बीजेपी विरोधी पार्टियों पत्रकारों और NGO ने मिलकर गुजरात दंगों पर किया प्रचार: गृह मंत्री अमित शाह
बीजेपी विरोधी पार्टियों पत्रकारों और NGO ने मिलकर गुजरात दंगों पर किया प्रचार: गृह मंत्री अमित शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि बीजेपी विरोधी राजनीतिक पार्टियों, विचारधारा के लिए राजनीति में आए कुछ पत्रकारों और कई एनजीओ ने मिलकर गुजरात दंगों के बारे में आरोपों का इतना ज्यादा प्रचार किया कि लोग उसे ही सच मानने लगे.
नई दिल्ली. गुजरात में गोधरा की घटना के बाद भड़के दंगों के बारे में गृह मंत्री अमित शाह ने आज खुलकर अपनी बात सामने रखी है. शाह ने कहा कि बीजेपी विरोधी राजनीतिक पार्टियों, विचारधारा से प्रेरित कुछ पत्रकारों और कई एनजीओ ने मिलकर गुजरात दंगों के बारे में आरोपों का इतना ज्यादा प्रचार किया कि लोग उसे सच मानने लगे. ANI को दिए गए एक इंटरव्यू में गुजरात दंगों को रोकने के लिए पुलिस और अधिकारियों के कथित तौर पर कुछ न कर पाने के सवाल पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरकार ने दंगों को रोकने के लिए तत्काल कड़े कदम उठाए थे. लेकिन भाजपा विरोधी पार्टियों, पत्रकारों और एनजीओ का इकोसिस्टम इतना मजबूत था कि लोग इनकी बात को ही सच मानने लगे, जबकि गुजरात सरकार ने सेना को बुलाने में एक दिन की भी देरी नहीं की.
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, ‘गुजरात में बीजेपी की सरकार जरूर थी, लेकिन बाद में केंद्र में सत्तारूढ़ हुई यूपीए की सरकार ने एनजीओ की मदद की. ये सब काम केवल पीएम नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने के लिए किया गया.’ अमित शाह ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट ने ये भी ये कहा है कि जाकिया जाफरी किसी और के निर्देश पर काम करती थी. शाह ने कहा कि कुछ एनजीओ ने कई पीड़ितों के हलफनामे पर हस्ताक्षर किए और उन्हें पता भी नहीं है. अमित शाह ने कहा कि सभी लोग जानते हैं कि तीस्ता सीतलवाड़ का एनजीओ ये सब कर रहा था और यूपीए की सरकार ने उनके एनजीओ को बहुत मदद की. #WATCH |Today SC said Zakia Jafri worked on someone else’s instructions. NGO signed affidavits of several victims&they didn’t even know. Everyone knows Teesta Setalvad’s NGO was doing this. When UPA Govt came to power at that time, it helped the NGO: HM Shah on 2002 Gujarat riots pic.twitter.com/wQ8yMwqxG7
— ANI (@ANI) June 25, 2022
मोदी को फंसाने की साजिश पर आखिरकार सुप्रीम कोर्ट का फुल स्टॉप!
गौरतलब है कि गुजरात दंगों के मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी सहित 64 लोगों को एसआईटी की क्लीन चिट मिलने को चुनौती देने वाली एक याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने 24 जून को खारिज कर दिया है.
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Tags: Amit shah, BJP, Gujarat RiotsFIRST PUBLISHED : June 25, 2022, 11:17 IST