मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है बीजेपी विधायकों का छलका तबादला दर्द
मेरे अंगने में तुम्हारा क्या काम है बीजेपी विधायकों का छलका तबादला दर्द
Jaipur News: राजस्थान में सात माह पहले सत्ता में लौटी बीजेपी के विधायकों को कर्मचारियों की ट्रांसफर लिस्ट का बेहद बेसब्री से इंतजार है. वे अपने इलाके में पार्टी विरोधी विचारधारा वाले कर्मचारियों को नहीं रखना चाहते हैं. ये बात वे अब खुलकर भी बोलने लग गए हैं.
जयपुर. राजस्थान में सत्ता परिवर्तन के बाद आईएएस, आईपीएस और अन्य बड़े अधिकारियों के तबादलों का एक बड़ा दौर पूरा हो चुका है. लेकिन अधीनस्थ कर्मचारियों के तबादले अभी नहीं हुए हैं. लिहाजा वे अपनी पुरानी कुर्सियों पर जमे हुए हैं. दूसरी तरफ बीजेपी के विधायकों में सत्ता में आने के सात माह बाद भी अपने फेवर और पार्टी के विचारधारा के कर्मचारियों को खुद के इलाके में नहीं ला पाने की कसक साफ दिखाई दे रही है. वे कहते हैं कि बीजेपी विरोधी विचारधारा वाले कर्मचारियों का मेरे अंगने में क्या काम है.
लिहाजा वे अपने इलाके के अपने पंसदीदा कर्मचारियों को लाने के लिए मंत्रियों के पास लगातार डिजायर भेज रहे हैं. वहीं चुन-चुनकर ऐसे कर्मचारियों की सूचियां तैयार कर रहे हैं जिनकी विचारधारा बीजेपी से मेल नहीं खाती है. कई विधायक इन कर्मचारियों की फेहरिस्त मंत्रियों से लेकर सीएम भजनलाल तक पहुंचा चुके हैं. वे बीजेपी विरोधी विचारधारा वाले कर्मचारियों के तबादलों की गुहार लगा रहे हैं. लेकिन तबादलों के इतंजार की घड़ियां समाप्त होने का नाम ही नहीं ले रही है.
मानसिकता बदलो नहीं तो आपको बदल दिया जायेगा
दूसरी तरफ जिन कर्मचारियों की विचारधारा बीजेपी से नहीं मिलती है वे तबादलों के लिए मानसिक रूप से तैयार हैं लेकिन फिर भी जगह का मोह नहीं छूट पा रहा है. सलूम्बर विधायक अमृतलाल मीणा ने तो शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से लेकर सीएम भजनलाल तक अपनी फरियाद पहुंचा दी. वे ऐसा कोई कर्मचारी नहीं चाहते जो भारतीय आदिवासी पार्टी में आस्था रखता या फिर कांग्रेस में. वहीं बिलाड़ा के विधायक अर्जुनलाल गर्ग तो कर्मचारियों की मानसिकता को लेकर दो टूक शब्दों में कह रहे हैं या तो मानसिकता बदलो नहीं तो आपको बदल दिया जायेगा.
बस एक ही फरियाद है तबादले हों
भाजपा विधायकों की सचिवालय से लेकर मंत्रियों के बंगलों तक बस एक ही फरियाद है कि सरकार आए सात महीने हो गए. अब तो अपनों को घर लाओ. कई बार मंत्रीजी को डिजायर हाथ में थमाई तो कई बार सीधे मेल भी किया लेकिन पार नहीं पड़ रही. कर्मचारियों के साथ उनके परिजन विधायकों पर ट्रांसफर के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं. इसके साथ पूर्ववर्ती कांग्रेस राज से तुलना की जा रही है जिसमें कथित तौर पर विधायक अपने-अपने इलाके के सीएम हो गये थे.
बीजेपी विचारधारा वाले कर्मचारी वापस घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं
इसलिए बीजेपी विधायक को लगता है कि अगर उनको अपने इलाके में अपनी लोकप्रियता बरकरार रखनी है तो अपनों को तो अपने इलाके में लाना ही होगा. वे अधिकांश डिजायर उनकी कर रहे हैं जिनके कांग्रेस राज में तबादलों के कारण घर छूट गए थे. उनकी विचारधारा या तो राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की है या फिर जिनके परिजन बीजेपी के निष्ठावान कार्यकर्ता रहे हैं. ऐसे कर्मचारी वापस अपने घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं.
तबादला मधुमक्खियों का छाता है
राजस्थान में करीब साढ़े आठ लाख कर्मचारी हैं. इनमें से अकेले शिक्षा विभाग में ही साढ़े तीन लाख से ज्यादा शिक्षक हैं. जाहिर है हर महकमे की तबादलों को लेकर अपनी मजबूरियां हैं. तबादला मधुमक्खियों का ऐसा छाता है जिसमें हाथ डालते ही संतुष्टि कम और विरोध के सुर ज्यादा निकलते हैं. इसलिए फिलहाल शिक्षा विभाग में तो तबादलों की कहीं सुगबुगाहट तक नहीं दिख रही. आज नया सत्र शुरू हो चुका है. लेकिन शिक्षा मंत्री मदन दिलावर कहीं भी तबादलों को लेकर हड़बड़ी नहीं दिखा रहे हैं. बहरहाल तबादलों की चिंता कर्मचारियों को बेचैन किए जा रही है तो विधायकों को परेशान.
Tags: Jaipur news, Rajasthan bjp, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : July 1, 2024, 15:20 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed