रजनीश यादव/प्रयागराज: प्रयागराज में स्थित नैनी ब्रिज को आधुनिक तकनीकी द्वारा हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन कंपनी एवं हुंडई इंजीनियरिंग के द्वारा 2004 में तैयार किया गया था. इसमें कंक्रीट के द्वारा दो बड़े स्तंभ बनाए गए जो स्टील की केबल द्वारा छत को सहारा देकर रुकते हैं. इस नायाब इंजीनियरिंग को लोग देखने भी आते हैं. लेकिन यह ब्रिज धीरे-धीरे सुसाइड ब्रिज के रूप में तब्दील होता जा रहा है. यहां आए दिन ऐसी घटनाएं देखने को मिलती हैं.
प्रयागराज का अनोखा पुल
नया यमुना पुल प्रयागराज में सिक्स लेन बनने वाला पहला पुल था. जो दो बड़े पिलर पर केवल एक्सटेंशन के द्वारा डेढ़ किलोमीटर लंबाई में बनाया गया है. लंबाई की बात की जाए तो यह ब्रिज मुंबई केबल ब्रिज से छोटा है और भारत का दूसरा सबसे लंबा केवल एक्सटेंशन ब्रिज है. जो NH 27 के माध्यम से प्रयागराज को विंध्याचल से जुड़ता है. वही सड़क मार्ग से मुंबई जाने का मुख्य मार्ग को जोड़ता है.
अभी तक इतने लोग कर चुके सुसाइड
प्रयागराज के पर्यटन में शुमार यमुना पुल पर स्थित नैनी ब्रिज धीरे-धीरे सुसाइड ब्रिज के रूप में बदल गया. जहां सुबह-शाम लोग मन बहलाने आया करते थे. वहीं कुछ लोग डिप्रेशन से परेशान होकर इसी ब्रिज से छलांग लगाकर जान दे देते हैं. अभी तक एक दो नहीं बल्कि 2004 से बनने के बाद इस ब्रिज से लगभग 1500 लोगों ने कूद कर अपनी जान दे दी. वहीं, कितनों को बचाया गया.
सोमवार को इस ब्रिज से तीन लोगों ने जान देने के लिए छलांग लगा दी. गनीमत रही की पल के नीचे तैनात पाक के जवानों ने कूद कर इन लोगों की जान बचाई और उनके परिजनों को सौंप दिया गया. आंकड़े की बात की जाए तो 2016 में 84 लोग 2017 में 53 लोगों ने खुद कर इस बीच से जान दी थी. 2004 में बनकर तैयार हुए इस ब्रिज से अभी तक 1500 से अधिक लोगों ने अपनी जान दे दी है.
Tags: Local18, Prayagraj, UP newsFIRST PUBLISHED : August 17, 2024, 13:24 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed