कब है सोमवती अमावस्या शिव योग में करें स्नान-दान जानें पितर कैसे होंगे खुश
कब है सोमवती अमावस्या शिव योग में करें स्नान-दान जानें पितर कैसे होंगे खुश
Somvati Amavasya 2024 Date: सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है. उस दिन व्रत, स्नान, दान, शिव पूजा और पितरों के तर्पण का महत्व है. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि सोमवती अमावस्या कब है? सोमवती अमावस्या पर स्नान और दान का मुहूर्त क्या है?
सोमवती अमावस्या उस दिन मनाई जाती है, जिस दिन अमावस्या तिथि को सोमवार पड़ता है. सोमवती अमावस्या के अवसर पर सुबह में पवित्र नदियों में स्नान करते हैं. जो नदी में स्नान नहीं कर पाते हैं, वे घर पर ही स्नान करके व्रत रखते हैं, दान करते हैं. शिव और शक्ति की पूजा करते हैं. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से वैवाहिक जीवन के कष्ट दूर होते हैं, जीवन में सुख और समृद्धि आती है. केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र से जानते हैं कि सोमवती अमावस्या कब है? सोमवती अमावस्या पर स्नान और दान का मुहूर्त क्या है?
सोमवती अमावस्या 2024 तारीख
वैदिक पंचांग के अनुसार, सोमवती अमावस्या भाद्रपद माह में है. इस बार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि 2 सितंबर को सुबह 5 बजकर 21 मिनट से शुरू हो रही है. इस तिथि का समापन 3 सितंबर को सुबह 7 बजकर 24 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर भाद्रपद अमावस्या 2 सितंबर दिन सोमवार को है. सोमवार की भाद्रपद आमवस्या होने के कारण यह सोमवती अमावस्या होगी.
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सोमवती अमावस्या 2024 मुहूर्त
2 सितंबर को सोमवती अमावस्या के दिन स्नान करने के लिए सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त है, जो 04:29 ए एम से 05:15 ए एम तक है. इस समय में आप स्नान करें. इसके बाद भी आप स्नान कर सकते हैं. स्नान के बाद पूजा पाठ, दान आदि कर सकते हैं. उस दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:55 ए एम से 12:46 पी एम तक है.
2 शुभ योग में है सोमवती अमावस्या 2024
सोमवती अमावस्या के दिन 2 शुभ योग बन रहे हैं. उस दिन शिव योग और सिद्ध योग बन रहे हैं. शिव योग सूर्योदय से लेकर शाम 6 बजकर 20 मिनट तक है. उसके बाद से सिद्ध योग बनेगा, जो अगले दिन तक होगा. शिव योग पूजा पाठ, योग, साधना आदि के लिए अच्छा माना जाता है. उस दिन मघा नक्षत्र सूर्योदय से लेकर देर रात 12 बजकर 20 मिनट तक है, उसके बाद से पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र है.
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सोमवती अमावस्या 2024 पितरों के लिए तर्पण
सोमवती अमावस्या के दिन आप अपने पितरों को तृप्त करने के लिए तर्पण कर सकते हैं. यह तर्पण स्नान के ठीक बाद कर सकते हैं. पितरों के लिए तर्पण जल, सफेद फूल, काले तिल और कुशा से करना चाहिए. कहा जाता है कि पितृ लोक में जल की कमी होती है, इसलिए तर्पण करके पितरों को तृप्त करते हैं.
सोमवती अमावस्या का महत्व
सोमवती अमावस्या को व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा विधि विधान से करनी चाहिए. शिव और शक्ति की कृपा से सुहागन महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त हो सकता है. पूजा के समय माता पार्वती को श्रृंगार की वस्तुएं अर्पित करनी चाहिए. इसके अलावा सोमवती अमावस्या पर स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. पाप मिटते हैं और दुख दूर होते हैं. इस दिन पितर धरती पर आते हैं, ताकि उनकी संतान उनको तृप्त कर सके.
Tags: Dharma Aastha, Lord Shiva, ReligionFIRST PUBLISHED : August 16, 2024, 11:13 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed