अमेठी के प्रसिद्ध ये 4 शिव मंदिर सावन में दर्शन करने से पूरी होती है मुरादें
अमेठी के प्रसिद्ध ये 4 शिव मंदिर सावन में दर्शन करने से पूरी होती है मुरादें
Sawan Somwar 2024: सावन माह में भगवान शिव की पूजा अर्चना का अलग ही मान्यता है. ऐसे में अमेठी में कई प्राचीन शिव मंदिर हैं. जहां सावन माह में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए पहुंचते हैं.
आदित्य कृष्ण/अमेठी: भगवान शंकर का अति प्रिय माह सावन शुरू हो गया है. सावन की शुरुआत होने से पहले भगवान शंकर के प्राचीन शिवालयों को सजाया जा रहा है. अमेठी में भी सावन माह में दर्शन करने के लिए कई प्राचीन शिवालय हैं, जिनकी मान्यता वर्षों पुरानी है. इन मंदिरों में दर्शन करने से जीवन के हर कष्ट दूर हो जाते हैं और दूरदराज से भक्त इन मंदिरों में दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं.
महामृत्युंजय धाम की है प्राचीन मान्यता
भारत विविधताओं से भरा देश है, जहां हर महीने का अपना खास महत्व है. ऐसे में अमेठी जिले में सावन माह में दर्शन करने के लिए भगवान शंकर के अलग-अलग शिवालय मौजूद हैं. जहां की प्राचीन मान्यता है और यहां भक्त दूरदराज से अपने परिवार के साथ दर्शन पूजन करने के लिए आते है. अमेठी के गौरीगंज विकासखंड रोहसी बुजुर्ग गांव में स्थित महामृत्युंजय धाम की काफी प्राचीन मान्यता है.
महामृत्युंजय धाम की स्थापना आज से 10 वर्ष पूर्व हुई थी. इस मंदिर में 108 शिवलिंग 12 ज्योतिर्लिंग के साथ पंचमुखी शिव प्रतिमा स्थापित है. यहां दूरदराज से भक्त दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं और सावन माह में यहां 24 घंटे ओम नमः शिवाय का जाप होता है.
डंडेश्वर धाम
अमेठी के मुसाफिरखाना में गोमती नदी के किनारे स्थित डंडेश्वर धाम का भी प्रमुख इतिहास है. राज परिवार द्वारा इस मंदिर की स्थापना की गई थी. इस मंदिर में प्राचीन शिव प्रतिमा स्थापित ह. सावन माह में दूरदराज से भक्त यहां पर दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं. शताब्दी वर्ष पूर्व इस मंदिर के दर्शन करने से अकाल मृत्यु टल जाती है.
दुखहरण धाम
अमेठी शहर में स्थित दुखहरण धाम को पाल वंश के राजाओं ने इस मंदिर की स्थापना कराई थी. मंदिर में आने वाले हर भक्तों की मनोकामना पूरी होती है. मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. यहां भगवान शंकर की प्रतिमा के अलावा ब्रह्मा,विष्णु और रामायण काल से जुड़ी तस्वीरों को भी साझा किया गया है.
घुश्मेश्वरनाथ धाम
अमेठी में प्रतापगढ़ और अमेठी बॉर्डर पर स्थित घुश्मेश्वरनाथ धाम काफी प्राचीन इतिहास है. इस मंदिर में शिवलिंग की उत्पत्ति स्वयं हुई थी, जिसके बाद यहां यादव वंशज ने इस मंदिर की स्थापना कराई थी. सई नदी के किनारे स्थापित मंदिर का प्राचीन इतिहास है.
सावन माह में है विशेष महत्व
वहीं, वरिष्ठ पुजारी रुद्रकांत मिश्र ने बताया कि सावन माह भगवान शंकर के लिए ही जाना जाता है. सावन माह में पूजन और रुद्राभिषेक करने से जीवन के हर कष्ट दूर हो जाते हैं. सावन माह में व्रत पूजा पाठ करने का अद्भुत संयोग है.
Tags: Amethi City News, Amethi Latest News, Amethi news, Amethi News Today, Local18FIRST PUBLISHED : July 22, 2024, 11:33 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed