थानेदार करना चाह रहा था खेल दांव पड़ गया उल्टा और खुद के साथ ही हो गया खेला

Ajmer News : अजमेर में साइबर थाना पुलिस की चौंकाने वाली करतूत सामने आई है. यहां साइबर थाने की पुलिस करीब सवा करोड़ रुपये की ठगी के शिकार हुए एनआरआई की सहायता करने की बजाय मुख्य ठग को बचाने में लग रहे थे. मामले का खुलासा होने पर एक थानेदार और एक सहायक थानेदार को सस्पेंड कर दिया गया है.

थानेदार करना चाह रहा था खेल दांव पड़ गया उल्टा और खुद के साथ ही हो गया खेला
अशोक सिंह भाटी. अजमेर. अजमेर में एक एनआरआई से हुई सवा करोड़ रुपये की ठगी के मामले में पुलिस ने बड़ा एक्शन लिया है. पुलिस महकमे ने इस मामले में साइबर सेल प्रभारी और एक एएसआई को सस्पेंड कर दिया है. ये दोनों परिवादी की सहायता करने की बजाय मुख्य ठग से मिलीभगत कर रहे थे. लेकिन मामले की परतें जब उधड़ी तो दोनों का सच सामने आ गया. इस पर दोनों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है. दोनों ठगी के मुख्य आरोपी को बचाने में लगे हुए थे. जानकारी के अनुसार सस्पेंड किए गए पुलिसकर्मियों में सब इंस्पेक्टर मनीष चारण और एएसआई दुर्गेश सिंह शामिल हैं. जांच में दोनों की मिलीभगत सामने आई तो पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए. उसके बाद दोनों को सस्पेंड कर दिया गया. पूर्व में ये दोनों इस केस की जांच कर रहे थे. लेकिन परिवादी उनकी जांच से संतुष्ट नहीं था. इस पर केस की जांच बदली गई. जांच बदलने के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी उदयपुर निवासी मनीष कपूर को गिरफ्तार कर लिया. एनआरआई ने यह केस करीब चार महीने पहले दर्ज कराया था. इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगे थे सवा करोड़ रुपये पुलिस के पुलिस के मुताबिक 6 जुलाई को अजमेर के साइबर थाने में एनआरआई की ओर से केस दर्ज कराया गया था. पीड़िता का कहना था कि कुछ ठगों ने इन्वेस्टमेंट के नाम पर उससे एक ऐप के जरिए सवा करोड़ रुपये लगवा दिए. उसे जब ठगी का अहसास हुआ उसने ठगों से संपर्क किया. लेकिन वे कोई भी जानकारी देने में आनाकानी करने लगे. इस पर वह साइबर थाने पहुंचा. रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन उनसे पूरी रिकवरी नहीं हो पाई. परिवादी जांच अधिकारी से भी संतुष्ट नहीं था. पुलिस ने मुख्य आरोपी को भी दबोच लिया इसके बाद में जांच पुलिस उपाधीक्षक ओमप्रकाश को सौंपी गई. इस पर पुलिस ने मुख्य आरोपी उदयपुर निवासी मनीष कपूर सहित आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में सामने आया कि मनीष कपूर ने उदयपुर के रहने वाले लोगों के साथ ही अलग-अलग लोगों से संपर्क कर रुपये उनके खातों में डलवा लिए. पुलिस ने ऐसे सात आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया. मुख्य आरोपी को दबोचने के बाद पुलिस ने जब केस की कड़ी से कड़ी जोड़ी तो दोनों पुलिसकर्मियों की मिलीभगत सामने आई. तब उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया गया. Tags: Big crime, Crime News, Cyber Crime, Cyber FraudFIRST PUBLISHED : December 13, 2024, 13:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed