UP के इस शहर में वक्फ बोर्ड के पास 35 हजार बीघा जमीन

मुस्लिम धर्मगुरु चौधरी इब्राहिम हुसैन ने जानकारी देते हुए बताया कि 1954 में मुस्लिम वक्फ एक्ट बना और 1964 में वक्फ परिषद की स्थापना की गई. इसके बाद, 1995 में वक्फ अधिनियम बना.

UP के इस शहर में वक्फ बोर्ड के पास 35 हजार बीघा जमीन
अलीगढ़: वक्फ, अरबी भाषा का एक शब्द है, जिसका अर्थ होता है “खुदा के नाम पर अर्पित वस्तु” या “लोगो के विकास के लिए दिया गया धन”. इसके तहत चल और अचल दोनों प्रकार की संपत्तियां आती हैं. किसी भी मुस्लिम व्यक्ति की तरफ से दान की गई जमीन, पैसा, मकान, या अन्य कीमती वस्तुएं वक्फ के दायरे में आती हैं. इन संपत्तियों के प्रबंधन और रखरखाव के लिए अलग-अलग स्तर पर वक्फ बोर्ड की संस्थाएं काम करती हैं. मुस्लिम धर्मगुरु चौधरी इब्राहिम हुसैन ने जानकारी देते हुए बताया कि 1954 में मुस्लिम वक्फ एक्ट बना और 1964 में वक्फ परिषद की स्थापना की गई. इसके बाद, 1995 में वक्फ अधिनियम बना. वक्फ बोर्ड को दान में मिली संपत्तियों का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंदों की मदद करना, उनकी शिक्षा-दीक्षा का प्रबंध करना, मस्जिदों का निर्माण, मरम्मत और अन्य धर्मार्थ कार्यों में सहायता करना है. वक्फ एसेट्स मैनेजमेंट सिस्टम ऑफ इंडिया के मुताबिक, देश में कुल 30 वक्फ बोर्ड हैं, जिनमें से अधिकांश का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है. केंद्र सरकार का सेंट्रल वक्फ काउंसिल इन वक्फ बोर्डों के साथ तालमेल कर काम करता है. वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का दायरा चौधरी इब्राहिम हुसैन के अनुसार, वक्फ बोर्ड के पास 8 लाख एकड़ से अधिक जमीन है. यदि केवल अलीगढ़ की बात करें तो यहां वक्फ बोर्ड की 35,000 बीघा जमीन है, जिसमें ज्यादातर मस्जिद, मदरसा, और कब्रगाह शामिल हैं. इतिहास के पन्नों में वक्फ संपत्तियां वक्फ बोर्ड को अधिकांश संपत्तियां मुस्लिम शासनकाल के दौरान मिलीं. दिल्ली सल्तनत की स्थापना के साथ ही वक्फ को संपत्तियां मिलती रहीं. मुगलों के शासनकाल में भी वक्फ संस्थाओं को मस्जिद, मदरसा, और कब्रगाह के लिए बड़ी मात्रा में जमीनें मिलीं. इसके अलावा, 1947 में विभाजन के समय, पाकिस्तान जाने वाले कई मुसलमानों ने भी अपनी संपत्ति वक्फ को दान कर दी थी. संपत्तियों का दुरुपयोग और जिम्मेदारियों की अनदेखी हालांकि, चौधरी इब्राहिम हुसैन का कहना है कि वक्फ बोर्ड के वर्तमान जिम्मेदार लोग अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से नहीं निभा रहे हैं. जिन लोगों को इन संपत्तियों का हकदार होना चाहिए था, उन्हें यह संपत्ति नहीं मिल पाई, और इसका दुरुपयोग हो रहा है. वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग न होना एक गंभीर मुद्दा है, जो कि गलत और अनैतिक है. Tags: Local18, Waqf BoardFIRST PUBLISHED : August 9, 2024, 15:55 IST jharkhabar.com India व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें
Note - Except for the headline, this story has not been edited by Jhar Khabar staff and is published from a syndicated feed