालावाड़ झुंझुनूं टोंक डूंगरपुर दौसा धौलपुर नागौर पाली पुष्कर प्रतापगढ़ बांसवाड़ा बाड़मेर बारां बीकानेर भरतपुर भीलवाड़ा राजसमन्द‍ सवाई माधोपुर सीकर हनुमानगढ़ सिरोही बूंदी करौली जालोर श्रीगंगानगर जानिए आखिर क्या है एकल पट्टा प्रकरण पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में गणपति कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर ने एकल पट्टा जारी करने को लेकर प्रतिवेदन दिया था. प्रतिवेदन पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने पट्टा जारी करने के लिए फाइल को यूडीएच विभाग को भेजी. मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले निर्देशों के बाद तत्कालीन नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने गणपति कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर के नाम से एकल पट्टा जारी करने की स्वीकृति दी थी. एसीएस जीएस संधू ने चलाई थी फाइल बाद में शिकायत होने पर एसीबी की जांच में सामने आया कि गणपति कंस्ट्रक्शन के प्रोपराइटर शैलेन्द्र गर्ग ने 25 जनवरी 2010 को सीएमओ में एकल पट्टा जारी करने के लिए प्रतिवेदन दिया था. इस संबंध में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देशों पर ओएसडी महेन्द्र सोनी ने यूडीएच के तत्कालीन एसीएस जीएस संधू के नाम गणपति कंस्ट्रक्शन कंपनी के शैलेन्द्र गर्ग के प्रतिवेदन का निस्तारण करने के लिए पत्रावली चलायी. इसके बाद जी.एस. संधू ने फाइल को आगे चला दी थी. गणपति कंस्ट्रक्शन पर 2005 में लगी थी रोक इसके बाद यूडीएच विभाग के अफसरों ने जोन उपायुक्त 10 को पट्टा जारी करने के लिए फाइल पर सहमति भेजी. इस बीच एकल पट्टे से जुड़ी फाइल एक बार भी तत्कालीन जेडीसी के पास नहीं गई और सरकार के स्तर पर ही फाइल चलती रही. एकल पट्टा जारी करने के लिए अंतिम बार फाइल तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के पास गई. आपको बता दें की गणपति कंस्ट्रक्शन के प्रतिवेदन पर वर्ष 2005 में लगी रोक की जांच पड़ताल किए बगैर जी.एस. संधू ने फाइल को अप्रूवल करने के बाद ग्रुप हाउसिंग योजना के तहत कंपनी के प्रोपराइटर शैलेन्द्र गर्ग के नाम से पट्टा जारी करने की स्वीकृति दे दी थी. ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें up24x7news.com हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट up24x7news.com हिंदी| Tags: Jaipur newsFIRST PUBLISHED : November 16, 2022, 16:34 IST