फुटबॉल फेडरेशन के विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने लिखित में मांगी आपत्तियां अब 28 जुलाई को सुनवाई
फुटबॉल फेडरेशन के विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने लिखित में मांगी आपत्तियां अब 28 जुलाई को सुनवाई
ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के विवाद में दखल देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मई में अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल और पूरे बोर्ड को हटाकर तीन सदस्यीय कमिटी बना दी थी. इस कमिटी द्वारा तैयार संविधान पर आपत्तियों की अनदेखी का आरोप लगाकर दाखिल याचिकाओं पर कोर्ट ने लिखित में बयान देने को कहा है.
नई दिल्लीः भारत में फुटबॉल के खेल की हालत सुधारने के इरादे से सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमिटी के खिलाफ अदालत पहुंचे अखिल भारतीय फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) की याचिका पर अब 28 जुलाई को सुनवाई होगी. गुरुवार को मामले पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों से कहा कि अगर किसी को कोई आपत्ति है तो लिखित में अपना बयान अदालत में जमा करें.
फीफा की तरफ से संभावित बैन का सामना कर रही भारतीय फुटबॉल में फेडरेशन का कामकाज देखने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (COA) का गठन किया था. समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पू्र्व जज एआर दवे कर रहे हैं. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सीमित में दो पुराने सदस्य एसवाई कुरैशी और भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान भास्कर गांगुली भी होंगे. इस समिति का काम अगले अध्यक्ष की नियुक्ति तक महासंघ के दिन-प्रतिदिन के कामकाज को देखना और नेशनल स्पोर्ट्स कोड के तहत संविधान को लागू करना है.
समिति की तरफ से तैयार किए गए संविधान के मसौदे की कुछ धाराओं का विरोध करते हुए ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन, कई राज्यों की असोसिएशन और फुटबॉल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट लिमिटेड (FSDL) ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. FSDL भारत की टॉप फुटबॉल लीग इंडियन सुपर लीग का आयोजन करती है. याचिका में एफएसडीएल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमिटी उसकी आपत्तियों पर विचार करने में नाकाम रही है और कुछ सुझावों को उसने खारिज कर दिया है.
दरअसल इस विवाद की मुख्य वजह यह है कि आने वाले समय में आई लीग और इंडियन सुपर लीग मे से किसे भारत की टॉप फुटबॉल लीग माना जाएगा. भारतीय फुटबॉल में चल रहे विवाद को खत्म करने के लिए फीफा ने डेडलाइन तय कर रखी है. उसने AIFF के संविधान को मंजूरी देने के लिए 31 जुलाई और चुनाव कराने के लिए 15 सितंबर तक का समय दिया है. ऐसा न करने पर भारतीय टीम पर बैन लग सकता है.
AIFF में विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट ने दखल देते हुए प्रेसिडेंट प्रफुल्ल पटेल को पद से हटा दिया था. नया संविधान बनाने और चुनाव कराने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बना दी थी. प्रफुल्ल पटेल 2009 में ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष बने थे और तब से लगातार इस पद पर थे. अध्यक्ष के तौर पर पटेल का तीसरा कार्यकाल दिसंबर 2020 में खत्म हो गया. इसके बाद चुनाव के जरिए नया अध्यक्ष चुना जाना था लेकिन पटेल ने कुर्सी नहीं छोड़ी. इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में शिकायत हुई तो मई में अदालत ने प्रफुल्ल पटेल के पूरे बोर्ड को हटा दिया था.
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Tags: AIFF, Football, Supreme CourtFIRST PUBLISHED : July 21, 2022, 15:22 IST