नए संसद भवन पर स्थापित किये गये अशोक स्तंभ का राजस्थान से है खास नाता पढ़ें पूरी कहानी
नए संसद भवन पर स्थापित किये गये अशोक स्तंभ का राजस्थान से है खास नाता पढ़ें पूरी कहानी
राजस्थान में बना है नये संसद भवन पर लगाया गया अशोक स्तंभ: राजधानी दिल्ली में नये संसद भवन (New Parliament House) की छत पर स्थापित किया राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अशोक स्तंभ (Ashoka Pillar) राजस्थान में बनाया गया है. इसे जयपुर में 150 हिस्सों में तैयार कर दिल्ली ले जाया गया और वहां आकार दिया गया. राजस्थान के मूर्तिकार लक्ष्मण व्यास के निर्देशन में 40 कारीगरों ने पांच माह तक कड़ी मेहनत कर इसे तैयार किया है. पढ़ें क्या खासियत है इस अशोक स्तंभ की.
जयपुर. देश की राजधानी दिल्ली में बन रहे नए संसद भवन (New Parliament House) पर लगी अशोक स्तंभ की नई प्रतिमा (Ashoka Pillar) का राजस्थान से गहरा जुड़ाव है. जयपुर के स्टूडियो शिल्पिक मूर्तिकार लक्ष्मण व्यास के निर्देशन में 40 कारीगरों ने पांच माह तक दिन रात कड़ी मेहनत एक करके इस प्रतिमा को तैयार किया है. संसद भवन पर लगाई गई इस प्रतिमा का सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनावरण किया है. पीएम मोदी ने मूलतया राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के नोहर कस्बे निवासी लक्ष्मण व्यास से इस प्रतिमा के बनाने के तरीके के बारे में पूछा और उनको बधाई दी. 150 हिस्सों को जोड़कर बनाई गई इस प्रतिमा को जंग कभी छू भी नहीं पायेगा.
मूर्तिकार लक्ष्मण व्यास ने बताया की इस प्रतिमा को 5 माह की कड़ी मेहनत से अलग-अलग हिस्सों में तैयार किया गया है. उसके बाद इसे दिल्ली ले जाया गया. वहां गैस वेल्डिंग और आर्गन तकनीक से इन सभी 150 हिस्सों को जोड़कर इस प्रतिमा को तैयार किया गया. अशोक स्तंभ की इस प्रतिकृति की डिजाइन टाटा प्रोजेक्ट कंपनी ने तैयार की है. इसे बनाने से लेकर स्थापित करने का काम लक्ष्मण व्यास की निगरानी में हुआ.
90 फीसदी तांबे का उपयोग किया गया है
मूर्तिकार लक्ष्मण व्यास का कहना है कि संसद भवन पर लगे इस स्तंभ की खासियत यह है कि इस पर किसी भी मौसम का असर नहीं पड़ेगा. इस मूर्ति को बनाने के लिये इस तरह की धातु का इस्तेमाल किया गया है कि उस पर कभी जंग भी नहीं लगेगा. मूर्तिकार व्यास की मानें तो यह देश का सबसे लंबा स्तंभ है. इस स्तंभ की ऊंचाई 21 फीट है जबकि व्यास 38 फीट है. चौड़ाई 12 गुणा 12 मीटर है. मूर्ति का वजन 9 टन 620 किलो है. इसकी निर्माण सामग्री में 90 फीसदी तांबा और 10 फीसदी टिन का उपयोग किया गया है. व्यास ने बताया कि यह मूर्ति इटालियन लॉस्ट वैक्स शैली की बनी है.
करीब 300 प्रतिमाओं का निर्माण कर चुके हैं लक्ष्मण व्यास
लक्ष्मण व्यास जयपुर स्थित राजस्थान विश्वविद्यालय से मूर्तिकला में डिग्री करने के बाद देश-विदेश में करीब 300 प्रतिमाओं का निर्माण कर चुके हैं. इनमें उदयपुर में 57 फीट के महाराणा प्रताप, दिल्ली एयरपोर्ट पर हाथी की प्रतिमाएं, बाघा बॉर्डर पर श्याम सिंह अटारी, जवाहरलाल नेहरू, प. दीनदयाल उपाध्याय और इंदिरा गांधी समेत अनेक महापुरुषों की प्रतिमाएं शामिल हैं. दुबई और कतर में भी व्यास की बनाई प्रतिमाएं लगी हुई हैं. विशेषकर एमएफ हुसैन इंटरनेशनल म्यूजियम में भी इनकी बनाई प्रतिमाएं लगी हैं.
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Tags: Jaipur news, Pm narendra modi, Rajasthan newsFIRST PUBLISHED : July 12, 2022, 18:44 IST