प्रशांत किशोर ने बिहार में शराबबंदी को अमेजॉन और फ्लिपकार्ट मॉडल क्यों बताया
प्रशांत किशोर ने बिहार में शराबबंदी को अमेजॉन और फ्लिपकार्ट मॉडल क्यों बताया
Prashant Kishore News: प्रशांत किशोर ने कहा, इस बात का कहीं प्रमाण नहीं है कि देश में शराबबंदी के जरिए आप समाज का विकास कर सकते हैं. दूसरी बात अगर लोग कहते हैं कि गांधी जी ने ऐसा कहा तो गांधी जी ने ऐसा कहीं नहीं कहा. पीके ने कहा, शराबबंदी से कुछ फायदे हुए हैं, लेकिन इस गरीब राज्य में शराबबंदी के नाम शराब की दुकान तो बंद कर दिए गए, लेकिन होम डिलीवरी चालू है.
हाइलाइट्स सरकार में आने पर प्रशांत किशोर ने 15 मिनट में शराबबंदी कानून खत्म करने की बात कही. जनसुराज के संयोजक प्रशांत किशोर ने बुद्धिजीवियों को शराबबंदी हटाने का आधार बताया. नीतीश सरकार की शराबबंदी को पीके ने अमेजॉन और फ्लिपकार्ट डिलीवरी मॉडल बताया.
जमुई. बिहार में शराबबंदी कानून लागू है, शराबबंदी कानून को धरातल पर उतारने के लिए सरकार की तरफ से तमाम तरह की कोशिशें भी हो रही हैं. वहीं, इन दोनों बिहार की राजनीति में गर्मी लाने वाले जनसुराज के संयोजक प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने एक बार फिर दावा किया है कि अगर उनके दल की सरकार आती है तो 15 मिनट में शराबबंदी खत्म कर दिया जाएगा. इसके साथ ही पीके ने बिहार में शराबबंदी की तुलना अमेजॉन और फ्लिपकार्ट के डिलिवरी सिस्टम से की है.
दो दिवसीय दौरे पर जमुई पहुंचे प्रशांत किशोर ने शहर के एक विवाह भवन में बुद्धिजीवों के साथ आयोजित बैठक में शराबबंदी हटाने के पीछे के आधार को समझाया. प्रशांत किशोर ने साफ कहा कि 2025 में अगर जनसुराज की सरकार बनी और हमारी बात उसमें सुनी गई तो 15 मिनट में शराबबंदी हटा देंगे. महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि गांधी जी ने शराबबंदी को सामाजिक प्रयास के तौर पर बताया था. गांधी जी ने ऐसा कभी नहीं कहा कि शराबबंदी को कानून बनाकर बंद कर देना चाहिए.
बिहार में दुकान बंद और होम डिलीवरी चालू
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि शराबबंदी नीतीश कुमार का अमेजॉन और फ्लिपकार्ट मॉडल है, जिसमें दुकान बंद और होम डिलीवरी चालू है. लॉ एंड ऑर्डर की समस्या दिख रही है, 2016 से और खराब हुई है, क्योंकि बिहार में शराबबंदी है, गांव- गांव में लड़के शराब के धंधे पर उतर गए हैं. 15 मिनट की शराबबंदी खत्म करने के बारे में समझाते हुए प्रशांत किशोर ने लोगों से कहा कि दुनिया में किसी भी समाज में राज्य में देश में इस बात का प्रमाण नहीं है कि शराबबंदी से समाज का भला हुआ है. यह प्रयोग पहले बिहार में ही नहीं हुआ यह अमेरिका और यूरोपियन देशों ने भी प्रयास किया. किसी को कोई सफलता नहीं मिली.
समाज की पहल पर खत्म होगी शराब की लत
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, इस बात का कहीं प्रमाण नहीं है कि देश में शराबबंदी के जरिए आप समाज का विकास कर सकते हैं. दूसरी बात अगर लोग कहते हैं कि गांधी जी ने ऐसा कहा तो गांधी जी ने ऐसा कहीं नहीं कहा, हमने भी इसी चीज को कहीं नहीं पढ़ा, गांधी जी ने शराबबंदी को सामाजिक तौर पर प्रयास बताया है. गांधी जी ने यह बताया कि शराब पीना गलत बात है, यह प्रयास करना चाहिए कि शराब पीने वालों की संख्या कम हो. अपने संबोधन में प्रशांत किशोर ने चुनौती देते हुए कहा कि गांधीवादी या फिर बिहार में शराबबंदी लगाने वाले सो कॉल्ड सलाहकार गांधी जी द्वारा लिखे हुए उन्हें पढ़ाया या सुनाया जाए, जिसमें उन्होंने लिखा है कि सरकार को कानून बनाकर शराबबंदी लागू करना चाहिए. पीके ने कहा, गांधी जी ने ऐसा कभी नहीं कहा, गांधी जी ने यह कहा है कि शाकाहारी होना अच्छी बात है, तो क्या उसके लिए भी कानून बना दिया जाएगा.
बिहार सरकार को 20 हजार करोड़ का नुकसान
प्रशांत किशोर ने आगे कहा, माना जा सकता है कि शराबबंदी से कुछ फायदे हुए हैं, लेकिन इस गरीब राज्य में शराबबंदी के नाम शराब की दुकान तो बंद कर दिए गए, लेकिन होम डिलीवरी चालू है. तो हम कह सकते हैं की नीति सरकार में शराबबंदी मामले में फ्लिपकार्ट और अमेजॉन मॉडल चालू है. इस कारण बिहार सरकार को हर साल 20 हजार करोड़ का नुकसान हो रहा है, वह पैसा शराब माफिया और तस्कर के पास जा रहा है. कानून व्यवस्था गड़बड़ हो गयी ऐसी स्थिति 2016 से दिखाई दे रही है जब से शराबबंदी लागू हुई. पूरा प्रशासन शराबबंदी पर ही केंद्रित है, जिस कानून व्यवस्था भी चौपट हो गई. शराबबंदी जब से लागू हुई 6 लाख से अधिक ज्यादा मुकदमे हुए हैं.
Tags: Bihar Liquor Smuggling, CM Nitish Kumar, Jamui news, New Liquor Policy, Prashant KishoreFIRST PUBLISHED : August 15, 2024, 15:02 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed