जी का जंजाल बने 40 लाख रुपये मेयर मुनेश गुर्जर की कुर्सी पर मंडराया खतरा!

Jaipur News : पट्टा रिश्वत केस में जयपुर नगर निगम हैरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर की मुश्किलें बढ़ सकती है. एसीबी ने इस केस में मेयर गुर्जर को दोषी मानते हुए राज्य सरकार से उनके खिलाफ चालान पेश करने और अभियोजन की स्वीकृति मांगी है.

जी का जंजाल बने 40 लाख रुपये मेयर मुनेश गुर्जर की कुर्सी पर मंडराया खतरा!
विष्णु शर्मा. जयपुर. जयपुर नगर निगम हैरिटेज की मेयर मुनेश गुर्जर की आने वाले दिनों में मुश्किलें बढ़ सकती हैं. वजह है 8 महीने पुराने पट्टे जारी करने की एवज में लाखों रुपये की रिश्वत लेने से जुड़ा प्रकरण. इसमें एसीबी ने मेयर के पति सुशील गुर्जर और दो दलालों नारायण सिंह व अनिल दुबे को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते देते मेयर के ही घर पर ट्रेप किया था. एसीबी ने इस कार्रवाई में मेयर के घर से करीब 40 लाख रुपये नकद और पट्टे जारी करने की फाइलें जब्त की थी. एसीबी ने अपनी जांच में अगस्त 2023 के रिश्वत प्रकरण में मेयर मुनेश गुर्जर को भी आरोपी माना है. उनके खिलाफ चालान पेश कर मुकदमा चलाने के लिए सरकार को अभियोजन स्वीकृति के लिए फाइल भेजी दी गई है. यदि सरकार या सक्षम विभाग मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ चालान पेश कर अभियोजन स्वीकृति की फाइल को मंजूरी देता है तो मेयर मुनेश गुर्जर गिरफ्तारी की तलवार लटक सकती है. उनको मेयर की कुर्सी से भी हाथ धोना पड़ सकता है. 40 लाख की नगदी के साथ पट्टों की फाइलें भी मिली थी एसीबी ने 4 अगस्त 2023 को एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मेयर मुनेश गुर्जर के हसनपुरा के शांति कॉलोनी स्थित घर पर छापा मारा था. वहां मेयर के पति सुशील गुर्जर, दलाल नारायण सिंह व अनिल दुबे को 2 लाख रुपये की रिश्वत लेते देते गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद एसीबी ने मेयर के घर में सर्च ऑपरेशन चलाया. उसमें करीब 40 लाख रुपये नकद और पट्टे जारी करने की स्वीकृति के लिए आई कुछ फाइलें भी बरामद हुई थी. दलाल के घर भी मिले थे 9 लाख रुपये वहीं उनके आवास से कुछ दूरी पर स्थित दलाल नारायण सिंह के घर भी सर्च कार्रवाई की गई थी. उसमें करीब 9 लाख रुपये नकद बरामद हुए थे. इस पर एसीबी ने तीनों आरोपियों को रिमांड पर रखने के बाद जेल भेज दिया था. वहां से मेयर के पति सुशील गुर्जर सहित तीनों आरोपियों की जमानत हो गई थी. एसीबी ने इस केस में नवंबर 2023 में मेयर मुनेश गुर्जर के बयान लिए थे. पति सुशील की है मुख्य भूमिका उसके बाद जांच अधिकारी एडिशनल एसपी राजेंद्र नैन ने इस प्रकरण की जांच अप्रेल माह में पूरी कर ली. उसमें सभी तथ्यों के आधार पर मेयर मुनेश गुर्जर की भूमिका को भी मिलीभगत करने के तौर पर माना गया है. क्योंकि पट्टे जारी करने की फाइलों पर मेयर के साइन होते थे. ज्यादातर फाइलें मेयर के घर पर निकाली गई. इसमें उनके पति सुशील की मुख्य भूमिका थी. मेयर मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया गया था रिश्वत प्रकरण के बाद तत्कालीन गहलोत सरकार ने मेयर मुनेश गुर्जर को निलंबित कर दिया था. उसके बाद मेयर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. तब हाईकोर्ट के आदेश पर मुनेश को वापस मेयर की कुर्सी पर बहाली मिली थी. लेकिन अब एसीबी की ओर से रिश्वत प्रकरण में आरोप प्रमाणित मानने से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं. अब देखना होगा क्या भजनलाल सरकार में मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के लिए हां में जवाब मिलता है या ना में. क्योंकि इसी से मेयर मुनेश गुर्जर की कुर्सी का भविष्य तय होगा. Tags: Corruption case, Jaipur news, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : June 17, 2024, 12:11 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
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