Rajasthan Politics: अनुशासनहीनता पर AICC के कड़े रुख के बाद अब बदलने लगे विधायकों के सुर
Rajasthan Politics: अनुशासनहीनता पर AICC के कड़े रुख के बाद अब बदलने लगे विधायकों के सुर
Jaipur News: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के लिए चुनाव भले ही दिल्ली में हो रहे हैं, लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर राजस्थान के सियासी समीकरणों पर पड़ रहा है. राजस्थान की राजनीति के रंग एआईसीसी के रुख के बाद तेजी से बदल रहे हैं. जो कभी सीएम के पाले में नजर आते थे, अब उन्हें आलाकमान का हर फैसला आंख मूंदकर मंजूर है.
हाइलाइट्सविधायक बोले अपनी भावनाएं सब रखें, लेकिन आलाकमान के फैसले का सम्मान होना चाहिएवरिष्ठ विधायक जितेंद्र सिंह ने विधायकों की त्याग पत्र देने की पॉलिसी को पूरी तरह से गलत ठहराया
जयपुर. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की ऊहापोह के बीच सीएम बनने के लिए तलवारें खिंचने लगी हैं. एक ओर गहलोत गुट के 70 से ज्यादा विधायक स्पीकर को इस्तीफे सौंपकर अपने इरादे केंद्रीय पर्यवेक्षकों के सामने जाहिर कर चुके हैं. दूसरी ओर एआईसीसी के इसे अनुशासनहीनता (Indiscipline) मानने के बाद अब गहलोत गुट (Gehlot group) के विधायक भी पाला बदलने लगे हैं. पायलट अभी ‘वेट एंड वाच’ की रणनीति में लगे हैं. कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर प्रदेश प्रभारी अजय माकन और पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खडगे जयपुर आए थे. इन्हें हर विधायकों से मिलकर सीएम का नाम तय करना था, लेकिन गहलोत गुट ने इनसे मुलाकात की भी जरूरत नहीं समझी.
दरअसल, कांग्रेस थिंक टैंक गहलोत की जगह दूसरा मुख्यमंत्री बनाने को मामूली बात समझ रहा था, वह अब लोहे के चने चबाने जैसी हो गई है. सोनिया-राहुल के दूत बनकर जयपुर आए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अजय माकन और केंद्रीय पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे की गहलोत खेमे के आगे दाल नहीं गल पाई. विधायकों ने ही नहीं, यहां तक कि सीएम गहलोत ने साफ-साफ शब्दों में कह दिया कि वह कांग्रेस के वफादार के लिए कुर्सी छोड़ेंगे, गद्दार के लिए नहीं.
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प्रदेश प्रभारी माकन की रिपोर्ट पर आलाकमान गंभीर
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने विधायक दल की बैठक में कांग्रेस विधायकों के नहीं आने को घोर अनुशासनहीनता माना. माकन ने कहा कि इस अनुशासनहीन आचरण की रिपोर्ट आलाकमान को दी जाएगी. इसके बाद देखेंगे कि इन पर क्या एक्शन लिया जा सकता है? बताते हैं कि माकन की रिपोर्ट को आलाकमान ने गंभीरता के लिया है और एआईसीसी ने कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है.
आलाकमान जिसे सीएम प्रोजेक्ट करेगा, उसे मानेंगे
एआईसीसी के सख्त रुख के बाद अब कुछ विधायकों के सुर बदलने लगे हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक जितेंद्र सिंह ने कहा कि वो पूरी तरह आलाकमान के निर्णय के साथ हैं. आलाकमान राजस्थान में जिसे भी सीएम प्रोजेक्ट करेगा, वह उसे ही मानेंगे. इतना ही नहीं, सिंह ने विधायकों की त्याग पत्र देने की पॉलिसी को भी गलत ठहराया है.
सभी को आलाकमान के फैसले का सम्मान करना चाहिए
वहीं बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए संदीप यादव ने कहा कि जो हो रहा है, वह कांग्रेस पार्टी के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. सबको अपनी भावनाएं रखने का अधिकार तो है, लेकिन भावनाएं रखने के बाद सभी को आलाकमान के फैसले का सम्मान करना चाहिए. काबिलेगौर है कि दोनों विधायक गहलोत गुट की बैठक में शामिल हुए थे और सीपी जोशी के आवास पर भी पहुंचे थे.
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Tags: Ajay maken, Ashok Gehlot Government, Congress politics, Gehlot Vs Pilot, Interim President Sonia Gandhi, Jaipur newsFIRST PUBLISHED : September 27, 2022, 16:46 IST